PPF Withdrawal Process: पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF) या पीपीएफ भारत में एक लंबी अवधि की निवेश योजना है। पीपीएफ योजना निवेशकों को 15 साल के पीरियड के लिए सालाना न्यूनतम 500 रुपये और अधिकतम 1.5 लाख रुपये जमा करने की इजाजत देता है। पीपीएफ पर ब्याज दर सरकार तय करती है और इस पर अभी सालाना 7.1 फीसदी का ब्याज मिलता है। पीपीएफ में 15 साल का लॉक-इन पीरियड होता है। इसका मतलब है कि निवेशक 15 साल तक इसमें से पैसा नहीं निकाल सकता। हालांकि, कुछ शर्तों को पूरा करने पर 50 फीसदी तक का पैसा भी निकाल सकते हैं।
आपके पीपीएफ अकाउंट के खाता खोलने की तारीख से 5 साल पूरे होने के बाद निवेशक पीपीएफ खाते से कुछ पैसा निकाल सकते हैं। आप चौथे साल के खत्म होने पर अपने अमाउंट का 50 फीसदी पैसा निकाल सकते हैं।
मेडिकल कारणों पर निकाल सकते हैं पैसा
कोई व्यक्ति अपने या परिवार के किसी सदस्य के लिए मेडिकल इमरजेंसी के समय अपने पीपीएफ खाते से पैसा निकाल सकते हैं। इस कंडीशन में भी आप चौथे साल के खत्म होने पर अपने अमाउंट का 50 फीसदी पैसा निकाल सकते हैं। इसमें भी आपके पीपीएफ खाते का 5 साल पूरा होना जरूरी है।
हायर एजुकेशन के लिए निकाल सकते हैं पैसा
एक पीपीएफ खाताधारक अपने या अपने किसी भी बच्चे की शिक्षा के खर्च को पूरा करने के लिए पीपीएफ खाते से पैसे निकाल सकता है। इसमें भी यही शर्त है कि आप 50 फीसदी पैसा ही निकाल सकते हैं।
ऐसे मामलों में नामांकित व्यक्ति पीपीएफ खाते से पूरा पैसा निकाल सकता है।
पीपीएफ राशि ऑनलाइन कैसे निकालें?
पीपीएफ अकाउंट निकासी नियमों के तहत आपको फॉर्म सी जमा करना होगा, जो बैंक या डाकघर में मिल जाएगा। फॉर्म में आपको अकाउंट नंबर और वह पैसा जो आप निकालना चाहते हैं, बताना होगा। साथ ही अपने हस्ताक्षर और एक रेवेन्यू स्टैंप शामिल करना होगा। उसके बाद, आपको इसे पासबुक के साथ जमा करना होगा। राशि सीधे आपके बचत खाते में जमा कर दी जाएगी, या आप डिमांड ड्राफ्ट का रिक्वेस्ट भी कर सकते हैं। अगर आपका बैंक ऑनलाइन पीपीएफ अकाउंट ऑपरेट करने की इजाजत देता है तो आप ये काम ऑनलाइन भी कर सकते हैं।