Credit Cards

6 कारोबारी सत्रों में sensex और Nifty 8%से ज्यादा टूटे, जानिए क्यों हो रहा इनका ऐसा हाल

भारतीय बाजारों में विदेशी निवेशकों की बिकवाली काफी बड़े स्तर पर रही है। इसकी तुलना में घरेलू संस्थागत निवेशकों की खरीदारी कमजोर रही है .

अपडेटेड Jan 25, 2022 पर 3:22 PM
Story continues below Advertisement
यूएस फेड की तरफ से ब्याज दरों में बढ़ोतरी के संकेत के साथ ही FPI भारतीय बाजारों से अपना पैसा निकलाते नजर आए हैं।

आज यानी 25 जनवरी को लगातार 6वें कारोबारी सत्र में निफ्टी और सेंसेक्स में गिरावट देखने को मिल रही है। यह पिछले साल की जनवरी के बाद बाजार में आया गिरावट का सबसे लंबा दौरा रहा है। पिछले 6 कारोबारी सत्रों में सेंसेक्स और निफ्टी 8 फीसदी से ज्यादा टूट चुके गए हैं। वित्तीय बाजारों में ग्लोबल केंद्रीय बैंकों द्वारा कोरोना महामारी के दौरान किए गए राहत उपायों को धीरे-धीरे वापस लेने के क्रम के शुरु होने के बीच निवेशकों में जोखिम से बचने की प्रवृत्ति हावी होती नजर आ रही है। हालांकि आज बाजार कमजोरी के साथ खुलने के बाद हल्की रिकवरी करता दिखा लेकिन Dow Jones पर यूएस स्टॉक फ्यूचर में 400 अंकों की ज्यादा गिरावट ने एक बार फिर भारतीय बाजार को लाल निशान में ढ़केल दिया। आइए हम उन कारणों पर नजर डालें जो बाजार सेंटिमेंट को खराब कर रहे हैं -

महंगाई के खिलाफ यूएस फेड ने खोला मोर्चा, शेयर बाजार में हाहाकार

पूरे 2021 में यह कहने के बाद की अमेरिका में बढ़ती महंगाई एक अस्थाई स्थिति है और ये जल्द ही अपने आप खत्म हो जाएगी, यूएस फेड ने एकाएक साल का अंत आते -आते अपने रुख में बदलाव कर लिया और अपना फोकस महंगाई से निपटने पर बढ़ा दिया है जिसके चलते ब्याज दरों में उम्मीद से पहले और ज्यादा तेजी से बढ़ोतरी की स्थिति बन गई जिससे यूएस में एक शॉर्ट टर्म मंदी भी आती दिखी।


Geojit Financial Services के वीके विजय कुमार का कहना है कि अगर यूएस फेड मौद्रिक नीतियों में कठोरता जारी रखता है और 2022 में 4 बार ब्याज दरों में बढ़ोतरी के संकेत देता है तो बाजार में और कमजोरी आती दिखेगी। इस समय बाजार की नजरें बुधवार को होने वाली FOMC की बैठक पर लगी हुई है।

Maruti Suzuki Q3 Results |मुनाफे में 48% की गिरावट, आय 23,253 रुपए पर रही सपाट

एफपीआई की तरफ से हो रही लगातार बिकवाली

यूएस फेड की तरफ से ब्याज दरों में बढ़ोतरी के संकेत के साथ ही FPI भारतीय बाजारों से अपना पैसा निकलाते नजर आए हैं। जब से यूएस फेड ने अपने 120 अरब डॉलर प्रति माह के बॉन्ड बाईंग प्रोग्राम में कटौती की योजना का एलान किया है तब से विदेशी निवेशक भारतीय बाजार में नेट सेलर रहे हैं। हाल के कारोबारी सत्रों में एफपीआई की बिकवाली और बढ़ती नजर आई है। सोमवार को एफपीआई ने भारतीय बाजारों में 3,000 करोड़ रुपये की बिकवाली की। जनवरी में अब तक इन्होंने भारतीय बाजारों में 12000 करोड़ रुपये की बिकवाली की है।

IEX के शेयर Q3 नतीजों के बाद टूटे, अंतरिम डिविडेंड का किया एलान

पश्चिम में जियोपॉलिटिकल तनाव

पूर्वी यूरोप में रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के बढ़ते खतरे ने दुनिया भर के राजनयिक कम्यूनिटी को चिंतित कर दिया है। रूस -यूक्रेन से लगी अपनी सीमा पर सैन्य जमाव बढ़ा रहा है। जिससे यूक्रेन पर रूसी आक्रमण का खतरा गंभीर होता जा रहा है। सोमवार को अमेरिका ने कहा कि उसने ईस्टर्न यूरोप में तैनाती के लिए अपने 8500 सैनिकों को तैयार रहने के आदेश दे दिए हैं। नाटो संगठन के दूसरे देश भी इस खतरे से निपटने के लिए सैन्य तैयारी कर रहे हैं।

कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी

2021 के अंत में आए गिरावट के बाद ग्लोबल क्रूड ऑयल कीमतें लगातार बढ़त पर हैं । पूर्वी यूरोप और पश्चिम एशिया में बढ़ते जियोपॉलिटिकल तनाव और 2022 में मांग में बढ़ोतरी की उम्मीद ऐसे कारण है जो क्रूड की कीमतों में उबाल ला रहे हैं। पिछले 3 महीनों में ब्रेंट फ्यूचर 26 फीसदी भागा है और अपने 7 साल के हाई के करीब आ गया है। कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें भारतीय इकोनॉमी के लिए बड़ी नकारात्मक खबर है। इससे इकोनॉमी पर महंगाई क दबाव बढ़ सकता है।

DII की कमजोर खरीदारी

भारतीय बाजारों में विदेशी निवेशकों की बिकवाली काफी बड़े स्तर पर रही है। इसकी तुलना में घरेलू संस्थागत निवेशकों की खरीदारी कमजोर रही है औऱ वह विदेशी निवेशकों की भरपाई करने में सक्षम नहीं रही है। इस महीने अब तक घरेलू संस्थागत निवेशक ने 7,505 करोड़ रुपये की खरीदारी की है जो विदेशी निवेशकों की बिकवाली की तुलना में बहुत कम है। एनालिस्ट का कहना है कि घरेलू संस्थागत निवेशकों की खरीदारी में सुस्ती रही है जिसके चलते विदेशी निवेशकों का बिकवाली का नकारात्मक असर और बढ़ गया है। जो स्टॉक मार्केट को नीचे की तरफ खींच रहा है।

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।