भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने IDBI बैंक पर 36.3 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। जुर्माना FEMA, 1999 के सेक्शन 11(3) के तहत लगाया गया है। बैंक पर FEMA, 1999 के सेक्शन 10(4) के उल्लंघन का आरोप है। जुर्माने के बारे में IDBI बैंक ने शेयर बाजारों को जानकारी दी है। एक्सचेंज फाइलिंग में कहा गया कि जुर्माने की वजह जून 2016 से जनवरी 2023 की अवधि के दौरान प्राप्त 363 इनवर्ड रेमिटेंसेज से संबंधित विदेशी मुद्रा लेनदेन की प्रोसेसिंग और उन्हें इजाजत देने में ड्यू डिलीजेंस का पालन नहीं किया जाना है।
इस बारे में RBI ने कहा है, "भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंक को कारण बताओ नोटिस जारी किया था, जिस पर बैंक ने लिखित जवाब दिया और उस पर ओरल सबमिशन भी किए। मामले के तथ्यों और मामले में बैंक के जवाब पर विचार करने के बाद, भारतीय रिजर्व बैंक इस नतीजे पर पहुंचा कि नियमों का उल्लंघन हुआ है और जुर्माना लगाना उचित है।"
Citibank N.A. ने कौन सा नियम तोड़ा
इसके अलावा भारतीय रिजर्व बैंक ने FEMA, 1999 के सेक्शन 11(3) के प्रावधानों के तहत Citibank N.A. पर 36.28 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम के तहत किए गए लेनदेन की रिपोर्टिंग को लेकर RBI की ओर से जारी निर्देशों के उल्लंघन के लिए लगाया गया है। भारतीय रिजर्व बैंक Citibank N.A. को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया था। इसके बाद बैंक ने लिखित जवाब प्रस्तुत किया था और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान ओरल सबमिशन किए। मामले के तथ्यों और मामले में बैंक के जवाब पर विचार करने के बाद, भारतीय रिजर्व बैंक इस नतीजे पर पहुंचा कि उल्लंघन सिद्ध हो चुके हैं और FEMA, 1999 के तहत जुर्माना लगाया जाना उचित है।
RBI ने स्पष्ट किया है कि IDBI Bank और Citibank N.A.के खिलाफ यह कार्रवाई रेगुलेटरी कंप्लायंस में कमियों पर बेस्ड है और इसका उद्देश्य बैंक की ओर से अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल उठाना नहीं है। IDBI बैंक ने भी कहा है कि केंद्रीय बैंक के इस एक्शन का उसके फाइनेंशियल, ऑपरेशन या अन्य एक्टिविटीज पर कोई असर नहीं होगा।