चार्टर्ड अकाउंटेंट की संस्था ICAI ने एक अहम सुझाव दिया है। ICAI ने टैक्स सिस्टम में लड़कियों की शिक्षा से संबंधित खर्चों की अलग से कटौती और ग्रीन एनर्जी प्रोजेक्ट्स एवं स्किल डेवलेपमेंट से जुड़ी इकाइयों को टैक्स प्रोत्साहन देने का प्रस्ताव रखा है। The Institute of Chartered Accountants of India (ICAI) ने नई सरकार के गठन के बाद पेश होने वाले पूर्ण बजट के पहले अपना प्रस्ताव केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBTD) को सौंपा है। चालू वित्त वर्ष 2024-25 का पूर्ण बजट नई सरकार पेश करेगी।
इन प्रस्तावों में कहा गया है कि नए टैक्स सिस्टम और वैकल्पिक टैक्स प्रणाली दोनों के तहत लड़कियों की शिक्षा से संबंधित खर्चों की कटौती के लिए एक अलग प्रावधान किया जाना चाहिए। आईसीएआई के साथ लगभग 8.5 लाख छात्र और चार लाख से अधिक सदस्य जुड़े हुए हैं।
आईसीएआई ने सोमवार को एक विज्ञप्ति में कहा कि व्यक्तिगत टैक्सेशन सिस्टम से संबंधित अन्य महत्वपूर्ण सुझावों में मेडिक्लेम प्रीमियम भुगतान के लिए कटौती के प्रावधान को नई टैक्स व्यवस्था में शामिल करना, मानक कटौती में नियमित वृद्धि और विवाहित जोड़ों के लिए संयुक्त टैक्सेशन का विकल्प शामिल है।
इसके अलावा संस्थान ने ग्रीन प्रोजेक्ट में लगी कंपनियों और स्किल डेवलेपमेंट प्रोग्राम में शामिल संस्थाओं के लिए टैक्स प्रोत्साहन की भी वकालत की है। एक प्रस्ताव यह भी है कि ग्रीन बॉन्ड के खरीदारों को मिले ब्याज पर छूट दी जा सकती है या इस पर रियायती दर लागू की जा सकती है।
कंपनियों पर लगने वाले टैक्सेशन के संदर्भ में आईसीएआई ने कर लेखा-परीक्षा के प्रावधानों का अनुमानित इनकम प्रावधानों के साथ मिलान करने, अनुमानित इनकम की व्यवस्था को अधिक सरल बनाने और भागीदारों के स्वीकार्य पारिश्रमिक की गणना के लिए सीमा बढ़ाने का सुझाव दिया है।
इसके अलावा धर्मार्थ ट्रस्टों के टैक्सेशन से संबंधित प्रावधानों को तर्कसंगत बनाने का प्रस्ताव भी किया गया है। आईसीएआई के अध्यक्ष रंजीत कुमार अग्रवाल ने कहा, "ग्रीन फाइनेंस को बढ़ाने और ग्रीन प्रोजेक्ट्स को प्रोत्साहन देने के लिए हमने ग्रीन प्रोजेक्ट शुरू करने वाली संस्थाओं को विशेष प्रोत्साहन देने की वकालत की है। ऐसी संस्थाओं द्वारा जारी किए गए ग्रीन बॉन्ड के ग्राहकों की इंटरेस्ट इनकम में छूट का प्रस्ताव भी किया है।"