SBI: भारत के सबसे बड़े पब्लिक सेक्टर बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को सिफारिशें भेजी हैं, जिसमें बैंक खातों को निष्क्रिय (Inactive) घोषित करने के मौजूदा नियमों में बदलाव की अपील की गई है। SBI ने प्रस्ताव दिया है कि केवल फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन के बजाय, बैलेंस चेक जैसी गैर फाइनेंशियल एक्टिविटी को भी अकाउंटो को एक्टिव बनाए रखने के लिए पर्याप्त माना जाए।
निष्क्रिय खातों पर SBI की चिंता
SBI के चेयरमैन सीएस शेट्टी ने बताया कि सरकारी सहायता कार्यक्रमों के लिए खोले गए खातों में अक्सर सीमित ट्रांजेक्शन होते हैं। ऐसे खाताधारक शुरुआत में पैसे जमा करते हैं और बाद में केवल कुछ बार निकासी करते हैं। इस कारण से इन अकाउंट को निष्क्रिय घोषित कर दिया जाता है।
उन्होंने कहा कि बैलेंस चेक जैसे गैर-फाइनेंशियल काम इस बात का संकेत हैं कि खाताधारक अपने खाते के प्रति जागरूक और एक्टिव हैं। केवल फाइनेंशियल एक्टिविटी की कमी के आधार पर ऐसे खातों को निष्क्रिय नहीं किया जाना चाहिए।
RBI के दिशा-निर्देश और SBI का कदम
हाल ही में RBI ने बैंकों को निर्देश दिया था कि निष्क्रिय या फ्रीज किए गए खातों के मुद्दे को प्राथमिकता के साथ हल किया जाए। इस दिशा में SBI ने एक विशेष अभियान भी शुरू किया है। हालांकि, बैंक ने निष्क्रिय खातों की सटीक संख्या का खुलासा नहीं किया है।
निष्क्रिय खाता वह होता है जिसमें लंबे समय तक कोई ट्रांजेक्शन नहीं हुआ हो। नियमानुसार, लंबे समय तक उपयोग नहीं किए गए खातों को बैंक निष्क्रिय घोषित कर देते हैं। एक बार खाता निष्क्रिय हो जाने पर खाताधारक उसमें पैसे जमा या निकाल नहीं सकता।