RBI: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बैंकों को सख्त निर्देश जारी किए हैं, जिनके तहत अब उन्हें बाहरी खातों में किए गए कैश पेमेंट का रिकॉर्ड रखना अनिवार्य होगा। यह नया नियम 1 नवंबर, 2024 से लागू होगा। इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य वित्तीय ट्रांजेक्शन में पारदर्शिता और सुरक्षा को बढ़ाना है।
आरबीआई ने अपने अक्टूबर 2011 के घरेलू कैश ट्रांसफर फ्रेमवर्क में रिवीजन करते हुए कहा है कि बैंकों को अब कैश पेमेंट के लाभार्थियों के नाम और पते का रिकॉर्ड रखना होगा। इसके अलावा पैसे भेजने वाले बैंक को प्रत्येक ट्रांजेक्शन के प्रमाणीकरण के लिए एक अतिरिक्त ऑथेंटिकेशन भी करना होगा। हालांकि, कार्ड-टू-कार्ड कैश ट्रांजेक्शन इस नियम के दायरे से बाहर रखा गया है।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) के एक अध्ययन से पता चला है कि इक्विटी कैश केटेगरी में 71 प्रतिशत इंट्राडे निवेशकों को 2022-23 में नुकसान हुआ। बावजूद इसके, इस अवधि में इस केटेगरी में कारोबार करने वालों की संख्या 300 प्रतिशत से अधिक बढ़ी है।
अध्ययन में यह भी पाया गया कि 30 वर्ष से कम उम्र के निवेशकों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है। 2022-23 में, इन निवेशकों की हिस्सेदारी 48 प्रतिशत हो गई, जो 2018-19 में काफी कम थी। दिलचस्प बात यह है कि जो निवेशक बहुत अधिक ट्रांजेक्शन करते हैं, उनमें से 80 प्रतिशत को नुकसान हुआ है।