Retirement Planning Tips: रिटायरमेंट के बाद भी नहीं होगी पैसों की चिंता, ऐसे बनाएं स्मार्ट प्लान

रिटायरमेंट सिर्फ नौकरी से मुक्त होना नहीं, बल्कि आर्थिक आजादी के साथ जिंदगी जीना है। महंगाई और मेडिकल खर्चों को देखते हुए सही निवेश से जल्दी योजना बनाना फायदेमंद होगा। आइए जानते हैं कि आपको रिटायरमेंट की प्लानिंग कैसे करनी चाहिए।

अपडेटेड Mar 27, 2025 पर 5:10 PM
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रिटायरमेंट प्लानिंग की शुरुआत यह समझने से होती है कि आपको असल में कितने पैसे की जरूरत होगी।

Retirement Planning Tips: रिटायरमेंट का मतलब सिर्फ नौकरी से मुक्त होना नहीं, बल्कि एक ऐसा दौर है जब आप बिना किसी वित्तीय चिंता के अपनी जिंदगी को खुलकर जी सकें। महंगाई और बढ़ती लाइफ एक्सपेक्टेंसी को देखते हुए रिटायरमेंट प्लानिंग सही से करने की जरूरत है। नहीं तो आपको रिटायर होने के बाद मेडिकल या दूसरे जरूरी खर्चों के लिए भी दूसरों पर निर्भर रहना पड़ सकता है। इसलिए रिटायरमेंट फंड तैयार करना जितना जल्दी शुरू किया जाए, उतना बेहतर है। आइए जानते हैं कि रिटायरमेंट प्लानिंग की शुरुआत कैसे करनी चाहिए।

रिटायरमेंट गोल्स तय करें

रिटायरमेंट प्लानिंग की शुरुआत यह समझने से होती है कि आपको असल में कितने पैसे की जरूरत होगी। क्या आप रिटायरमेंट के बाद भी अपने मौजूदा लाइफस्टाइल को जारी रखना चाहते हैं, या खर्च में कटौती करने का विचार है? आपको स्वास्थ्य सेवाओं, यात्रा, घर की मरम्मत और अन्य जरूरतों को ध्यान में रखते हुए मोटा-मोटा अनुमान लगाना चाहिए।


एक आसान तरीका यह है कि आप अपनी मौजूदा वार्षिक जरूरतों को देखें और इसे रिटायरमेंट के बाद जीने वाले वर्षों की संख्या से गुणा करें। इसमें इन्फ्लेशन और संभावित मेडिकल इमरजेंसी का खर्च भी जोड़ें।

जल्दी निवेश शुरू करने में फायदा

निवेश जितना जल्दी शुरू किया जाए, उतना ही अच्छा होगा। कंपाउंडिंग का प्रभाव लंबे समय में चमत्कारी हो सकता है। मिसाल के लिए, अगर आप 25 साल की उम्र में ₹10,000 प्रति माह निवेश करना शुरू करते हैं और यह 12% वार्षिक रिटर्न देता है, तो 30 साल बाद आपके पास करीब ₹3.5 करोड़ हो सकते हैं। लेकिन अगर आप 35 साल की उम्र में यही निवेश शुरू करेंगे, तो यह घटकर केवल ₹1 करोड़ रह जाएगा।

इसका सीधा सा मतलब है कि अगर आप देरी करते हैं, तो आपको वही फंड पाने के लिए ज्यादा पैसा लगाना होगा। इसलिए जितना जल्दी हो सके, रिटायरमेंट के लिए फंड बनाना शुरू कर दें।

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सही इन्वेस्टमेंट ऑप्शन चुनें

रिटायरमेंट के लिए पैसे बचाने का कोई एक तरीका नहीं है। आपको अपने जोखिम लेने की क्षमता और जरूरत के हिसाब से अलग-अलग निवेश विकल्पों को शामिल करना चाहिए।

