जय कोठारी पुणे में एक स्टार्टअप के एंप्लॉयी थे। फरवरी 2023 में उनकी नौकरी चली गई। वह अपने माता-पिता के साथ रहते थे। अगस्त में वह बेंगलुरु चले गए। अक्टूबर में उन्हें एक नौकरी मिली। लेकिन, इससे पहले बेंगलुरु में नौकरी नहीं होने से उनकी काफी सेविंग्स खर्च हो गई। वह बताते हैं कि उन्हें अचानक नौकरी जाने की आशंका नहीं थी। उनका कहना है कि दूसरे शहर में सेटल होना आसान नहीं है। वह खासकर उन लोगों को इस बारे में सावधान करना चाहते हैं जो दूसरे शहर में शिफ्ट करने का प्लान बना रहे हैं। उन्होंने ऐसे लोगों को छह बातों का ख्याल रखने की सलाह दी है।
आपको सबसे पहले नए शहर में में रहने, खाने और लोकल कम्यूटिंग कॉस्ट के बारे में सोचना होगा। अगर आपके साथ माता-पिता हैं तो आपको मेडिकल एक्सपेंसेज का भी ध्यान रखना होगा। एंड्रोमेडा सेल्स एंड डिस्ट्रिब्यूशन के डायरेक्टर अरुण राममूर्ति ने कहा कि बच्चे हैं तो आपको उनके एडमिशन और उसकी फीस का भी ध्यान रखना होगा। कोठारी ने एक काम यह अच्छा किया कि अपने परिवार को साथ ले जाने की जगह पहले वह बेंगलुरु अकेले गए। बैंकबाजार डॉट कॉम के सीईओ आदिल शेट्टी ने कहा कि इससे उनका खर्च कंट्रोल में रहा।
बड़े खर्च का पहले से प्लान बनाएं
कोठारी को बेंगलुरु में किराए पर घर लेने के लिए 1 लाख रुपये डिपॉजिट करना था। लैडर7 वैल्थ प्लैनर्स के फाउंडर और प्रिंसिपल अफसर सुरेश सदगोपन ने बताया कि शुरुआत में किराए पर घर लेने की जगह कोठारी पेइंग गेस्ट एकोमोडेशन का इस्तेमाल कर सकते थे। इससे उन्हें तुरंत एक लाक रुपये मकानमालिक को चुकाने की जरूरत नहीं पड़ती।
कोठारी को बेंगलुरु जाने के लिए अपने इमरजेंसी फंड का इस्तेमाल करना पड़ा। होमफर्स्ट के हेड (ब्रांड मार्केटिंग) राजर्षि मित्रा ने कहा कि ज्यादातर लोग नए शहर में जाने के लिए अपने इमरजेंसी फंड का इस्तेमाल करते हैं। राममूर्ति का कहना है कि आप अपने एंप्लॉयर से रिलोकेशन खर्च के बारे में बात कर सकते हैं। कुछ कंपनियां रिलोकेशन के लिए एंप्लॉयी को एडवॉन्स देती हैं। अगर आप अपनी मौजूदा कंपनी में ही दूसरे शहर में शिफ्ट हो रहे हैं तो चीजें काफी आसान होंगी।
रिलोकेट होने से पहले जॉब की संभावनाओं के बारे में जान लें
कोठारी का नौकरी के लिए बेंगलुरु जाने का फैसला सही थी। इसकी वजह यह है कि बेंगलुरुए में स्टार्टअप और आईटी कंपनियों की कमी नहीं है। अगर आप भी किसी शहर में रिलोकेट होने का प्लान बना रहे हैं तो यह जरूर देख लें कि उस शहर में आपके लिए नौकरी की किस तरह की संभावनाएं उपलब्ध हैं।
अपने फाइनेंशियल गोल का आकलन करें
यह ध्यान में रखे कि दूसरे शहर में रिलोकेट करने का असर आपके शॉर्ट टर्म गोल पर पड़ेगा। इसकी वजह यह है कि रिलोकेशन में अचानक कई ऐसे खर्च आते हैं, जिसके बारे में आपने सोचा नहीं होता है। इसलिए रिलोकेट करने के बाद आपको अपने कंटिंजेंसी फंड, बच्चों की शिक्षा और रिटायरमेंट फंड में निवेश जारी रखने की कोशिश करनी होगी।
घर खरीदें या किराए पर लें?
अगर आपने जॉब के लिए नए शहर में रिलोकेट किया है तो आपको तुरंत घर खरीदने के बारे में नहीं सोचना चाहिए। पहले पेइंग गेस्ट फैसिलिटी का इस्तेमाल करें। फिर किराए पर घर लेने की कोशिश करें। मित्रा ने कहा कि पहले आपको नए शहर में कम से कम एक साल किराए के घर में रहना चाहिए। उसके बाद ही घर खरीदने के बारे में सोचना चाहिए।