RBI Rate Cut: 8 साल के निचले स्तर पर महंगाई, RBI अब ब्याज दरों में कटौती करेगा या नहीं? जानिए एक्सपर्ट से
RBI Rate Cut: जुलाई में खुदरा महंगाई आठ साल के निचले स्तर पर आ गई है। लेकिन RBI की ब्याज दरों में कटौती पर एक्सपर्ट्स की राय बंटी हुई है। जानिए क्या है इसकी वजह और RBI अब ब्याज दरों में कटौती करेगा या नहीं।
अगस्त में RBI की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) ने सर्वसम्मति से रेपो रेट को 5.5 प्रतिशत पर बनाए रखने का फैसला किया।
RBI Rate Cut: जुलाई में कंज्यमूर प्राइस इंडेक्स (CPI) पर आधारित महंगाई दर आठ साल के निचले स्तर पर आ गई है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) रेपो रेट तय करते समय इस महंगाई को काफी तवज्जो देता है। हालांकि, खुदरा महंगाई भले ही 8 साल के निचले स्तर पर हो, फिर एक्सपर्ट की राय बंटी हुई है कि RBI आगे ब्याज दरों में कटौती करेगा या नहीं।
अगस्त में RBI की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) ने सर्वसम्मति से रेपो रेट को 5.5 प्रतिशत पर बनाए रखने का फैसला किया। इसका मकसद था कि मौजूदा साइकल में पहले ही की गई 100 बेसिस प्वाइंट की कटौती का प्रभाव अर्थव्यवस्था में उतर सके। हालांकि, कई एनालिस्टों का मानना है कि यह नीतिगत ठहराव आगे दरों में नरमी का रास्ता खोल सकता है।
ग्लोबल ट्रेड में बढ़ते जोखिम से परेशानी
अर्थशास्त्रियों ने वैश्विक अनिश्चितता और इसके सप्लाई चेन पड़ने वाले असर को गंभीर चिंता का विषय बताया है। खासकर, भारत के श्रम-प्रधान निर्यात क्षेत्रों पर। जैसे कि कपड़ा, चमड़ा, रत्न और आभूषण।
एलारा कैपिटल (Elara Capital) के अनुसार, भारत-अमेरिका व्यापार समझौते को लेकर जारी अनिश्चितता और जल्दी खराब होने वाली वस्तुओं में कीमतों का दबाव फिलहाल प्रमुख जोखिम बने हुए हैं। खासकर, जब मानसून आखिरी चरण में है।
रेट कट पर ब्रोकरेज का अनुमान
ब्रोकरेज / रिसर्च हाउस
RBI ब्याज दर कटौती की अनुमान
Nomura
हां; अक्टूबर और दिसंबर में दो बार 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती
JM Financial
हां; अक्टूबर में 25 बेसिस प्वाइंट
Barclays India
हां; अक्टूबर में 25 बेसिस प्वाइंट
Elara Capital
हां; अक्टूबर में 25 बेसिस प्वाइंट
Nuvama Institutional Equities
हां
Kotak Institutional Equities
केवल तब, जब आर्थिक वृद्धि कमजोर हो जाए
CareEdge Ratings
केवल तब, जब आर्थिक वृद्धि कमजोर हो जाए
नोमुरा का अनुमान, दो बार होगी कटौती
जापान की ब्रोकरेज नोमुरा (Nomura) का मानना है कि RBI अक्टूबर और दिसंबर में 25-25 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर सकता है। इससे रेपो रेट 5 प्रतिशत पर आ जाएगी। नोमुरा के अनुसार, अगस्त का ठहराव पिछली कटौतियों और अमेरिकी टैरिफ के असर का आकलन करने की रणनीति थी। ब्रोकरेज ने RBI के FY26 में 6.5 प्रतिशत वृद्धि अनुमान को अधिक बताते हुए 6.2 प्रतिशत की रियल GDP ग्रोथ का अनुमान दिया है।
अक्टूबर में कटौती की उम्मीद
एमके ग्लोबल (Emkay Global) का कहना है कि ग्लोबल ट्रेड में संभावित अस्थिरता से ग्रोथ पर दबाव बढ़ सकता है। इसके चलते मौजूदा वित्त वर्ष में कटौती की संभावना है। बार्कलेज (Barclays) का अनुमान है कि अक्टूबर में 25 आधार अंकों की कटौती के साथ नरमी का चक्र समाप्त होगा और अंतिम दर 5.25 प्रतिशत होगी।
जेएम फाइनेंशियल (JM Financial) के अनुसार, बॉन्ड मार्केट को लगता है कि जून 2025 की 50 आधार अंकों की कटौती के बाद चक्र खत्म हो चुका है। हालांकि ब्रोकरेज को अक्टूबर में एक और कटौती की उम्मीद है।
क्या अब ब्याज दरों में कटौती नहीं होगी?
कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज (Kotak Institutional Equities) और केयरएज रेटिंग्स (CareEdge Ratings) का मानना है कि RBI अब लंबे समय तक ठहराव बनाए रखेगा। इनका कहना है कि तभी कटौती मुमकिन है जब इकोनॉमिक ग्रोथ का नजरिया काफी कमजोर हो जाए या FY2027 की मुद्रास्फीति का अनुमान नीचे आए।
केयरएज का अनुमान है कि चौथी तिमाही में औसत मुद्रास्फीति 4 प्रतिशत से ऊपर और FY27 में औसतन 4.5 प्रतिशत से अधिक रहेगी, ऐसे में अर्थव्यवस्था में भारी गिरावट के बिना दर कटौती की मुमकिन नहीं है।
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