आरबीआई ने एचडीएफसी बैंक पर 1 करोड़ रुपये पेनाल्टी लगाई है। इसकी एक बड़ी वजह रिकवरी एजेंट्स के इस्तेमाल में नियमों का उल्लंघन है। इससे लोन की वसूली में ग्राहकों के साथ रिकवरी एजेंट्स की बदतमीजी का मामला फिर से सुर्खियों में आ गया है। आरबीआई ने जांच में पाया कि रिकवरी एजेंट्स ने तय नियमों का पालन नहीं किया था। उन्होंने ग्राहकों को निर्धारित समय से पहले और उसके बाद कॉन्टैक्ट किए थे। इसका मतलब है कि उन्होंने शाम 7 बजे के बाद और सुबह 7 बजे से पहले ग्राहकों को फोन किया था।
EMI पर डिफॉल्ट के बावजूद ग्राहक के साथ बदतमीजी की इजाजत नहीं
आरबीआई (RBI) का मानना है कि ग्राहकों से बातचीत में बैकों के रिकवरी एजेंट्स (Bank Recovery Agents) को तय नियमों को ध्यान में रखना होगा। साथ ही उन्हें ग्राहक की प्राइवेसी का भी सम्मान करना होगा। अगर ग्राहक ने लोन पर डिफॉल्ट किया है या ईएमआई (EMI) चुकाने में देर की हो तो भी बैंक को तय नियमों का पालन करना होगा। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस बारे में केंद्रीय बैंक के नियम व्यापक और स्पष्ट हैं। लोगों को उनके बारे में ठीक तरह से जानना जरूरी है। तभी बैंकों या वित्तीय संस्थाओं के रिकवरी एजेंट्स की मनमानी पर रोक लग पाएगी।
रिकवरी एजेंट की आईडी चेक करने के बाद ही करें बातचीत
सबसे पहले तो आपके लिए यह समझ लेना जरूरी है कि फर्जी रिकवरी एजेंट्स का शिकार बनने से खुद को कैसे बचाना है। इसके लिए जरूरी है कि लोन के बकाया आदि के बारे में बातचीत शुरू करने से पहले आपको रिकवरी एजेंट की आईडी मांगनी चाहिए। आईडी मिलने पर आपको ठीक तरह से देखना होगा कि यह बैंक या एनबीएफसी ने इश्यू किया है या नहीं। जब आपको यह पक्का हो जाए कि रिकवरी एजेंट उसी बैंक का है, जिससे आपने लोन लिया है तभी उससे बातचीत शुरू करें।
ग्राहक की निजी जानकारी रिकवरी एजेंट शेयर नहीं कर सकता
रिकवरी एजेंट के लिए आपके लोन से जुड़ी जानकारियां गोपनीय रखना अनिवार्य है। वह आपकी जानकारियां किसी के साथ शेयर नहीं कर सकता। वह पब्लिक में या किसी तीसरे पक्ष से आपके लोन के बारे में बातचीत भी नहीं कर सकता। अगर आपको लगता है कि रिकवरी एजेंट इन नियमों का उल्लंघन कर रहा है तो आपको बैंक या एनबीएफसी में उसकी शिकायत करनी चाहिए। आप रिकवरी एजेंट के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी कर सकते हैं।
रिकवरी एजेंट सिर्फ 7 बजे सुबह से शाम 7 बजे के बीच संपर्क कर सकता है
आरबीआई के नियम के मुताबिक, रिकवरी एजेंट को ग्राहक से बातचीत में शालीनता बरतनी होगी। उन्हें आपके पर्सनल स्पेस का ध्यान रखना होगा और वे आपसे सिर्फ सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे के बीच संपर्क कर सकते हैं। अगर रिकवरी एजेंट इन नियमों का पालन नहीं करता है तो आप उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकते हैं। इसके लिए आपको सबूत पेश करना होगा। आप उसकी फोन कॉल को रिकॉर्ड कर सकते हैं। उसके एसएमएस को सेव कर सकते हैं।
आपके लोन पर डिफॉल्ट किया है? आपको डरने की जरूरत नहीं है
1. बैंक से लोन के बारे में बातचीत करें
आप बैंक को लोन पर डिफॉल्ट की वजह बता सकते हैं। अगर आपकी वित्तीय स्थिति ठीक नहीं है तो उसके बारे में बैंक को बताना जरूरी है। बैंक आपकी प्रॉब्लम को समझेगा और कोई समाधान निकालने की कोशिश करेगा। इससे बैंक को यह भरोसा होगा कि आपकी मंशा लोन चुकाने की है। इससे रिकवरी एजेंट आपके साथ बदतमीजी नहीं कर सकेगा।
2. लोन की रिस्ट्रक्चरिंग के लिए अप्लाई करें
आप बैंक के पास अपने लोन की रिस्ट्रक्चरिंग के लिए अप्लाई कर सकते हैं। इससे आपके लिए लोन चुकाने की शर्तों आसान हो जाएगी। आपको लोन चुकाने के लिए ज्यादा समय मिल जाएगा। इससे डिफॉल्ट जैसी समस्या का सामना आपको नहीं करना पड़ेगा। आप धीरे-धीरे कर लोन चुका देंगे। लेकिन, रिस्ट्रक्चरिंग के प्रपोजल पर हस्ताक्षर करने से पहले उसे ठीक तरह से देख और समझ लेना जरूरी है।
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अगर आप बैंक या एनबीएफसी को लोन का पूरा पैसा नहीं चुका सकते तो वन-टाइम सेटलमेंट का ऑप्शन है। आप एक बार में बैंक को एक निश्चित अमाउंट का पेमेंट कर सकते हैं, जो कुल लोन अमाउंट से कम हो सकता है। लेकिन, इसके लिए बैंक की सहमति जरूरी है। लेकिन, आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में यह रिफ्लेक्ट होगा। इसका आपके क्रेडिट स्कोर पर खराब असर पड़ सकता है। आपको भविष्य में लोन मिलने में भी दिक्कत आ सकती है।