Silver Rate: चांदी की कीमतों में जबरदस्त तेजी देखने को मिल रही है। शुक्रवार को मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर चांदी 1,668 रुपये चढ़कर 1.30 लाख रुपये प्रति किलोग्राम के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई। मार्च 2026 डिलीवरी वाले कॉन्ट्रैक्ट में यह बढ़त देखने को मिली। वहीं, दिसंबर डिलीवरी वाला सबसे ज्यादा ट्रेड होने वाला कॉन्ट्रैक्ट भी 1,674 रुपये उछलकर 1,28,612 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गया।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी चांदी चमक रही है। कॉमेक्स पर दिसंबर डिलीवरी वाली चांदी 1.52% चढ़कर 42.79 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गई, जो पिछले 14 साल का सबसे ऊंचा स्तर है। यह तेजी अमेरिकी फेडरल रिजर्व की अगली बैठक में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद के चलते आई है। निवेशकों का मानना है कि दरों में कमी से सुरक्षित निवेश के तौर पर चांदी की डिमांड और बढ़ेगी।
रिलायंस सिक्योरिटीज के सीनियर रिसर्च एनालिस्ट जिगर त्रिवेदी के मुताबिक न सिर्फ निवेशकों के लिए सेफ निवेश के अलावा इंडस्ट्रियल डिमांड भी चांदी की कीमतों को ऊपर धकेल रही है। सोलर पैनल, इलेक्ट्रिक व्हीकल और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसी इंडस्ट्रीज में चांदी की खपत लगातार बढ़ रही है, जबकि सप्लाई उतनी तेजी से नहीं बढ़ पा रही। यही वजह है कि चांदी का बाजार इस समय काफी टाइट है।
फिलहाल मार्केट में अनुमान है कि 17 सितंबर को होने वाली अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक में 0.25% ब्याज दर में कटौती लगभग तय है। करीब 93% निवेशक इसकी उम्मीद कर रहे हैं, जबकि कुछ एक्सपर्ट आधा प्रतिशत कटौती की भी संभावना देख रहे हैं। इसके साथ ही दुनिया भर में जारी भू-राजनीतिक तनाव ने भी निवेशकों को चांदी जैसे सुरक्षित एसेट में पैसा लगाने को मजबूर किया है।
आगे की बात करें तो मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज (MOFSL) ने अपने आउटलुक में कहा है कि अगले 12 महीनों में चांदी की कीमतें घरेलू बाजार में 1.50 लाख रुपये प्रति किलो तक जा सकती हैं। कंपनी का मानना है कि आने वाले 6 महीनों में कीमतें पहले 1.35 लाख रुपये और फिर एक साल के भीतर 1.50 लाख रुपये तक पहुंच सकती हैं। इस साल अब तक चांदी ने MCX पर करीब 37% का रिटर्न दिया है, जो कई अन्य निवेश विकल्पों से ज्यादा है।