क्या गोल्ड की तरह चांदी में आपके इनवेस्टमेंट को काफी हद तक डूबने से बचाने की क्षमता है?

1991 से 2025 के बीच चांदी की कीमतों में नाटकीय रूप से इजाफा हुआ है। इसकी कीमत 1991 में 4 डॉलर प्रति औंस थी। मई 2025 में इसकी कीमत 32 डॉलर प्रति औंस पहुंच गई। इसका मतलब है कि इस दौरान चांदी करीब 733 फीसदी चढ़ी है

अपडेटेड May 21, 2025 पर 12:07 PM
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चांदी का इस्तेमाल इंडस्ट्री में कई चीजों के प्रोडक्शन में होता है

मार्केट में उतारचढ़ाव के दौरान सुरक्षित माने जाने वाले एसेट्स में निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ जाती है। गोल्ड और अमेरिकी सरकार के बॉन्ड्स इसके उदाहरण हैं। गोल्ड सदियों से सुरक्षित निवेश का सबसे प्रमुख जरिया रहा है। चांदी की उपयोगिता दो तरह की रही है। कीमती मेटल होने के साथ ही इसका इस्तेमाल इंडस्ट्री में कई चीजों के प्रोडक्शन में होता है। इसलिए यह सिर्फ सुरक्षित निवेश का जरिया भर नहीं है।

1991 से 2025 के बीच चांदी (Silver) की कीमतों में नाटकीय रूप से इजाफा हुआ है। इसकी कीमत 1991 में 4 डॉलर प्रति औंस थी। मई 2025 में इसकी कीमत 32 डॉलर प्रति औंस पहुंच गई। इसका मतलब है कि इस दौरान चांदी करीब 733 फीसदी चढ़ी है। यह सालाना 6 फीसदी कंपाउंडेड रिटर्न के बराबर है। Gold 1991 में 353 डॉलर प्रति औंस था। 2024 में यह चढ़कर 2,624 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया। यह 643 फीसदी रिटर्न है।

इनफ्लेशन की वजह से सोने और चांदी का यह रिटर्न काफी कम हो गया। अगर गोल्ड के लंबी अवधि के असल रिटर्न को देखा जाए तो यह सालाना 1-2 फीसदी है। इसके मुकाबले अमेरिकी बॉन्ड्स का सालाना औसत रिटर्न 1926 से करीब 5-6 फीसदी रहा है। इसका मतलब है कि इसका रिटर्न इनफ्लेशन से ज्यादा रहा है। इसके अलावा यह नियमित इनकम का जरिया रहा है। अगर रिस्क से सुरक्षा की बात की जाए तो सिल्वर की दोहरी उपयोगिता की वजह से उसका आकर्षण कम हो जाता है। इसमें काफी ज्यादा उतारचढ़ाव देखने को मिलता है।


उदाहरण के लिए 2008 में ग्लोबल फाइनेंशियल क्राइसिस के साल चांदी की कीमतें करीब 27 फीसदी क्रैश कर गई थीं, जबकि गोल्ड में करीब 3 फीसदी की तेजी दिखी थी। उधर, अमेरिकी बॉन्ड्स में कम उतारचढ़ाव देखने को मिलता है। गोल्ड और शेयरों के बीच एक तरह का संबंध दिखता है। जब शेयरों में गिरावट आती है तो गोल्ड चढ़ता है। लेकिन, चांदी के मामले में ऐसा नहीं है। इसकी वजह यह है कि चांदी की कीमतों पर इसकी इंडस्ट्रियल डिमांड का असर पड़ता है।

उतारचढ़ाव के बावजूद कुछ खास स्थितियों में सिल्वर निवेश के सुरक्षित विकल्प के रूप में उभरी है। जियोपॉलिटिकल टेंशन और स्टैगफ्लेशन के डर के माहौल में सोने और चांदी दोनों मे निवेश देखने को मिलता है। उदाहरण के लिए 2025 की पहली तिमाही में चांदी 18.5 फीसदी उछली, जबकि गोल्ड में 18.2 फीसदी तेजी दिखी। हिस्टोरिकल एनालिसिस से पता चलता है कि कुछ बड़ी क्राइसिस के दौरान सिल्वर में फीसदी में सोने से ज्यादा तेजी आई है।

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सवाल है कि क्या चांदी को निवेश के सुरक्षित विकल्प के रूप में देखना चाहिए? आम तौर पर सिल्वर को निवेश के सुरक्षित विकल्प के रूप में नहीं देखा जाता है। इसकी अहमियत इस मामले में गोल्ड और अमेरिकी सरकार के बॉन्ड्स जैसी नहीं रही है। दुनियाभर में समझदार इनवेस्टर्स चांदी को सुरक्षित निवेश के मामले में एक पूरक (Complement) के रूप में देखते हैं। यह रिटर्न के साथ इनफ्लेशन के असर से बचाने में मदद करती है। लेकिन, मार्केट्स में बड़ी गिरावट आने पर यह आपको बड़ी सुरक्षा नहीं देती।

लेफ्टिनेंट कर्नल रोचक बख्शी (रिटायर्ड)

(लेखक सर्टिफायड फाइनेंशियल प्लैनर और ट्रू नॉर्थ फाइनेंस के फाउंडर हैं। यहां व्यक्त विचार उनके निजी विचार हैं। इसका इस पब्लिकेशन से कोई संबंध नहीं है।)

Rakesh Ranjan

Rakesh Ranjan

First Published: May 21, 2025 11:59 AM

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