अगर आपका अभी तक घर का सपना पूरा नहीं हुआ है तो पीएम आवास योजना के तहत पूरा कर सकते हैं। यह योजना केंद्र सरकार की है। इस योजना में शहरी और ग्रामीण दोनों लोगों को फायदा मिलता है। इस बीच उत्तर प्रदेश में सरकारी योजना के तहत मिलने आवास के नियमों में बड़ा बदलाव किया गया है। सूबे में प्रधानमंत्री आवास योजन (ग्रामीण) और मुख्यमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के नियमों में बड़ा बदलाव किया गया है। राज्य में अब महिलाओं के नाम से ही घर बनाने की मंजूरी दी जाएगी। इन सरकारी योजनाओं के तहत महिला मुखिया का नाम जोड़ना जरूरी हो गया है। हालांकि कुछ शर्तों पर नियमों में ढील दी गई है।
अब इन योजनाओं के तहत दिए जाने वाले सभी नए आवास केवल महिला मुखिया के नाम पर ही स्वीकृत किए जाएंगे। इनता ही नहीं, जिन पुरुषों के नाम पहले से आवासों को मंजूरी दी गई है। अब उनमें घर की मुखिया का नाम जोड़ा जाएगा। इसका मकसद ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण प्रदान करना है। जिससे वे अपने घरों की मालिक बनकर आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ सकें।
जानिए क्या है पीएम आवास योजना, किसे मिलता है फायदा
बता दें कि भारत सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरुआत साल 2015 में की थी। इस योजना के तहत भारत सरकार गरीब जरूरतमंद लोगों को पक्का मकान बनवाने में आर्थिक मदद मुहैया कराती है। इस योजना के तहत भारत सरकार करोड़ों लोगों को लाभ दे चुकी है। इस योजना के लिए भारत सरकार की तरफ से योग्यता तय की गई है। उसी के आधार पर लोगों को सरकार फायदा देती है। इस योजना में जरूरत मंद लोगों को ही लाभ दिया जाता है। कुछ लोग ऐसे भी होते है जो धोखाधड़ी करके और फर्जी डॉक्यूमेंट लगाकर योजना का फायदा उठा लेते हैं। यह पूरी तरह से गैरकानूनी है। ऐसा करने पर आपको सजा हो सकती है। भारत सरकार अब फर्जीवाड़ा करने वालों का पता कर रही है जो धोखाधड़ी से योजना का लाभ ले रहे है।
जानें बाकी राज्यों में क्या है नियम
भारत के बाकी राज्यों में प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर नियमों में इस तरह का कोई बदलाव नहीं हुआ है। प्रधानमंत्री आवास योजन (ग्रामीण) में यह बदलाव खास तौर पर सिर्फ उत्तर प्रदेश सरकार ने किए हैं। यह नियम सिर्फ उत्तर प्रदेश में लागू होगा। बाकी राज्यों में प्रधानमंत्री आवास योजना जैसे चल रही है, वैसे ही जारी रहेगी।