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RBI ने LRS का दायरा बढ़ाया, इंटरनेशनल क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल पर भी लगेगा 20% TCS, नए नियम के बारे में यहां जानें सबकुछ

इंटरनेशनल क्रेडिट कार्ड्स (ICC) के जरिए फॉरेन करेंसी में होने वाले खर्च को भी LRS के दायरे में लाया गया है। इसका मतलब है कि रेजिडेंट्स अब मैक्सिमम 2.5 लाख डॉलर सॉलाना फंड विदेश भेज सकते हैं

MoneyControl Newsअपडेटेड May 18, 2023 पर 2:32 PM
RBI ने LRS का दायरा बढ़ाया, इंटरनेशनल क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल पर भी लगेगा 20% TCS, नए नियम के बारे में यहां जानें सबकुछ
यूनियन बजट 2023 में TCS के रेट को बढ़ाकर 20 फीसदी करने का ऐलान किया गया था। अभी यह 5 फीसदी है।

RBI ने लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (LRS) का दायरा बढ़ा दिया है। इंटरनेशनल क्रेडिट कार्ड्स (ICC) के जरिए फॉरेन करेंसी में होने वाले खर्च को भी इसके दायरे में लाया गया है। इसका मतलब है कि रेजिडेंट्स अब मैक्सिमम 2.5 लाख डॉलर सॉलाना फंड विदेश भेज सकते हैं। इसके लिए RBI की इजाजत की जरूरत नहीं पड़ेगी। साथ ही इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा कि इस पैसे का इस्तेमाल व्यक्तिगत मकसद के लिए किया जाता है या कारोबारी मकसद के लिए। हालांकि, इस पर टैक्स कलेक्टेड एट सोर्स (TCS) लागू होगा।

सरकार ने यूनियन बजट 2023 में कहा ता कि इंटरनेशनल क्रेडिट कार्ड से होने वाले खर्च पर 20 फीसदी टीसीएस का नियम लागू होगा। यह नियम 1 जुलाई से लागू होगा। LRS का दायरा बढ़ाने से विदेश में हाई वैल्यू ट्रांजेक्शन की मॉनिटरिंग में मदद मिलेगी। लेकिन इस पर 20 फीसदी टीसीएस के नियम को लेकर सोशल मीडिया पर काफी चर्चा हो रही है।

LRS क्या है?

RBI एलआरएस स्कीम के तहत रेजिटेंड्स को विदेश में पैसे खर्च करने की इजाजत देता है। निवेश और खर्च के लिए इसकी सीमा तय है। इसके तहत ट्रेवल, एजुकेशन, बीमारी का इलाज और सिक्योरिटीज एवं फिजिकल एसेट्स खरीदने पर होने वाले खर्च शामिल हैं। हालांकि, ऐसे दूसरे सभी ट्रांजेक्शंस जिसकी इजाजत FEMA के तहत नहीं है और जो विदेशी एक्सचेंज/विदेसी काउंटरपार्टी के लिए मार्जिन कॉल के लिए रेमिटेंस के रूप में हैं, उन्हें इस स्कीम के तहत इजाजत नहीं है।

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