Sovereign Gold Bond: इस सीरीज के लिए RBI ने किया रिडेम्पशन प्राइस का ऐलान, निवेशकों को 141% का बंपर मुनाफा

Sovereign Gold Bond: आरबीआई ने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की एक और सीरीज के लिए रिडेम्पशन प्राइस का ऐलान कर दिया है। इस पर निवेशकों को शानदार 141% रिटर्न मिल रहा है। जानिए रिडेम्पशन प्राइस की पूरी डिटेल।

अपडेटेड Nov 18, 2025 पर 4:12 PM
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Sovereign Gold Bond योजना निवेशकों को सोने की कीमत पर रिटर्न के साथ-साथ 2.5% सालाना ब्याज भी देती है।

Sovereign Gold Bond: सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) 2020-21 Series-VIII में निवेश करने वालों को शानदार रिटर्न मिल रहा है। RBI ने इस किस्त की प्रीमैच्योर (premature) रिडेम्पशन प्राइस ₹12,476 प्रति यूनिट तय की है। इसकी विंडो 18 नवंबर 2025 को खुला है। यह रिडेम्पशन प्राइस निवेशकों को लगभग 141% का फायदा देता है।

कितने में जारी हुआ था यह SGB?

यह बॉन्ड 18 नवंबर 2020 को ₹5,177 प्रति ग्राम की कीमत पर जारी किया गया था। ऑनलाइन आवेदन करने वालों को ₹50 प्रति ग्राम की छूट भी मिली थी। SGB नियमों के मुताबिक, समय से पहले रिडेम्पशन केवल पांचवें साल के बाद और सिर्फ इंटरेस्ट पेमेंट वाली तारीखों पर ही मुमकिन है।


RBI ने रिडेम्पशन प्राइस कैसे तय किया?

RBI ने बताया कि रिडेम्पशन वैल्यू तय करने के लिए 13, 14 और 17 नवंबर 2025 को इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) द्वारा जारी 999-शुद्धता वाले सोने के क्लोज़िंग दामों का सिंपल एवरेज लिया गया।

अगर किसी निवेशक ने समय से पहले रिडेम्पशन के लिए आवेदन नहीं किया है, तो उन्हें अगली विंडो का इंतजार करना होगा या फिर वे चाहें तो इसे स्टॉक एक्सचेंज पर बेच सकते हैं। वहां पर कीमत और लिक्विडिटी रोज बदलती रहती है।

SGB के फायदे क्या हैं?

Sovereign Gold Bond योजना निवेशकों को सोने की कीमत पर रिटर्न के साथ-साथ 2.5% सालाना ब्याज भी देती है। सबसे बड़ी बात, अगर बॉन्ड को मैच्योरिटी तक होल्ड किया जाए, तो कैपिटल गेन टैक्स नहीं लगता।

SGB योजना 2015 में शुरू हुई थी। तब से लेकर 31 मार्च 2025 तक सरकार ने कुल 67 किस्तों के जरिए 146.96 टन सोना, जिसकी वैल्यू ₹72,275 करोड़, जुटाया है। 15 जून 2025 तक निवेशक 18.81 टन सोना के बराबर बॉन्ड रिडीम कर चुके थे।

SGB को प्रीमैच्योर भुनाए या होल्ड करें?

अगर निवेशक को अभी अच्छे रिटर्न मिल रहे हैं और पैसे की जरूरत भी है, तो सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का प्रीमैच्योर रिडेम्पशन एक सही फैसला हो सकता है। SGB में इस समय कई सीरीज पर 100% से ज्यादा का रिटर्न मिल रहा है, जो किसी भी सुरक्षित निवेश में कम ही देखने को मिलता है। साथ ही, रिडेम्पशन प्रक्रिया आसान है और RBI तय फॉर्मूले से कीमत घोषित करता है, जिससे पारदर्शिता बनी रहती है।

लेकिन अगर निवेशक की नजर लंबी अवधि के रिटर्न पर है, तो SGB को मैच्योरिटी तक होल्ड करना ज्यादा फायदेमंद रहता है। सोने की कीमतें लंबे समय में आमतौर पर बढ़ती हैं, ऊपर से SGB पर 2.5% का सालाना ब्याज भी मिलता है। खासकर, मैच्योरिटी पर मिलने वाला फायदा पूरी तरह टैक्स-फ्री होता है, जो इसे एक बेहतरीन लॉन्ग-टर्म वेलेथ-बिल्डिंग विकल्प बनाता है।

Sovereign Gold Bonds: जल्दी रिडीम करें या मैच्योरिटी तक होल्ड करने में फायदा? जानिए एक्सपर्ट से

Disclaimer: हां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।

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