Silver Rate Today: चांदी ने बनाया ऊंचाई का नया रिकॉर्ड, क्या आपको इनवेस्ट करना चाहिए?

18 जून को कमोडिटी एक्सचेंज एमसीएक्स पर सिल्वर फ्यूचर्स 1.10 लाख रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गया। 17 जून के मुकाबले कीमतों में 100 रुपये की तेजी इस बात का संकेत है कि जियोपॉलिटिकल टेंशन बढ़ने पर इनवेस्टर्स चांदी खरीद रहे हैं

अपडेटेड Jun 18, 2025 पर 12:24 PM
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अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी चांदी में तेजी दिखी। इससे भाव 37.23 डॉलर प्रति औंस के पार निकल गया।

चांदी की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई हैं। 18 जून को कमोडिटी एक्सचेंज एमसीएक्स पर सिल्वर फ्यूचर्स 1.10 लाख रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गया। 17 जून के मुकाबले कीमतों में 100 रुपये की तेजी इस बात का संकेत है कि जियोपॉलिटिकल टेंशन बढ़ने पर इनवेस्टर्स चांदी खरीद रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी चांदी में तेजी दिखी। इससे भाव 37.23 डॉलर प्रति औंस के पार निकल गया। फरवरी 2012 के बाद चांदी पहली बार इस लेवल पर पहुंची है।

जियोपॉलिटिकल टेंशन बढ़ने से चांदी चमकी

एक्सपर्ट्स का कहना है कि ईरान-इजरायल के बीच लड़ाई बढ़ रही है। इससे इनवेस्टर्स बुलियन यानी सोने और चांदी (Silver) में इनवेस्ट कर रहे हैं। उधर, वैश्विक अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता और रुपये में कमजोरी से भी चांदी में निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ी है। जब कभी दुनिया में उथलपुथल बढ़ती है तो सुरक्षित माने वाले एसेट्स की चमक बढ़ जाती है। सोने और चांदी को लंबे समय से निवेश का सुरक्षित जरिया माना जाता है।


एक दशक बाद चांदी 37 डॉलर के पार

मेहता इक्विटीज में वीपी (कमोडिटीज) राहुल कलांतरी ने कहा, "जियोपॉलिटिकल टेंशन बढ़ने पर सोने और चांदी में काफी उतारचढ़ाव दिख रहा है। करीब एक दशक बाद चांदी 37 डॉलर के पार गई है। रुपये में कमजोरी से भी चांदी में निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ी है।" उन्होंने कहा कि चांदी के लिए अगला रेसिस्टेंस लेवल 1.09-1.10 लाख रुपये है। इसके लिए सपोर्ट लेवल 1.08-1.07 लाख रुपये है।

क्या आपको निवेश करना चाहिए?

चांदी को अक्सर सोने के सस्ते विकल्प के रूप में देखा जाता है। इनवेस्टमेंट और ज्वैलरी दोनों ही लिहाज से चांदी सोने का विकल्प है। आम तौर पर सोने की कीमतें बढ़ने पर चांदी की चमक भी बढ़ जाती है। पीएल कैपिटल ग्रुप के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर और सीईओ संदीप रायचुरा ने कहा कि हमने इनवेस्टर्स को सिल्वर में निवेश बढ़ाने की सलाह दी है। इसकी वजह यह है कि ग्लोबल आउटलुक अनिश्चित है। ईरान और इजरायल में लड़ाई बढ़ रही है। यूस-चीन के बीच टैरिफ वॉर अभी खत्म नहीं हुआ है। इससे चांदी में तेजी जारी रह सकती है।

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सोने और चांदी के बीच एक बड़ा फर्क है। इलेक्ट्रॉनिक इक्विपमेंट्स सहित कई चीजों के उत्पादन में चांदी का इस्तेमाल होता है। इसलिए औद्योगिक गतिविधियां बढ़ने पर चांदी की डिमांड बढ़ जाती है। इससे कीमतों में तेजी आती है। उधर, सोने का इस्तेमाल सिर्फ ज्वैलरी और सुरक्षित निवेश के माध्यम के रूप में है। हालांकि, सोना और चांदी दोनों बुलियन के तहत आते हैं। सदियों से लोग इनमें निवेश करते आए हैं। सोने और चांदी की वैल्यू हर स्थिति में बनी रहती है।

MoneyControl News

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First Published: Jun 18, 2025 12:17 PM

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