केंद्र सरकार ने पान मसाला, सिगरेट और तंबाकू से जुड़े अन्य प्रोडक्ट्स पर लगाए जाने वाले जीएसटी कंपनसेशन सेस की अधिकतम दर तय कर दी है। इसके साथ ही, अधिकतम दर को उनके रिटेल सेल प्राइस से जोड़ दिया गया है। इसे वित्त विधेयक 2023 में संशोधन के तहत लाया गया था, जिसे लोकसभा ने शुक्रवार को पारित कर दिया। ये संशोधन एक अप्रैल, 2023 से लागू होंगे। संशोधन के अनुसार, पान मसाला के लिए अधिकतम जीएसटी कंपनसेशन सेस रेट रिटेल सेल प्राइस प्रति यूनिट का 51% होगा। मौजूदा व्यवस्था के तहत सेस उत्पाद के मूल्य के अनुसार 135 फीसदी पर लगाया जाता है।
सिगरेट और तंबाकू सेस की अधिकतम सीमा तय
तंबाकू की दर 4,170 रुपये प्रति हजार स्टिक के साथ मूल्य के अनुसार 290% या प्रति यूनिट रिटेल सेल प्राइस का 100% तय की गई है। अभी तक सबसे ऊंची दर 4,170 रुपये प्रति हजार स्टिक के साथ मूल्यानुसार 290 फीसदी है। यह सेस जीएसटी की सबसे ऊंची 28 प्रतिशत की दर के ऊपर लगाया जाता है।
जीएसटी कंपनसेशन सेस एक्ट की शेड्यूल-I में पान मसाला, सिगरेट और तंबाकू के अन्य उत्पादों पर लगने वाले सेस की अधिकतम सीमा तय कर दी गई है। हालांकि, टैक्स एक्सपर्ट्स ने कहा कि इस बदलाव के बाद लागू होने वाले कंपनसेशन सेस के लिए आकलन के लिए जीएसटी काउंसिल को नोटिफिकेशन जारी करने की जरूरत होगी।
AMRG एंड एसोसिएट्स के सीनियर पार्टनर रजत मोहन ने कहा कि जीएसटी कंपनसेशन सेस लॉ में हालिया संशोधन के तहत जीएसटी काउंसिल को एक नोटिफिकेशन के माध्यम से लागू कर दरों को पेश करने की अनुमति देगा। उन्होंने आगे कहा, 'यह संशोधन पान मसाला और तंबाकू सप्लाई करने वाली कंपनियों के लिए टैक्सेशन पॉलिसी में एक अहम बदलाव का प्रतीक है। यह पॉलिसी इस क्षेत्र में कर चोरी को काफी हद तक रोक देगी। फिर भी यह आर्थिक नजरिए से एक रिग्रेसिव प्लान साबित हो सकता है।'
फरवरी में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली और राज्यों के समकक्षों वाली जीएसटी काउंसिल ने पान मसाला और गुटखा बिजनेस में कर चोरी को रोकने के लिए राज्य के वित्त मंत्रियों के एक पैनल की रिपोर्ट को मंजूरी दी थी।