Helios Mutual Fund ने बैलेंस्ड एडवान्टेज फंड (BAF) लॉन्च किया है। इस फंड में 11 से 20 मार्च के बीच निवेश किया जा सकता है। यह स्कीम 28 मार्च से दोबारा निवेश के लिए खुल जाएगी। बीएफ एक हाइब्रिड फंड होता है, जो शेयरों और डेट सिक्योरिटीज दोनों में निवेश करता है। यह शेयरों या डेट में जीरो से लेकर 100 फीसदी तक इनवेस्ट कर सकता है। ऐसे फंडों को डायनेमिक एसेट एलोकेशन (DAA) फंड भी कहा जाता है। यह म्यूचुअल फंड की सबसे लोकप्रिय स्कीमों में शामिल है। इस कैटेगरी की कुल 32 स्कीमें अभी मार्केट में हैं, जिनका कुल एसेट अंडर मैनेजमेंट 2.45 लाख करोड़ रुपये है। हेलियस बैलेंस्ट एडवान्टेज फंड इस म्यूचुअल फंड हाउस का तीसरा फंड है। हेलियस म्यूचुअल फंड ने इससे पहले हेलियस फ्लेक्सी कैप फंड और हेलियल ओवरनाइट फंड लॉन्च किया था।
बैलेंस्ट एडवान्टेज फंड की खास बातें
इस फंड की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसके पास मार्केट और इकोनॉमी की स्थितियों के मुताबिक इक्विटी और डेट सिक्योरिटीज में एलोकेशन का अधिकार होता है। हालांकि, हेलियस के बैलेंस्ड फंड (HBAF) का फोकस इक्विटी में निवेश पर होगा। यह फंड डेट में कम निवेश करेगा। यह इक्विटी और इक्विटी आधारित सिक्योरिटीज में अपना निवेश 65 से 100 फीसदी के बीच बनाए रखेगा। नेट इक्विटी एक्सपोजर 30-80 फीसदी के बीच होगा।
इक्विटी में कम से कम 65 फीसदी निवेश से इस स्कीम में निवेश करने वाले निवेशक अगर एक साल या इससे ज्यादा अवधि के बाद पैसे निकालते हैं तो उनका मुनाफा 1 लाख रुपये से ज्यादा रहने पर उन्हें 10 फीसदी के रेट से लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स देना पड़ता है। इसलिए टैक्स के लिहाज से यह स्कीम निवेशकों के लिए फायदेमंद है। एचबीएएफ का फोकस कंपनियों के डेट सिक्योरिटीज में निवेश नहीं करने पर होगा।
मार्केट में अभी 32 बीएएफ मौजूद हैं
BAF या DAAF ऐसी कैटेगरी है, जिसकी अनदेखी निवेशकों को नहीं करनी चाहिए। हालांकि, इसमें सिर्फ ऐसे निवेशकों को पैसे लगाने चाहिए जो बीएएफ की एग्रेसिव स्ट्रेटेजी को समझते हैं। रिटेल इनवेस्टर्स के कई दूसरे ऑप्शंस हैं। 32 बीएएफ या डीएएएफ में से 20 का ट्रैक रिकॉर्ड कम से कम 3 साल का है।
निवेशकों को क्या करना चाहिए?
समीर अरोड़ा हेलियस म्यूचुअल फंड के प्रमोटर हैं। उन्हें और उनकी टीम को निवेश का व्यापक अनुभव है। इसलिए वे स्कीम के पैसे का निवेश करने से पहले मार्केट की स्थितियों पर फोकस करते हैं। अभी मार्केट की जो स्थिति है, उसके बारे में ज्यादातर एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसमें बहुत ज्यादा निवेश आया है। इसलिए किसी स्कीम में निवेश करने से पहले निवेशक को फंड हाउस के ट्रैक रिकॉर्ड को समझना बहुत जरूरी है।
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