कई EMI के बोझ से परेशान? डेट कंसोलिडेशन से हल हो सकती है आपकी परेशानी, जानिए कैसे

Debt consolidation: कई EMI का बोझ उठाने वालों के लिए डेट कंसोलिडेशन एक उपयोगी विकल्प है। यह सभी लोन को एक कम ब्याज वाले सिक्योर्ड लोन में बदलता है। इससे EMI घटती है, बजट हल्का होता है और फाइनेंस पर कंट्रोल बढ़ता है। जानिए डिटेल।

अपडेटेड Dec 04, 2025 पर 3:58 PM
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डेट कंसोलिडेशन आपकी फाइनेंशियल लाइफ को आसान बनाता है।

Debt consolidation: आजकल घर खरीदने से लेकर बच्चों की पढ़ाई तक, कई तरह के लोन घरों में आम हो गए हैं। नतीजा यह है कि लाखों परिवार हर महीने कई EMI संभाल रहे हैं। इसी बढ़ते बोझ के बीच डेट कंसोलिडेशन एक समझदारी भरा तरीका बन गया है। इसमें सभी मौजूदा लोन को एक नए, कम ब्याज दर वाले लोन में बदलकर कैश फ्लो आसान किया जाता है।

SIB Power CONSOL क्या है

South Indian Bank ने इसी जरूरत को देखते हुए SIB Power CONSOL लॉन्च किया है। यह एक ऐसा लोन प्रोडक्ट है जो ग्राहकों को होम लोन, कार लोन, एजुकेशन लोन, पर्सनल लोन और कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन जैसी देनदारियों को एक ही लोन में कंसोलिडेट करने की सुविधा देता है। इसमें ब्याज दर कम होती है और EMI एक ही भुगतान में बदल जाती है।


कैसे करता है मदद

बैंक इस प्रक्रिया में डेट काउंसलर की तरह काम करता है और ग्राहकों को एक साफ, मैनेज करने योग्य रिपेमेंट स्ट्रक्चर देता है। यह एक प्रॉपर्टी-बेस्ड लोन है। इसमें ग्राहक घर या कमर्शियल प्रॉपर्टी को मॉर्गेज कर सकते हैं और उसकी वैल्यू के 75% तक कर्ज ले सकते हैं, वह भी बिना प्रॉपर्टी बेचे।

कितनी रकम मिल सकती है

इस स्कीम के तहत ग्राहक 10 लाख रुपये से 3 करोड़ रुपये तक का कर्ज ले सकते हैं। कंसोलिडेशन लोन की अधिकतम अवधि 15 साल और होम लोन बैलेंस ट्रांसफर के लिए 30 साल तक रखी गई है।

यह 30-55 वर्ष के सैलरीड और सेल्फ-एम्प्लॉयड लोगों को ध्यान में रखकर बनाया गया है, जो एक साथ कई लोन संभालते-थकते हैं।

क्यों जरूरी है कंसोलिडेशन

MyMoneyMantra.com के MD राज खोसला कहते हैं, 'डेट कंसोलिडेशन आपकी फाइनेंशियल लाइफ को आसान बनाता है। आप कई लोन और क्रेडिट कार्ड ड्यूज़ को एक लोन में जोड़ लेते हैं, ज्यादातर कम ब्याज दर पर। इससे बस एक EMI पर फोकस करना होता है।' एक EMI से फाइनेंस पर कंट्रोल बढ़ता है और ब्याज में भी बचत होती है।

यह स्कीम कैसे काम करती है

लोन अप्रूव होते ही बैंक ग्राहक के सभी लोन क्लियर कर देता है और उसके बदले एक ही EMI तय हो जाती है। इस लोन पर प्रोसेसिंग फीस नहीं है। होम लोन कंसोलिडेशन की दर 7.35% से शुरू होती है, जबकि अन्य लोन कंसोलिडेशन 8.5% से।

कंसोलिडेशन के फायदे

सबसे बड़ा फायदा हाई-इंटरेस्ट लोन को लो-इंटरेस्ट लोन में बदलना है। डिजिटल लेंडिंग कंसल्टेंट पारीजात गर्ग कहते हैं कि इससे EMI आउटफ्लो कम होता है, मासिक बजट हल्का होता है और निवेश या अन्य जरूरतों के लिए ज्यादा पैसा बचता है। साथ ही कई तारीखों पर अलग-अलग EMI का बैलेंस बनाए रखने की झंझट खत्म हो जाती है।

गर्ग बताते हैं कि कई असुरक्षित लोन को एक सुरक्षित प्रॉपर्टी-बेस्ड लोन में बदलने से समय के साथ क्रेडिट स्कोर भी बेहतर होता है, जो भविष्य के लोन में ब्याज दर कम करा सकता है।

क्या यह विकल्प आपके लिए सही है

यह एक सिक्योर्ड लोन है जिसकी न्यूनतम राशि 10 लाख रुपये है, इसलिए यह अच्छे क्रेडिट प्रोफाइल और गिरवी रखने योग्य प्रॉपर्टी वाले ग्राहकों के लिए उपयुक्त है।

गर्ग का कहना है कि यह खासकर सेल्फ-एम्प्लॉयड लोगों के लिए बेहतर है जिन पर कई हाई-इंटरेस्ट बिजनेस लोन (18–36% सालाना ब्याज) हैं। ऐसे लोग प्रॉपर्टी से मिले लोन के जरिए सभी देनदारियां एक साथ समेट सकते हैं। सैलरीड लोगों के लिए यह मुख्य रूप से बैलेंस ट्रांसफर जैसा विकल्प है।

कैसे करें फैसला

कंसोलिडेशन से पहले कुल प्रभाव समझना जरूरी है। कुछ लोन बंद करने पर 2-4% तक चार्ज लग सकता है और अवधि बढ़ाने से कुल ब्याज भी बढ़ता है। गर्ग सलाह देते हैं कि सिर्फ EMI कम होने या रेट घटने को देखकर फैसला न लें। कुल ब्याज आउटफ्लो की तुलना करें।

यह भी देखें कि कौन-से लोन टेन्योर के शुरुआती चरण में हैं, क्योंकि शुरुआती सालों में ब्याज का हिस्सा ज्यादा होता है। इन्हें कंसोलिडेट करना ज्यादा फायदेमंद रहता है।

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