Sensex 61000 के पार निकल गया है। 23 नवंबर को मार्केट खुलने पर सेंसेक्स में तेजी दिखी। सुबह 10 बजे यह 90 अंक की तेजी के साथ 61,509 अंक पर था। 22 नवंबर को यह 61,418 अंक पर बंद हुआ था। यह 11 नवंबर, 2022 के 61,795 अंक के अपने ऑल-टाइम हाई के करीब पहुंच गया है। मार्केट में आई तेजी के बीच म्यूचुअल फंड्स की स्कीमों में इनवेस्टर्स की दिलचस्पी बनी हुई है। म्यूचुअल फंड्स में सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए निवेश सबसे ऊंचे लेवल पर पहुंच गया है। AMFI के डेटा के मुताबिक, अक्टूबर में SIP से निवेश 13,000 करोड़ रुपये से ज्यादा रहा। इसका ज्यादातर हिस्सा म्यूचुअल फंड्स की इक्विटी स्कीमों में गया। इससे यह संकेत मिलता है कि शेयरों को लेकर इनवेस्टर्स का उत्साह बना हुआ है। हालांकि, ग्लोबल इक्विटी मार्केट में तेज करेक्शन देखने को मिला है।
क्या है एक्सपर्ट्स की राय?
एक्सपर्ट्स का मानना है कि मार्केट चाहे किसी लेवल पर हो, आपको अपना इनवेस्टमेंट जारी रखना चाहिए। SIP लंबी अवधि में लगातार निवेश के लिए सबसे अच्छा माध्यम है। हालांकि, इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि मार्केट हाई पर होने की स्थिति में आप शेयरों को महंगे भाव पर खरीदते (एमएफ के जरिए) हैं। ऐसे में सवाल यह है कि अगर मार्केट में शेयर महंगे हैं तो क्या आपको अपना SIP रोक देना चाहिए?
पिछले अनुभव से ले सकते हैं सबक
हमने यह देखा कि जब मार्केट अपने पीक पर था तो SIP शुरू करने पर निवेशकों का रिटर्न कैसा रहता। इसके लिए हमने दो टाइम पीरियड लिया। पहला साल 2000 का पीक था, जब इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी शेयरों में तेजी के चलते बाजार में तेजी आई थी। दूसरा, 2008 का पीक था, जब दुनियाभर के शेयर बाजारों में तेजी देखने को मिली थी। मान लीजिए आपने Nifty 50 में निवेश किया था।
अगर आपने मार्च 2000 में निफ्टी को खरीदना शुरू किया होता और तब तक अपना निवेश जारी रखा होता जब यह करेक्शन के बाद दिसंबर 2003 में फिर से अपने पीक पर पहुंच गया था तो आपने अपने निवेश पर 1.4 गुना कमाई की होती। इसमें यह माना गया है कि इस दौरान आपने हर महीने एक फिक्स्ड अमाउंट इनवेस्ट किया है।
आईथॉट एडवायजरी के फाउंडर श्याम शेखर के मुताबिक, रिटेल निवेशकों का निवेश इक्विटी में जितना हो सकता है, उससे काफी कम है। मार्केट में चाहे तेजी हो या नहमी अपने निवेश को जारी रखना बहुत जरूरी है। अपने निवेश को बढ़ाया भी जा सकता है।
अगर आपने जनवरी 2008 में निफ्टी 50 में निवेश किया होता, जब मार्केट पीक पर था। और आपने करेक्शन के दौरान भी निवेश जारी रखा होता तो अक्टूबर 2010 में मार्केट के फिर से पीक पर पहुंचने के दौरान आपका इनवेस्टमेंट बढ़कर 1.4 गुना हो गया होता। यह करीब 25 फीसदी का रिटर्न (XIRR) है।
आप मान लीजिए कि अक्टूबर 2010 तक आप हर महीने सिप के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश किया था। तो आपने 25 फीसदी का रिटर्न (XIRR) हासिल किया होता, जबकि साल 2000 के पीक के दौरान आपने 20 फीसदी रिटर्न (XIRR) हासिल किया था। पीक से हर करेक्शन अलग होगा और मार्केट को रिकवर करने में लगा समय भी अलग-अलग होगा। SIP से आपका रिटर्न सिर्फ इस बात पर निर्भर नहीं करता है कि आप कितने समय तक इनवेस्टेड रहते हैं बल्कि इसमें इस बात का भी रोल है कि मार्केट में कितना करेक्शन आता है और कब तक मार्केट करेक्शन मोड में रहता है।
इन बातों का रखें ध्यान तो होगी जोरदार कमाई
जब मार्केट में कमजोरी होती है तो SIP शुरू करना ज्यादा फायदेमंद होता है और अगर आप मार्केट में दोबारा तेजी आने तक अपना निवेश जारी रखते हैं तो फिर आपका रिटर्न बहुत शानदार रहता है। लेकिन, यह कहना आसान है और इस पर अमल करना मुश्किल है। फिर भी, आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। पहला, बाजार में तेजी होने पर भी अपने SIP को जारी रखें। दूसरा, अगर आप अपना SIP बंद कर देते हैं तो फिर आपके लिए सही समय पर एंट्री करना मुश्किल होगा। तीसरा, अगर आप शेयरों में पैसा तीन साल से कम समय के लिए लगाते हैं तो फिर आपको शानदार रिटर्न मिलने की संभावना कम होगी। आपको कुछ पैसा हमेशा अपने पास रखना चाहिए। मार्केट में गिरावट आए तो इस पैसे का निवेश करना चाहिए। आखिर में इस बात का गांठ बांध लें कि अगर आप बहुत अच्छा रिटर्न कमाना चाहते हैं तो आपको कम से कम 5 साल तक अपने निवेश को बनाए रखना होगा।