अमेरिका में मंदी और ब्याज दरों में बढ़ोतरी बाजार की परेशानी की अहम वजह : रिधम देसाई

रिधम देसाई का मानना है कि वित्त वर्ष 2022 में 35 फीसदी EPS ग्रोथ के बाद। वित्त वर्ष 2023 में अब EPS में मध्यम स्तर के ग्रोथ की संभावना है

अपडेटेड Jun 07, 2022 पर 3:45 PM
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रिधम देसाई ने कहा कि अगर 2023 में भी महंगाई ऊंचे स्तर पर कायम रहती है तो इसके देश की ग्रोथ पर असर पड़ता दिख सकता है

शॉर्ट टर्म में बाजार एक दायरे में घूमता नजर आएगा। यहां से इसमें और गिरावट भी देखने को मिल सकती है। रुस-यूक्रेन युद्ध की लगातार खराब होती स्थिति और अमेरिका में संभावित मंदी बाजार के लिए चिंता के सबसे बड़े कारण हैं। ये बातें मॉर्गन स्टेनली के मैनेजिंग डायरेक्टर रिधम देसाई ने CNBC TV-18 के साथ 7 जून को हुई एक बातचीत में कही।

इस बातचीत में उन्होंने आगे कहा कि पाम और सूरजमुखी के तेल की कीमतों में बढ़ोतरी और अमेरिकी मार्केट में मंदी की संभावनाएं बाजार को डरा रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस समय भारत पहले की तुलना में कीमतों में इस उछाल का सामना करने के लिए ज्यादा बेहतर स्थिति में नजर आ रहा है। आरबीआई की तरफ से मई में ब्याज दरों में अचानक की गई बढ़ोतरी का बाजार पर अच्छा असर नहीं पड़ा है। इससे निवेशकों में यह संदेश गया है कि महंगाई का डर ज्यादा गहरा है।

इस बातचीत में रिधम देसाई ने यह भी कहा है कि अगर 2023 में भी महंगाई ऊंचे स्तर पर कायम रहती है तो इसके देश की ग्रोथ पर असर पड़ता दिख सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि रूस में चल रहे संकट के चलते भारत में फर्टिलाइजर की कीमतों में बढ़ोतरी का जोखिम है। इस जोखिम से निपटने के लिए सरकार अपने बजट में बढ़ोतरी कर रही है। अगर रूस और यूक्रेन की यह लड़ाई जल्द ही खत्म नहीं होती है तो फर्टिलाइजर पर दी जाने वाली भारी सब्सिडियरी अगले वर्ष भी जारी रखनी पड़ेगी।


हमारे लिए फर्टिलाइजर की कीमतों में बढ़ोतरी को बर्दाश्त करना काफी मुश्किल होगा। फर्टिलाइजर के महंगे होने से फूड प्राइज बढ़ेगी। फूड प्राइज बढ़ने का मतलब होगा महंगाई बढ़ना और इस महंगाई को नियंत्रित करने के लिए ब्याज दरों में बढ़ोतरी की जाएगी और अंतत: इसका असर ग्रोथ में गिरावट के रुप में सामने आएगा।

रिधम देसाई का मानना है कि वित्त वर्ष 2022 में 35 फीसदी EPS ग्रोथ के बाद। वित्त वर्ष 2023 में अब EPS में मध्यम स्तर के ग्रोथ की संभावना है । बाजार पर बात करते हुए उन्होंने आगे कहा कि इस समय बैंक, ऑटो, रियल एस्टेट स्टॉक अच्छे नजर आ रहे हैं। खपत वाले शेयरों में ट्रैवल , लेजर, मीडिया और ऑटो एंसिलिरी पर भी रिधम देसाई की नजर है।

उन्होंने इस बातचीत में आगे कहा कि सीमेंट सेक्टर अगले 2-3 साल के दौरान अंडरपरफॉर्म करता नजर आ सकता है। कई सीमेंट कंपनियां क्षमता विस्तार का ऐलान कर रही हैं यह खराब खबर नहीं है। अगले 3-4 सालों में आपको इस सेक्टर में चीजें बदलती नजर आएंगी। इस समय सीमेंट सेक्टर अच्छा आकार लेता नजर आ रहा है। आगे इनके उत्पादन स्तर में तेजी आने की संभावना है। तमाम कंपनियां अपने क्षमता विस्तार का ऐलान कर रही हैं। आगे हमें सीमेंट कंपनियों के प्राइसिंग पावर में मजबूती की संभावना है। इसके अलावा इन कंपनियों को बढ़ती मांग से भी फायदा होगा।

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उन्होंने इस बात पर बल दिया कि उनको सीमेंट सेक्टर में हो रहे क्षमता विस्तार से कोई डर नहीं है। आगे देश में सीमेंट की मांग में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी और कंपनियों को अपने क्षमता विस्तार का फायदा मिलेगा।

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