  • EPF और PPF: सैलरी वालों के लिए Employee Provident Fund (EPF) अच्छा विकल्प है। यह 8% तक का स्थिर रिटर्न देता है और टैक्स बचत भी करता है। वहीं, Public Provident Fund (PPF) उन लोगों के लिए उपयोगी है जो सुरक्षित और टैक्स-फ्री निवेश चाहते हैं।
  • NPS (National Pension System): इसमें 10-12% तक रिटर्न मिलने की संभावना होती है और यह ₹50,000 अतिरिक्त टैक्स छूट भी देता है।
  • म्यूचुअल फंड SIP: लंबी अवधि में धन बढ़ाने के लिए इक्विटी म्यूचुअल फंड जरूरी हैं। सही फंड चुनकर 12-15% तक रिटर्न पाया जा सकता है।
  • रियल एस्टेट और एन्युइटी प्लान: अगर आप रिटायरमेंट के बाद पैसिव इनकम चाहते हैं, तो रियल एस्टेट एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है। एन्युइटी प्लान्स से भी रिटायरमेंट के बाद नियमित आय प्राप्त की जा सकती है।

बचत और निवेश को समय-समय पर बढ़ाएं

अक्सर लोग एक बार तय की गई राशि से ही निवेश जारी रखते हैं, लेकिन महंगाई को देखते हुए यह सही रणनीति नहीं है। जैसे-जैसे आपकी आय बढ़ती है, आपको अपने रिटायरमेंट निवेश को भी बढ़ाना चाहिए।

  • हर साल अपने निवेश को 10-15% तक बढ़ाने का प्रयास करें।
  • अपने पोर्टफोलियो की हर 2-3 साल में समीक्षा करें और जरूरत के हिसाब से बदलाव करें।
  • रिटायरमेंट के करीब आते ही हाई-रिस्क वाले निवेश से बॉन्ड्स, एफडी और एन्युइटी जैसे सुरक्षित ऑप्शंस में शिफ्ट करें।

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मेडिकल इमरजेंसी और टैक्स प्लानिंग

रिटायरमेंट प्लानिंग का एक अहम हिस्सा हेल्थ केयर प्लानिंग भी है। बढ़ती उम्र के साथ मेडिकल खर्च बढ़ना तय है और अगर सही इंश्योरेंस कवर नहीं लिया, तो सेविंग का बड़ा हिस्सा अस्पतालों में चला जा सकता है।

  • आपको जल्दी हेल्थ इंश्योरेंस लेना चाहिए, ताकि प्रीमियम कम रहे और व्यापक कवरेज मिले।
  • कम से कम 6-12 महीने का इमरजेंसी फंड रखें, ताकि अचानक किसी मेडिकल खर्च से रिटायरमेंट प्लान प्रभावित न हो।

टैक्स बचत की योजना बनाना भी जरूरी है। EPF, PPF, NPS जैसी योजनाएं 80C और 80CCD(1B) के तहत टैक्स छूट देती हैं। वहीं, फिक्स्ड डिपॉजिट और एन्युइटी से होने वाली इनकम पर टैक्स लगता है, इसलिए निकासी की सही रणनीति बनाएं।

रिटायरमेंट प्लानिंग का सही तरीका

रिटायरमेंट कोई अचानक आने वाली स्थिति नहीं है, बल्कि यह वर्षों की बचत और निवेश का परिणाम होता है। जितनी जल्दी इसकी योजना बनाई जाएगी, उतनी ही ज्यादा आर्थिक सुरक्षा मिलेगी।

इसलिए कल नहीं, आज से ही बचत और निवेश शुरू करें। नियमित रूप से अपने प्लान की समीक्षा करें और जरूरत पड़ने पर एक्सपर्ट से सलाह लें। इससे आप रिटायरमेंट के बाद भी फाइनेंशियल फ्रीडम का लुत्फ उठा सकते हैं।

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Suneel Kumar

Suneel Kumar

First Published: Mar 27, 2025 5:10 PM

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