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तीन साल में स्मॉलकैप फंडों में 39,400 करोड़ रुपये निवेश, क्या इससे स्मॉलकैप शेयरों की कीमतों में बुलबुला बना है?

स्मॉलकैप फंडों में पिछले तीन साल में शुद्ध रूप से 39,400 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। इसके मुकाबले लार्ज कैप स्कीमों में सिर्फ 4,700 करोड़ रुपये का निवेश आया है। मिडकैप फंडों में भी शुद्ध रूप से 36,700 करोड़ रुपये का निवेश आया है। पिछले 12 महीनों के दौरान यह निवेश ज्यादा बढ़ा है

अपडेटेड Jul 17, 2023 पर 8:37 PM
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स्मॉलकैप ऐसी कैटेगरी है, जिसमें लिक्विडिटी कम होती है और लार्जकैप-मिडकैप के मुकाबले इम्पैक्ट कॉस्ट हाई होती है। हालिया तेजी को देखते हुए कुछ म्यूचुअल फंड्स हाउसेज ने इन स्कीमों में नए निवेश पर रोक लगाने के कदम उठाए हैं।

बीते कुछ समय से म्यूचुअल फंड्स की स्मॉलकैप स्कीमों (Small Cap Schemes) में इनवेस्टर्स की दिलचस्पी बढ़ी है। पिछले तीन साल में इनमें शुद्ध रूप से 39,400 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। इसके मुकाबले लार्ज कैप स्कीमों में सिर्फ 4,700 करोड़ रुपये का निवेश आया है। मिडकैप फंडों में भी शुद्ध रूप से 36,700 करोड़ रुपये का निवेश आया है। पिछले 12 महीनों के दौरान यह निवेश ज्यादा बढ़ा है। जून 2022 से स्मॉलकैप फंड्स में 30,000 करोड़ रुपये का निवेश आया है। इससे स्मॉलकैप शेयरों में बुलबुला बनने की चिंता होने लगी है।

स्मॉलकैप फंड्स में लिक्विडिटी कम

स्मॉलकैप ऐसी कैटेगरी है, जिसमें लिक्विडिटी कम होती है और लार्जकैप-मिडकैप के मुकाबले इम्पैक्ट कॉस्ट हाई होती है। हालिया तेजी को देखते हुए कुछ म्यूचुअल फंड्स हाउसेज ने इन स्कीमों में नए निवेश पर रोक लगाने के कदम उठाए हैं। उदाहरण के लिए SBI MF के तीसरे सबसे बड़े स्मॉलकैप फंड ने कहा है कि वह SIP के जरिए एक PAN पर एक महीने में 25,000 रुपये से ज्यादा का निवेश नहीं लेगी। उसने फरवरी 2021 से यह नियम बनाया है। इस स्कीम में एकमुश्त निवेश पर रोक लगा दी गई है।


फंड हाउसेज ने उठाए बड़े कदम

हाल में Tata Mutual Fund ने अपने स्मॉलकैप फंड में 1 जुलाई से एकमुश्त निवेश लेना बंद कर दिया है। इस कैटेगरी की सबसे बड़ी स्कीम Nippon India Small Cap Fund ने 7 जुलाई से नया निवेश लेने या स्विच-इन पर रोक लगा दी है।

ज्यादा निवेश से फंड मैनेजमेंट पर दबाव

Nippon India Mutual Fund के फंड मैनेजर (इक्विटी इनवेस्टमेंट) समीर रछ ने कहा कि पिछले कुछ समय से हम इस कैटेगरी की स्कीमों में काफी ज्यादा निवेश देख रहे हैं। ऐसा लगता है कि यह पैसा लंबी अवधि के लिए नहीं लगाया जा रहा है। अगर बुल मार्केट में ज्यादा निवेश आता है तो इससे फंड मैनेजमेंट और रिसर्च टीम पर ज्यादा दबाव बन जाता है। इससे कई बार गलती भी हो जाती है। इसलिए अपने रिस्क मैनेजमेंट प्रोसेस को ध्यान में रख हमने निवेश पर रोक लगाई है।

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सेलेक्टिब एप्रोच अपना रहे फंड मैनेजर्स

स्मॉलकैप स्कीमों के एसेट अंडर मैनेजमेंट में उछाल के बावजूद ज्यादातर फंड मैनेजर्स निवेश करने में सेलेक्टिव एप्रोच अपना रहे हैं। उदाहरण के लिए इस कैटेगरी की दूसरी सबसे बड़ी स्कीम एचडीएफसी स्मॉलकैप फंड के पोर्टफोलियो में पिछले चार साल से 65-70 स्टॉक्स रहे हैं। DSP Small Cap Fund के पोर्टफोलियो में जून 2020 में 63 स्टॉक्स थे, जो जून 2023 में बढ़कर 71 हो गए। Edelweiss Small Cap Fund में भी यही ट्रेंड दिखा है।

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