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RBI ने डिजिटल पेमेंट सुरक्षा बढ़ाने के लिए लागू किया नया नियम, 1 अप्रैल 2026 से ये रूल होगा अनिवार्य

RBI ने डिजिटल पेमेंट्स को सुरक्षित बनाने के लिए एक बड़ा नियम लागू करने का फैसला लिया है जिससे डिजिटल पेमेंट्स करने वाले यूजर्स को काफी सहायता मिलने वाली है।

अपडेटेड Sep 25, 2025 पर 6:20 PM
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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने डिजिटल लेन-देन को और सुरक्षित बनाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। इसके तहत 1 अप्रैल 2026 से सभी डिजिटल पेमेंट्स में कम से कम दो अलग-अलग तरीकों से वेरिफिकेशन यानी दो-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) अनिवार्य होगा। इसमें पासवर्ड, OTP, बायोमेट्रिक्स, हार्डवेयर टोकन जैसे विकल्प शामिल होंगे, ताकि ऑनलाइन फ्रॉड से सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

इस नए नियम का उद्देश्य यूजर्स को ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचाना है, खासतौर पर फिशिंग और सिम स्वैपिंग जैसी फ्रॉड का खतरा कम करना। अब तक भारत में मुख्य रूप से SMS-आधारित OTP का इस्तेमाल होता था, लेकिन RBI ने टेक्नोलॉजी के इस बदलाव के साथ बायोमेट्रिक्स, डिवाइस-नैटिव फीचर्स व टोकनाइजेशन जैसे आधुनिक तरीके अपनाने पर जोर दिया है।

RBI ने कहा है कि हर लेन-देन में कम से कम एक वेरिफिकेशन तरीका डायनेमिक होना चाहिए, यानी वह उस खास ट्रांजैक्शन के लिए अलग और वैध हो। इसके साथ, भुगतान जार कर्ता की जिम्मेदारी होगी कि अगर ऑथेंटिकेशन नियमों का पालन नहीं होने पर कोई नुकसान होता है, तो ग्राहक को पूरा मुआवजा दिया जाए।


साथ ही, RBI की गाइडलाइंस के मुताबिक, कुछ मामलों में जोखिम-आधारित जांच भी की जा सकेगी, जिसमें यूजर के व्यवहार, डिवाइस या लोकेशन को ध्यान में रखकर अतिरिक्त सुरक्षा उपाय लागू किए जाएंगे। भारत के डिजिटल पेमेंट सिस्टम को ज्यादा सुरक्षित, भरोसेमंद और यूजर-फ्रेंडली बनाने के लिए यह नियम एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

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