देश के 8 बड़े शहरों में घटी सस्ते घरों की सप्लाई, जनवरी-मार्च में 38 फीसदी की गिरावट

प्रॉपइक्विटी के आंकड़ों के अनुसार, देश के आठ बड़े शहरों में जनवरी-मार्च 2024 के दौरान 60 लाख रुपये तक कीमत के घरों की नई सप्लाई 33,420 यूनिट रही, जो एक साल पहले की समान अवधि में 53,818 यूनिट थी। ये आठ शहर दिल्ली-NCR, मुंबई महानगर क्षेत्र (MMR), बेंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नई, कोलकाता, पुणे और अहमदाबाद हैं

अपडेटेड May 26, 2024 पर 4:15 PM
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देश के 8 बड़े शहरों में 60 लाख रुपये तक कीमत वाले सस्ते घरों की नई सप्लाई 38 फीसदी घटकर 33,420 यूनिट रह गई है।

इस साल जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान देश के 8 बड़े शहरों में 60 लाख रुपये तक कीमत वाले सस्ते घरों की नई सप्लाई 38 फीसदी घटकर 33,420 यूनिट रह गई है। इसकी वजह यह है कि बिल्डर लक्जरी यानी महंगे फ्लैट बनाने पर फोकस कर रहे हैं। रियल एस्टेट के आंकड़ों का विश्लेषण करने वाली कंपनी प्रॉपइक्विटी की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। प्रॉपइक्विटी ने कहा कि सस्ते घरों की सप्लाई घटने की वजह जमीन और निर्माण की लागत बढ़ना है। इससे सस्ते घरों का निर्माण बहुत लाभ का सौदा नहीं रह गया है।

प्रॉपइक्विटी के आंकड़ों के अनुसार, देश के आठ बड़े शहरों में जनवरी-मार्च 2024 के दौरान 60 लाख रुपये तक कीमत के घरों की नई सप्लाई 33,420 यूनिट रही, जो एक साल पहले की समान अवधि में 53,818 यूनिट थी। ये आठ शहर हैं – दिल्ली-एनसीआर, मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर), बेंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नई, कोलकाता, पुणे और अहमदाबाद। आंकड़ों से पता चलता है कि 2023 के कैलेंडर साल के दौरान इस प्राइस कैटेगरी में नई सप्लाई में 20 फीसदी की गिरावट आई और गिरावट का रुझान इस साल की पहली तिमाही में भी जारी रहा।

प्रॉपइक्विटी के CEO का बयान


प्रॉपइक्विटी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) और MD समीर जसूजा ने कहा, "देश के आठ बड़े शहरों में पेश की गई सस्ती आवासीय घरों की संख्या में बड़ी गिरावट आ रही है। 2023 में 60 लाख रुपये से कम कीमत के सिर्फ 1,79,103 घर पेश किए गए। यह 2022 के आंकड़े 2,24,141 यूनिट से 20 फीसदी कम है।" उन्होंने कहा कि यह ट्रेंड 2024 में भी जारी रहने की उम्मीद है।

जसूजा ने कहा, "इस गिरावट के कई कारण हैं। रियल एस्टेट की बढ़ती कीमतें (पिछले दो सालों में कुछ शहरों में 50-100 फीसदी तक) और बढ़ती निर्माण लागत की वजह से सस्ती आवासीय परियोजनाएं रियल एस्टेट कंपनियों के लिए बहुत लाभ का सौदा नहीं रह गई हैं।" उन्होंने कहा कि इसके अलावा महामारी के बाद अब लोग बड़े घर चाहते हैं। इनपर उन्हें ऊंचा मार्जिन भी मिलता है।

इस रुख पर चिंता जताते हुए क्रेडाई एनसीआर, भिवाड़ी-नीमराणा के सचिव नितिन गुप्ता ने कहा कि निम्न और मध्यम आय वर्ग के लोगों के घर के सपने को पूरा करने के लिए सस्ते घरों के निर्माण को प्राथमिकता देने की जरूरत है। प्रॉपइक्विटी के आंकड़ों के अनुसार, जनवरी-मार्च के दौरान मुंबई महानगर क्षेत्र (MMR) में 60 लाख रुपये तक की कीमत वाले घरों की नई सप्लाई घटकर 15,202 यूनिट रह गई, जो एक साल पहले की समान अवधि में 22,642 यूनिट थी।

अलग-अलग शहरों में सस्ते घरों की सप्लाई

पुणे में 60 लाख रुपये तक की कीमत वाले घरों की नई सप्लाई 12,538 यूनिट से गिरकर 6,836 यूनिट पर आ गई। अहमदाबाद में नई सप्लाई 5,971 यूनिट से गिरकर 5,504 यूनिट पर आ गई। हैदराबाद में यह 2,319 यूनिट से घटकर 2,116 यूनिट पर आ गई। वहीं चेन्नई में यह 3,862 से घटकर 501 यूनिट पर आ गई।

बेंगलुरु में नई सप्लाई 3,701 यूनिट से घटकर 657 यूनिट रही। कोलकाता में नई सप्लाई 2,747 से घटकर 2,204 यूनिट रही। हालांकि, दिल्ली-एनसीआर में 60 लाख रुपये तक कीमत के घरों की नई सप्लाई बढ़कर 400 यूनिट हो गई, जो एक साल पहले की समान अवधि में 38 यूनिट थी।

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