हर महीने सैलरी अकाउंट में आती है और हम में से ज्यादातर लोग ईमानदारी से SIP में पैसा डाल देते हैं। कई बार तो पिछले महीने की बचत भी एक साथ निवेश कर देते हैं। ये सोचकर कि समय के साथ हमारा पैसा खुद-ब-खुद बढ़ता जाएगा। आखिर कौन चाहता है कि रिटायरमेंट के समय पैसे की तंगी हो?
लेकिन सवाल यह है, क्या आपकी SIP वाकई आपके लिए सही तरीके से काम कर रही है? कई निवेशक कुछ ऐसी गलतियां कर देते हैं, जिनसे उनके रिटर्न सालों तक प्रभावित होते रहते हैं। क्या आप भी उन गलतियों में से कोई कर रहे हैं? यहां SIP से जुड़ी 5 आम गलतियां हैं, जिनसे बचना बेहद जरूरी है।
1. मार्केट गिरते ही SIP बंद कर देना
स्टॉक मार्केट हमेशा ऊपर-नीचे होता रहता है, लेकिन SIP की असली खूबी यह है कि गिरावट में आपको सस्ते भाव पर ज्यादा यूनिट मिलते हैं। एक्सपर्ट जब पोर्टफोलियो निगेटिव हो, तभी SIP बंद करना सबसे बड़ी गलती होती है। उसी समय आप अपनी एवरेज कॉस्ट कम कर रहे होते हैं। यानी गिरावट में SIP बंद करना नहीं, बल्कि जारी रखना फायदेमंद होता है।
2. बहुत जल्दी पैसा निकाल लेना
कई लोग थोड़ा लाभ दिखते ही रिडीम कर लेते हैं। लेकिन याद रखें, SIP के शुरुआती 3-5 साल बीज बोने जैसे होते हैं। इस दौरान असली रिटर्न दिखता नहीं, लेकिन कम्पाउंडिंग चुपचाप अपना काम कर रही होती है। जल्दी निकालने से यही कम्पाउंडिंग टूट जाती है। इसलिए धैर्य रखें, पोर्टफोलियो बार-बार चेक न करें, और निवेश को समय दें। इसी में जादू है।
3. एक ही AMC की कई स्कीमों में निवेश करना
बहुत से फंड हाउस एक जैसी निवेश फिलॉसफी फॉलो करते हैं। इसलिए एक ही कंपनी की कई स्कीमें लेने से असल में डायवर्सिफिकेशन नहीं मिलता। पोर्टफोलियो एक जैसा ही बन जाता है। एक्सपर्ट का कहना है कि फंड का स्टाइल समझकर निवेश करें और कोशिश करें कि एक ही फंड हाउस की कई स्कीमें न जोड़ें।
4. ज्यादा रिटर्न देखकर फंड बदलते रहना
अक्सर हम देखते हैं कि कोई दूसरा फंड अच्छा रिटर्न दे रहा है। और तुरंत सोचते हैं, 'पैसा उधर क्यों न डालूं?' लेकिन हर बार फंड बदलने से टैक्स लगता है, एग्जिट लोड लगता है और कम्पाउंडिंग फिर टूट जाती है। बार-बार स्विच करने से पैसा कहीं टिकता ही नहीं और लंबी अवधि का फायदा घट जाता है। कई बार SIP को बिना छेड़े छोड़ देना ही सबसे बेहतर होता है।
5. इंफ्लेशन को नजरअंदाज कर देना
कई निवेशक SIP शुरू तो कर देते हैं, लेकिन सालों तक अपनी निवेश रकम नहीं बढ़ाते। जबकि महंगाई हर साल आपका वास्तविक रिटर्न खा जाती है। अगर आय बढ़ रही है और SIP नहीं बढ़ा रहे, तो आपका पोर्टफोलियो समय के साथ कमजोर होता जाता है। हर साल 5-10% SIP बढ़ाना जरूरी है ताकि आप लाइफस्टाइल कॉस्ट, भविष्य के खर्च और महंगाई से आगे रह सकें।
कुलमिलाकर, SIP में सफल होने का मतलब सिर्फ पैसा डालना नहीं है। मार्केट गिरने पर भी अनुशासन बनाए रखना, फंड को बिना वजह बदले बिना चलने देना और लंबी अवधि तक टिके रहना। यही तीन चीजें SIP को आपके लिए काम करने देती हैं। अगर इन गलतियों से बचेंगे, तो आपकी SIP सच में आपकी वेल्थ बनाने में मदद करेगी।
Disclaimer: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।