RBI Gold Loan new Guidelines: आरबीआई की नई गाइडलाइंस लागू होने के बाद भी गोल्ड लोन के छोटे ग्राहकों को नहीं होगी परेशानी

RBI Gold Loan new Guidelines: गोल्ड लोन के लिए RBI की नई गाइडलाइंस 1 जनवरी, 2026 से लागू हो सकती है। फाइनेंस मिनिस्ट्री के तहत आने वाले डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल सर्विसेज (DFS) ने छोटे अमाउंट का गोल्ड लोन लेने वाले ग्राहकों को नई गाइडलाइंस के दायरे से बाहतर रखने का सुझाव दिया है

अपडेटेड May 30, 2025 पर 12:31 PM
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RBI ने 9 अप्रैल को गोल्ड लोन के लिए ड्राफ्ट गाइडलाइंस जारी की थी। इसका मकसद गोल्ड लोन से जुड़े मौजूदा नियमों की कमियां दूर करना है।
     
     
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    गोल्ड लोन के लिए आरबीआई की नई गाइडलांस का असर कम अमाउंट का गोल्ड लोन लेने वाले लोगों पर नहीं पड़ेगा। इस बारे में मिनिस्ट्री फाइनेंस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट किया है। 30 मई को किए इस पोस्ट में कहा गया है कि सरकार ने गोल्ड लोन के लिए आरबीआई की ड्राफ्ट गाइडलाइंस की स्टडी की है। सरकार ने आरबीआई से कहा है कि नई गाइडलाइंस से 2 लाख रुपये तक का गोल्ड लोन लेने वाले लोगों को इससे दिक्कत नहीं होनी चाहिए। फाइनेंस मिनिस्ट्री के इस पोस्ट से मुथूट फाइनेंस और मणप्पुरम फाइनेंस जैसी गोल्ड लोन कंपनियों के शेयरों में तेजी देखने को मिली।

    गोल्ड लोन के नए नियम 1 जनवरी से लागू हो सकते हैं

    गोल्ड लोन (Gold Loan) के लिए RBI की नई गाइडलाइंस 1 जनवरी, 2026 से लागू हो सकती है। मिनिस्ट्री ऑफ फाइनेंस के पोस्ट में कहा गया है, "@DFS_India ने @RBI को यह कहा है कि कम अमाउंट का गोल्ड लेने वाले लोगों को दिक्कत नहीं नहीं होनी चाहिए...ऐसी गाइडलाइंस को जमीनी स्तर पर लागू करने की जरूरत है। इसलिए इसे सिर्फ 1 जनवरी, 2026 से लागू करना ठीक होगा।" फाइनेंस मिनिस्ट्री के तहत आने वाले डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल सर्विसेज (DFS) ने छोटे अमाउंट का गोल्ड लोन लेने वाले ग्राहकों को नई गाइडलाइंस के दायरे से बाहतर रखने का सुझाव भी दिया है। इससे उन्हें जल्द लोन मिल सकेगा।


    ड्राफ्ट गाइडलाइंस पर मिले फीडबैक पर विचार करेगा RBI

    फाइनेंस मिनिस्ट्री ने कहा है कि आरबीआई ड्राफ्ट गाइडलाइंस पर मिले फीडबैक की स्टडी कर रहा है। उसे उम्मीद है कि इस मसले से जुड़े सभी पक्षों की सलाह पर विचार करने के बाद ही अंतिम निर्देश तैयार होगा। RBI ने 9 अप्रैल को गोल्ड लोन के लिए ड्राफ्ट गाइडलाइंस जारी की थी। इसका मकसद गोल्ड लोन से जुड़े मौजूदा नियमों की कमियां दूर करना है। ड्राफ्ट गाइडलाइंस में अंडरराइटिंग बढ़ाने, कोलैटरल मैनेजमंट में इम्प्रूवमेंट और गोल्ड लोन से मिले फंड के इस्तेमाल पर नजर जैसे उपाय शामिल हैं।

    नई गाइडलाइंस का असर गोल्ड लोन की ग्रोथ पर पड़ सकता है

    गोल्ड लोन इंडस्ट्री से जुड़े एक सूत्र ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर कहा, "आरबीआई के ड्राफ्ट नॉम्स में गोल्ड लोन कंपनियों के लोन सैंक्शन करने से पहले सभी अंडरराइटिंग पूरी करने पर जोर दिया गया है। अभी अंडरराइटिंग के मामले में लापरवाही देखने को मिलती है। लेकिन, गोल्ड लोन कंपनियों का मानना है कि इससे प्रोसेस पूरा करने में उनका लगने वाला समय बढ़ जाएगा।" हाल में क्रिसिल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि गोल्ड लोन के आरबीआई के नए नियमों का असर गोल्ड लोन कंपनियों के बिजनेस पर पड़ेगा। उनके बिजनेस की ग्रोथ इससे सुस्त पड़ सकती है।

    गोल्ड लोन कंपनियों के शेयरों में उछाल

    30 मई को Muthoot Finance के शेयरों में जबर्दस्त तेजी दिखी। दोपहर में यह स्टॉक 7.4 फीसदी चढ़कर 2,219 रुपये पर चल रहा था। Manappuram Finance का शेर 3.88 फीसदी के उछाल के साथ 240.88 रुपये था।

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