SEBI ने नॉमिनेशन प्रोसेस को आसान बनाने के लिए कंसल्टेशन पेपर जारी किया

सेबी ने अनिवार्य रूप से नॉमिनेशन करने के नियम को खत्म करने का प्रस्ताव पेश किया है। अभी इनवेस्टर के लिए नॉमिनेशन करना अनिवार्य है या उसे बताना जरूरी है कि वह नॉमिनेशन नहीं करना चाहता है। ज्वाइंट डीमैट अकाउंट्स और म्यूचुअल फंड्स की स्कीम के निवेशकों के लिए यह जरूरी है

अपडेटेड Feb 05, 2024 पर 5:26 PM
Story continues below Advertisement
अभी के नियम के मुताबिक, डीमैट अकाउंट और म्यूचुअल फंड फोलियो के लिए अधिकतम तीन नॉमिनी बनाए जा सकते हैं।

SEBI ने 2 फरवरी को एक कंसल्टेशन पेपर जारी किया है। इसमें किसी इनवेस्टर का देहांत होने पर उसके परिवार के सदस्य के नाम उसके फाइनेंशिल एसेट्स के ट्रांसफर के प्रोसेस को आसान बनाने की कोशिश की गई है। सेबी ने इसमें डीमैट अकाउंट्स और म्यूचुअल फंड्स के लिए अभी मौजूद नॉमिनेशन की सुविधा में संशोधन का प्रस्ताव रखा है। नए नियमों के लागू होने के बाद नॉमिनेशन की प्रक्रिया आसान हो जाएगी। सेबी ने इस कंसल्टेशन पेपर पर लोगों से 8 मार्च तक राय मांगी है।

सेबी कई बार नॉमिनेशन करने की समयसीमा बढ़ा चुका है

सेबी ने अनिवार्य रूप से नॉमिनेशन करने के नियम को खत्म करने का प्रस्ताव पेश किया है। अभी इनवेस्टर के लिए नॉमिनेशन करना अनिवार्य है या उसे बताना जरूरी है कि वह नॉमिनेशन नहीं करना चाहता है। ज्वाइंट डीमैट अकाउंट्स और म्यूचुअल फंड्स की स्कीम के निवेशकों के लिए यह जरूरी है। कई इनवेस्टर्स ने नॉमिनेशन नहीं किया है। ऐसे निवेशकों के लिए सेबी कई बार नॉमिनेशन की समयसीमा बढ़ा चुका है।


यह भी पढ़ें: High Profit Stocks: पिछले बजट से इस बजट तक इन स्टॉक्स ने किया मालामाल, क्या अभी है निवेश का मौका?

बड़ी संख्या में इनवेस्टर्स नहीं करना चाहते नॉमिनेशन 

अंतिम बार इसे बढ़ाकर जून 2024 किया गया है। ज्वाइंट अकाउंट रखने वाले कई लोगों को नॉमिनेशन में दिक्कत का सामना करना पड़ा है। खासकर ऑनलाइन तरीके से नॉमिनेशन करने में दिकक्त आई है। सिंगल अकाउंट्स/इनवेस्टमेंट के लिए नॉमिनेशन अनिवार्य बना रहेगा। चिंता की बात यह है कि सेबी के डेटा से पता चलता है कि कई सिंगल म्यूचुअल फंड्स फोलियो या सिंगल डीमैट अकाउंट में बड़ी संख्या में निवेशकों ने नॉमिनेशन नहीं किया है या नॉमिनेशन हीं करने के विकल्प को चुना है।

नॉमिनेशन नहीं होने पर एसेट के ट्रांसफर में आती है दिक्कत

एक्सपर्ट्स का कहना है कि नॉमिनेशन नहीं होने से इनवेस्टर्स की मौत के बाद उसके फाइनेंशियल एसेट्स का ट्रांसफर उसके परिवार के सदस्य के नाम करने में काफी दिक्कत आती है। इसलिए इनवेस्टर को हमेशा नॉमिनेशन के विकल्प का इस्तेमाल करना चाहिए। उसे परिवार के किसी सदस्य का नाम नॉमिनी में देना चाहिए।

संपत्ति ट्रांसफर के पुराने तरीको को मिलेगी मान्यता

इनहेरिटेंस से संबंधित सेवाएं देने वाली कंपनी इनहेरिटेंस नीड्स सर्विसेज के फाउंडर रजत दत्ता ने कहा कि सेबी ने वसीयत या ट्रस्ट के जरिए उत्तराधिकारी को एसेट के ट्रांसफर के तरीकों को मान्यता दी है। इन दोनों के नहीं होने पर संबंधित सक्सेशन लॉ लागू होता है। इस बारे में सेबी का रुख सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के मुताबिक है। इस बारे में सुप्रीम कोर्ट ने दिसबंर 2023 में एक मामले में फैसला दिया था।

अभी अधिकतम तीन नॉमिनी बनाने की इजाजत

अभी के नियम के मुताबिक, डीमैट अकाउंट और म्यूचुअल फंड फोलियो के लिए अधिकतम तीन नॉमिनी बनाए जा सकते हैं। सेबी के कंसल्टेशन पेपर में यह संख्या बढ़ाकर डबल डिजिट में की जा सकती है। लेकिन, इसका मकसद क्या है, यह अभी स्पष्ट नहीं है, क्योंकि एक से ज्यादा नॉमिनी होने पर एसेट में हिस्सेदारी का अनुपात बताना अनिवार्य है। इससे पूरी प्रक्रिया जटिल हो जाती है।

MoneyControl News

MoneyControl News

First Published: Feb 05, 2024 5:16 PM

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।