Credit Cards

Retirement Planning: आपके लिए एनपीएस, पीपीएफ और ईपीएफ में कौन है बेस्ट?

अगर आप प्राइवेट नौकरी करते हैं तो आप तीनों स्कीम में निवेश कर सकते हैं। जो लोग सेल्फ एंप्लॉयड हैं वे पीपीएफ और एनपीएस में इनवेस्ट कर सकते हैं। अगर आप शेयरों में निवेश से ज्यादा रिटर्न वाली स्कीम चाहते हैं तो आपके लिए एनपीएस सही रहेगा

अपडेटेड Oct 07, 2025 पर 8:21 PM
Story continues below Advertisement
प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करने वाले लोग ईपीएफ के दायरे में आते हैं।

क्या आपने रिटायरमेंट प्लानिंग की है? अगर नहीं तो यह काम जितन जल्द पूरा करेंगे, उतना फायदे में रहेंगे। आज रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए कई स्कीम मार्केट में हैं। इनमें नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस), पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) और एंप्लॉयीज प्रोविडेंट फंड (ईपीएफ) मुख्य हैं। ये देखने में एक जैसी लगती हैं, लेकिन इनके बीच काफी फर्क है। इनमें से कौन सी आपके लिए बेस्ट है?

EPF का इंटरेस्ट रेट 8.25 फीसदी

प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करने वाले लोग EPF के दायरे में आते हैं। इस स्कीम में आपकी बेसिक सैलरी (प्लस डीए) का एक हिस्सा हर महीने आपके ईपीएफ अकाउंट में जमा होता है। एंप्लॉयर भी उतना ही पैसा आपके ईपीएफ अकाउंट में कंट्रिब्यूट करता है। सरकार आपके ईपीएफ अकाउंट में जमा पैसे पर हर साल इंटरेस्ट का एलान करती है। अभी इसका इंटरेस्ट रेट 8.25 फीसदी है। रिटायरमेंट के वक्त आपके ईपीएफ अकाउंट में जमा पैसा आपको एकमुश्त मिल जाता है। कुछ खास स्थितियों में रिटायरमेंट से पहले पैसे निकालने की इजाजत है।


रिस्क नहीं ले सकते तो पीपीएफ है बेस्ट

अगर आप सेल्फ एंप्लॉयड हैं, आपका अपना बिजनेस है या इनकम का कोई दूसरा स्रोत है तो आप पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) के जरिए अपनी रिटायरमेंट प्लानिंग कर सकते हैं। यह स्कीम 15 साल की है। इसका मतलब है कि अगर आप आज पीपीएफ में निवेश शुरू करते हैं तो 15 साल बाद आप पीपीएफ में जमा अपना पूरा पैसा निकाल सकते हैं। सरकार हर तिमाही पीपीएफ के लिए इंटरेस्ट रेट तय करती है। अभी पीपीएफ का इंटरेस्ट रेट 7.1 फीसदी है। टैक्स के लिहाज से यह स्कीम अच्छी है। पीपीएफ के मैच्योरिटी अमाउंट पर टैक्स नहीं लगता है। मैच्योरिटी से पहले स्कीम से पैसे निकालने की इजाजत है। आप 7वें साल से कुछ पैसा निकाल सकते हैं।

एनपीएस में निवेश के हैं कई विकल्प

नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) रिटायरमेंट प्लानिंग की तीनों मुख्य स्कीमों में से सबसे नई है। यह बाकी दोनों से काफी अलग भी है। सबसे बड़ा फर्क यह है कि यह मार्केट लिंक्ड स्कीम है। इसका मतलब है कि एनपीएस अकाउंट में आप जो पैसा इनवेस्ट करते हैं, उसे शेयरों, सरकारी सिक्योरिटीज और कंपनियों के बॉन्ड्स में निवेश किया जाता है। यह स्कीम इनवेस्टर्स को अपनी इच्छा के हिसाब से किसी एक एसेट क्लास में कम या ज्यादा निवेश करने की इजाजत देती है। रिटायरमेंट के वक्त स्कीम में जमा 60 फीसदी पैसा आपको एकमुश्त दे दिया जाता है। बाकी 40 फीसदी से एन्युटी खरीदना पड़ता है। इस एन्युटी से आपको हर महीने पेंशन मिलती है।

यह भी पढ़ें: मैं गोल्ड और सिल्वर दोनों में निवेश करना चाहता हूं, मुझे किस रेशियो में इनवेस्ट करना चाहिए?

एक्सपर्ट्स की सलाह

एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर आप प्राइवेट नौकरी करते हैं तो आप तीनों स्कीम में निवेश कर सकते हैं। जो लोग सेल्फ एंप्लॉयड हैं वे पीपीएफ और एनपीएस में इनवेस्ट कर सकते हैं। अगर आप शेयरों में निवेश से ज्यादा रिटर्न वाली स्कीम चाहते हैं तो आपके लिए एनपीएस सही रहेगा। इसके उलट जो लोग ज्यादा रिस्क नहीं लेना चाहते हैं और रिटायरमेंट के बाद एकमुश्त बड़ा अमाउंट चाहते हैं उनके लिए पीपीएफ बेस्ट है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इनवेस्टर्स अपनी जरूरत के हिसाब से इन स्कीम में निवेश कर सकता है। किस स्कीम में वह कितना निवेश करेगा, इसका फैसला वह रिस्क लेने की अपनी क्षमता, फाइनेंशियल गोल और अपनी इनकम के आधार पर कर सकता है।

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।