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Sovereign Gold Bond: क्या आपको सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश करना चाहिए?

RBI ने एसजीबी की पहली किस्त 30 नवंबर, 2015 को जारी की थी। तब से इसकी 67 किस्तें जारी हो चुकी हैं। इसके तहत कुल 14.7 करोड़ यूनिट्स जारी की गई हैं। बीएसई और एनएसई के कैश सेगमेंट में एसजीबी लिस्टेड हैं

MoneyControl Newsअपडेटेड Dec 09, 2024 पर 6:31 PM
Sovereign Gold Bond: क्या आपको सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश करना चाहिए?
एसजीबी का मैच्योरिटी पीरियड 8 साल है।

पिछले कुछ सालों में डिजिटल गोल्ड में निवेश करने में लोगों की दिलचस्पी बढ़ी है। गोल्ड ईटीएफ और सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (एसजीबी) इसके उदाहरण हैं। डिजिटल गोल्ड में दिलचस्पी बढ़ने के कई कारण हैं। इसकी सुरक्षा को लेकर चिंता नहीं रहती है। गोल्ड की शुद्धता को लेकर भी संदेह नहीं रहता है। एसजीबी में निवेश पर पर इंटरेस्ट भी मिलता है। लेकिन, एसजीबी में सरकार की दिलचस्पी घटती दिख रही है। इस साल फरवरी से आरबीआई ने एसीजीबी की नई किस्त जारी नहीं की है। लेकिन, आप बीएसई और एनएसई पर एसजीबी में निवेश कर सकते हैं।

मैच्योरिटी पीरियड 8 साल

एसजीबी (Sovereign Gold Bond) का मैच्योरिटी पीरियड 8 साल है। मैच्योरिटी पर एसजीबी पर मिले इंटरेस्ट अमाउंट पर टैक्स लगता है। लेकिन, कैपिटल गेंस पर कोई टैक्स नहीं लगता है। सरकार हर साल एसजीबी में निवेश पर 2.5 फीसदी इंटरेस्ट देती है। इससे एसजीबी में निवेश का आकर्षण बढ़ जाता है। RBI की तरफ से पहले जारी की गई एसजीबी की किस्तों में BSE और NSE में ट्रेडिंग होती है।

2015 में आई थी पहली किस्त

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