Rent Hike: देश के तकरीबन सभी हिस्सों में 2025 की पहली तिमाही में घर के किराये (Housing rentals) में जोरदार इजाफा देखने को मिला है। डिजिटल प्रॉपर्टी सर्च प्लेटफॉर्म Magicbricks के लेटेस्ट डेटा के मुताबिक, भारत के प्रमुख मेट्रो शहरों में जनवरी से मार्च के बीच औसत किराया दरों में 10% तक की बढ़ोतरी देखी गई। इसके साथ ही टूरिस्ट स्पॉट और हिल स्टेशन में घरों की मांग में भी जबरदस्त बढ़ोतरी देखने को मिली।
किस शहर में कितना बढ़ा किराया?
बेंगलुरु में 15.7% और पुणे में 12.5% की तिमाही वृद्धि दिखी। ये शहर रेंटल ग्रोथ में सबसे आगे रहे। वहीं, नोएडा में 7.9%, मुंबई में 10.2% और दिल्ली में 7.3% का इजाफा दर्ज किया गया। कोलकाता में भी 10.2% की बढ़त देखी गई, जबकि चेन्नई में 5.6% और हैदराबाद में 4.8% की बढ़ोतरी हुई।
NCR के माइक्रो-मार्केट्स जैसे ग्रेटर नोएडा (3.2%) और गुरुग्राम (4.1%) में किराया कमोबेश स्थिर रहा। इससे इन क्षेत्रों में मांग के संतुलन के संकेत मिलते हैं।
InvestoXpert के फाउंडर और मैनेजिंग डायरेक्टर विशाल रहेजा का कहना है कि भारत का रेंटल मार्केट एक स्ट्रक्चरल बदलाव के दौर से गुजर रहा है। उन्होंने कहा, 'बेंगलुरु और पुणे में देखी जा रही बढ़ोतरी सिर्फ कोविड के बाद की रिकवरी नहीं है। दरअसल, यह डिमांड बताती है कि इनोवेशन वाले शहरी क्षेत्रों में रोजगार बढ़ रहा है, जबकि आवास की सुविधा उस हिसाब नहीं बढ़ रही है।'
प्रीमियम और अफॉर्डेबल सेगमेंट में डिमांड
Magicbricks के डेटा के अनुसार, मुंबई में 43%, गुरुग्राम में 37% और बेंगलुरु में 26% रेंटल डिमांड ₹50,000 से ₹1,00,000 प्रति महीना के प्रीमियम बजट सेगमेंट में केंद्रित रही। इसके उलट अहमदाबाद (49%), पुणे (38%) और नवी मुंबई (32%) में ₹20,000 से ₹30,000 प्रति माह के अफॉर्डेबल रेंज में मांग अधिक रही।
ग्रेटर नोएडा में 86% किराया मांग ₹10,000 से ₹20,000 प्रति महीना वाले सेगमेंट रही। इससे जाहिर होता है कि इस क्षेत्र किफायती आवास की डिमांड अधिक है।
किराया निवेश पर रिटर्न में सुधार
Magicbricks के Rent Index की रिपोर्ट के अनुसार, अधिकतर शहरों में ग्रॉस रेंटल यील्ड में सालाना आधार पर बढ़ोतरी हुई है (देखें टेबल)। रेंटल यील्ड का मतलब ह – किसी प्रॉपर्टी से मिलने वाला सालाना किराया, उसकी कुल कीमत के मुकाबले कितना रिटर्न देता है। इसे "प्रॉपर्टी इन्वेस्टमेंट पर रिटर्न" भी कह सकते हैं।
जैसे कि अगर आपने एक फ्लैट ₹50 लाख में खरीदा और उसे किराए पर देकर हर महीने ₹20,000 कमाए, तो तो रेंटल यील्ड 4.8% होगी। भारत में आमतौर पर रेंटल यील्ड 2% से 4% के बीच रहती है। 5% या उससे ऊपर की यील्ड को काफी अच्छा माना जाता है।
डिमांड सप्लाई के संतुलन को साधने की जरूरत
एक्सपर्ट का मानना है कि मिड-टू-प्रीमियम रेंटल सेगमेंट में डिमांड और सप्लाई के बीच खाई अब और गहरी होती जा रही है। इस बारे में डेवलपर्स और शहरी बंदोबस्त देखने वाली संस्थाओं के रेंटल हाउसिंग के ढांचे को मजबूती देना ज़रूरी हो गया है।
Neworld Developers के चेयरमैन सुनील सिसोदिया ने कहा कि मेट्रो शहरों में किराया दरों की तेजी का प्रभाव अब टियर 2 और टियर 3 क्षेत्रों तक फैलने लगा है। NCR में मेरठ, सोनीपत और बहादुरगढ़, जबकि बेंगलुरु के आसपास तुमकुरु और होसुर जैसे कस्बे तेजी से उभरते रियल एस्टेट केंद्र बन रहे हैं।