ज्यादातर कंपनियां अपने एंप्लॉयीज को कॉस्ट टू कंपनी स्ट्रक्चर के तहत हाउस रेंट अलाउंस (HRA) का भुगतान करती हैं। इस रकम पर इनकम टैक्स के सेक्शन 10(13A) के तहत छूट मिलती है। हालांकि, इसके साथ कुछ शर्तें भी मौजूद हैं। हालांकि, अगर आपका एंप्लॉयर बिल्कुल HRA नहीं देता है, तो क्या होगा?
इसके अलावा, अगर आप खुद का काम करने वाले यानी सेल्फ-एंप्लॉयड प्रोफेशनल हैं और आपके पास इस HRA छूट को हासिल करने की सुविधा नहीं है, तो आपको क्या करना होगा? ऐसे टैक्सपेयर्स के लिए इनकम टैक्स के सेक्शन 80GG के तहत छूट दी गई है। आप रिटर्न भरते समय सेक्शन 80GG के तहत इस छूट का फायदा ले सकते हैं।
- 5,000 रुपये प्रति महीना (60,000 रुपये सालाना)
- भुगतान किया गया वास्तविक किराया में टोटल इनकम का 10 पर्सेंट काटकर
यहां 'टोटल इनकम' में सेक्शन 111A के तहत लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स और शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स को शामिल नहीं किया जाता है। हालांकि, आपको यह सुविधा नहीं मिलेगा अगर आपके दंपति या आपके पास वह घर अपना है, जहां आप रहते हैं या अपनी बिजनेस गतिविधियां चलाते हैं। साथ ही, HRA की तरह यह टैक्स छूट सिर्फ पुरानी टैक्स रिजीम के तहत ही उपलब्ध है। नई टैक्स रिजीम में यह सुविधा उपलब्ध नहीं है।
इस छूट को हासिल करने का तरीका
आप इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते समय इस छूट के लिए क्लेम कर सकते हैं। आपको सबूत के तौर पर रेंट एग्रीमेंट या रेंट रिसीट नहीं देना होगा, लेकिन भविष्य की जरूरत के हिसाब से आपको इन दस्तावेजों को सुरक्षित रखना होगा। आपको अपने ITR फॉर्म में सभी जानकारी देनी होगी और इसके अलावा 10BA फॉर्म भी भरना होगा। इस फॉर्म में आपको अपना नाम, पैन नंबर, आधार, पता, रेंट की अवधि, मकान मालिक की प्रॉपर्टी का ब्यौरा आदि भरना होगा।