Silver price outlook: इस साल 85% रिटर्न दे चुकी है चांदी, क्या अब जाएगी ₹2 लाख के पार? जानिए एक्सपर्ट से
Silver price outlook: 2025 में चांदी अब तक 85% चढ़ चुकी है और बाजार में चर्चा है कि क्या यह ₹2 लाख प्रति किलो का स्तर छू पाएगी। सप्लाई की कमी, गिरता रुपया और मजबूत इंडस्ट्रियल डिमांड चांदी के पक्ष में हैं। एक्सपर्ट से जानिए चांदी का आउटलुक।
SS WealthStreet की सुगंधा सचदेवा के मुताबिक, चांदी का स्ट्रक्चरल मोमेंटम बेहद मजबूत है।
Silver price outlook: सोना और चांदी दोनों के लिए 2025 हैरतंगेज साल साबित हुआ है। दिसंबर की शुरुआत तक सोना सालाना आधार पर 66% चढ़ चुका है। वहीं, चांदी 85% उछली है। अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद, कमजोर डॉलर और गिरता रुपया- इन तीनों फैक्टर ने मिलकर गोल्ड और सिल्वर की रैली को और तेज किया। इसमें चांदी ने सोने से कहीं ज्यादा मजबूत प्रदर्शन किया।
MCX पर मुनाफावसूली हावी
मंगलवार की सुबह ट्रेडर्स ने पिछले सेशन की तेज रैली के बाद मुनाफा वसूली की। यही वजह रही कि MCX पर दोनों धातुएं नीचे खुलीं। दोपहर 3.40 बजे तक सोना 0.47% गिरकर ₹1,26,720 प्रति 10 ग्राम पर था। वहीं, चांदी 2.73% फिसलकर ₹1,73,340 प्रति किलो पर आ गई।
इससे ठीक पहले सोमवार को सोना छह हफ्तों के ऊपरी स्तर पर पहुंच गया था, क्योंकि बाजार को फेड की संभावित दर कटौती की उम्मीदें सपोर्ट दे रही थीं। कमजोर रुपया ने भी घरेलू कीमतों को ऊपर धकेला है, जो हाल ही में डॉलर के मुकाबले रिकॉर्ड लो पर गया।
डॉलर कमजोर, सोना-चांदी को सहारा
ग्लोबल मार्केट में डॉलर इंडेक्स 0.03% फिसलकर 99.43 पर आ गया। इससे डॉलर-बेस्ड कमोडिटीज जैसे सोना और चांदी को सपोर्ट मिला।
इंटरनेशनल स्पॉट गोल्ड 0.2% गिरकर $4,222.93 प्रति औंस रहा, जबकि अमेरिकी गोल्ड फ्यूचर्स 0.4% टूटकर $4,256.30 पर रहे। पिछले तीन महीनों में सोना 25% चढ़ा है, लेकिन चांदी 40% से ज्यादा उछलकर बार-बार रिकॉर्ड हाई के करीब पहुंचती रही है।
सप्लाई की कमी से चांदी में तेजी
चांदी की कीमतों में मुनाफावसूली से पहले की हालिया उछाल की सबसे बड़ी वजह ‘सिल्वर स्क्वीज’ है। चीन के अक्टूबर में चांदी के निर्यात 660 टन के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए। वहीं इन्वेंट्री दस साल के निचले स्तर पर चली गई। यह सप्लाई टाइटनेस लंदन तक फैली दिख रही है।
2025 चांदी बाजार के लिए लगातार पांचवां डेफिसिट वाला साल होगा। इस कमी के चलते लिक्विडिटी पर दबाव पड़ा, लीज़ रेट्स बढ़े और अमेरिकी CME वॉल्ट्स में डिलिवरी भी बढ़ी। इतना ही नहीं, अमेरिका ने चांदी को 2025 की ‘क्रिटिकल मिनरल’ लिस्ट में शामिल किया है। इससे इसकी रणनीतिक अहमियत और बढ़ गई है।
क्या चांदी ₹2 लाख प्रति किलो का स्तर छू पाएगी?
चांदी इस साल पहले ही दोगुनी हो चुकी है और MCX पर ₹1.80 लाख प्रति किलो से ऊपर ट्रेड कर रही है। अब सबकी नजर इस बात पर है कि क्या यह ₹2 लाख का स्तर पार कर सकती है।
SS WealthStreet की सुगंधा सचदेवा के मुताबिक, चांदी का स्ट्रक्चरल मोमेंटम बेहद मजबूत है। उन्होंने बताया कि चांदी सात महीने लगातार चढ़ी है और मार्च कॉन्ट्रैक्ट ₹1,75,484 के रिकॉर्ड हाई तक गया। इंटरनेशनल मार्केट में भी चांदी $56.53 प्रति औंस के ऊपर निकल गई है, जो इसके लंबे समय के रेजिस्टेंस को तोड़ने का संकेत है।
सचदेवा का कहना है कि सोलर पैनल, इलेक्ट्रॉनिक्स, EV और फार्मा जैसे उद्योगों से बढ़ती मांग और गिरती ग्लोबल इन्वेंट्री की वजह से चांदी के फंडामेंटल मजबूत बने हुए हैं। अमेरिका द्वारा चांदी को क्रिटिकल मिनरल घोषित करना भी इसके लंबे समय के रुझान को मजबूत करता है।
Motilal Oswal का अनुमान है कि यह रैली 2026 तक चल सकती है। ब्रोकरेज का मानना है कि इंटरनेशनल मार्केट में चांदी $75 प्रति औंस तक जा सकती है और भारत में यह स्तर ₹2.3 लाख प्रति किलो तक पहुंच सकता है, बशर्ते रुपये और ड्यूटी में कोई बड़ा बदलाव न हो।
टेक्निकल व्यू: चांदी में तेजी का मोमेंटम जारी
Choice Broking के अमीर मकड़ा ने कहा कि चांदी मजबूत अपट्रेंड में है और इसका मोमेंटम अभी भी कायम है। उनके मुताबिक, चांदी के लिए अहम सपोर्ट ₹1,42,285 और ₹1,21,437 पर है। वहीं, अगला बड़ा मनोवैज्ञानिक रेजिस्टेंस ₹2,00,000 प्रति किलो है। मकड़ा ने सलाह दी कि ट्रेडर्स गिरावट पर खरीदारी की रणनीति अपनाएं।
निवेशकों की नजर अब अगले बड़े स्तर पर
2025 खत्म होने की ओर है और सोना-चांदी दोनों लगातार सुर्खियों में हैं। अब निवेशकों की सबसे बड़ी जिज्ञासा यही है कि क्या चांदी जल्द ही ₹2 लाख प्रति किलो के बड़े स्तर को छू पाएगी। एक्सपर्ट का मानना है कि ग्लोबल अनिश्चितता, मजबूत इंडस्ट्रियल डिमांड और बदलती मौद्रिक नीतियां... ये सभी फैक्टर आगे कीमतों की दिशा तय करेंगे।
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