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Gold Loan: देश में गोल्ड लोन का बढ़ रहा है क्रेज, RBI के एक फैसले के बाद भी नहीं कम हो रही डिमांड, जानिए क्या है इसके पीछे की असली वजह

Gold Loan Demand Soars: RBI की फाइनेंशियल स्टेबिलिटी रिपोर्ट (FSR) के अनुसार, 2024 में गोल्ड लोन का बाजार ₹7.1 लाख करोड़ का था, जो 2028 तक दोगुना होकर ₹14.19 लाख करोड़ होने की उम्मीद है

Edited By: Abhishek Guptaअपडेटेड Sep 30, 2025 पर 9:55 AM
Gold Loan: देश में गोल्ड लोन का बढ़ रहा है क्रेज, RBI के एक फैसले के बाद भी नहीं कम हो रही डिमांड, जानिए क्या है इसके पीछे की असली वजह
RBI के सितंबर 2025 बुलेटिन के अनुसार, पिछले साल जुलाई 2024 तक बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र ने ₹1,32,535 करोड़ का गोल्ड लोन दिया था

Gold Loan: भारत में गोल्ड लोन यानी सोने के बदले कर्ज लेने की दर में भारी बढ़ोतरी दर्ज हुई है। जुलाई 2025 तक, गोल्ड लोन में 122 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में दर्ज 44 प्रतिशत की वृद्धि से लगभग तीन गुना अधिक है। RBI के सितंबर 2025 बुलेटिन के अनुसार, पिछले साल जुलाई 2024 तक बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र ने ₹1,32,535 करोड़ का गोल्ड लोन दिया था, जो इस साल जुलाई तक बढ़कर ₹2,94,166 करोड़ हो गया है।

अन्य परिसंपत्तियों के मुकाबले, गोल्ड लोन की रफ्तार सबसे अधिक है। शेयरों और बॉन्ड्स के बदले कर्ज में केवल 3.3 प्रतिशत और फिक्स्ड डिपॉजिट के बदले कर्ज में 16.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। आइए आपको बताते हैं आखिर क्या है इसके पीछे की असली वजह

1. सोने की कीमतों में ऐतिहासिक उछाल

गोल्ड लोन में इस विस्फोट का सबसे बड़ा कारण सोने की कीमतों में आया भारी उछाल है। सोने को लेकर भारतीयों की गहरी आस्था और इसे एक सुरक्षित निवेश मानने की प्रवृत्ति ने इसमें योगदान दिया है। 31 दिसंबर को सोने की कीमत ₹78,950 प्रति 10 ग्राम थी, जो 26 सितंबर 2025 को बढ़कर ₹1,17,700 हो गई। इस उछाल के कारण उधारकर्ताओं को अब कम सोने के बदले अधिक कर्ज मिल रहा है, जो इसे तुरंत पैसा प्राप्त करने का एक आकर्षक विकल्प बनाता है।

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