नया ऑल टाइम हाई क्रिएट करने के बाद सोना लगातार तीसरे दिन लुढ़का है। रॉयटर्स के मुताबिक, वैश्विक बाजारों में सोने का हाजिर भाव 0.2 प्रतिशत गिरकर 4,084.29 डॉलर प्रति औंस पर आ गया। दिसंबर में डिलीवरी वाला यूएस गोल्ड फ्यूचर्स 0.9% बढ़कर 4,100.90 डॉलर प्रति औंस हो गया। सोना इस सप्ताह की शुरुआत में 4381.52 डॉलर प्रति औंस के नए पीक पर पहुंच गया था। साल 2025 में अब तक यह 56 प्रतिशत मजबूत हो चुका है।
रॉयटर्स के मुताबिक, गोल्डसिल्वर सेंट्रल के एमडी ब्रायन लैन का कहना है कि इस समय, लंबी अवधि में हम अभी भी सोने को लेकर आशावादी हैं। लेकिन शॉर्ट टर्म में निवेशकों को सतर्क रहना होगा क्योंकि अस्थिरता बहुत अधिक है।
डॉलर की मजबूती से सोने की कीमत को लगा झटका
सोने की कीमत में हालिया गिरावट की प्रमुख वजह डॉलर में आई मजबूती है। डॉलर इंडेक्स 0.2% चढ़ा है। निवेशक अमेरिका के खुदरा महंगाई के आंकड़ों का इंतजार कर रहे हैं, जो इस सप्ताह के अंत में आने वाले हैं। इन आंकड़ों से निवेशक ब्याज दरों पर फेडरल रिजर्व रुख को लेकर और संकेत तलाशेंगे। अमेरिकी सरकार के शटडाउन के कारण अहम सरकारी आंकड़े जारी होने में देरी हुई है।
ट्रेड को लेकर टेंशन में राहत
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को कहा कि उन्हें चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ एक ट्रेड समझौते पर पहुंचने की उम्मीद है। दोनों के बीच अगले सप्ताह दक्षिण कोरिया में मीटिंग होने वाली है। 1 नवंबर से चीन की ओर से रेयर अर्थ एलिमेंट्स के निर्यात पर नियंत्रण और इसके जवाब में इसी तारीख से अमेरिका की ओर से चीन पर 100 प्रतिशत के एडिशनल टैरिफ की घोषणा के बाद दोनों देशों के बीच टेंशन बढ़ गया। अमेरिका ने चीन को लैपटॉप से लेकर जेट इंजन तक, सॉफ्टवेयर-संचालित प्रोडक्ट्स के निर्यात पर अंकुश लगाने की योजना पर विचार करने की भी बात कही। इन कारणों ने भी सोने की कीमतों को बढ़ावा दिया।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज में प्रीशियस मेटल्स रिसर्च के एनालिस्ट मानव मोदी का कहना है कि सोने में मौजूदा अस्थिरता प्रॉफिट बुकिंग और टेक्निकल फैक्टर्स से उपजी है। मोदी के मुताबिक, "कोई बड़ा बुनियादी बदलाव नहीं हुआ है; बाजार बस संतुलन खोज रहा है क्योंकि जोखिम भरी संपत्तियों में नए सिरे से खरीदारी हो रही है। घबराहट में बिकवाली और ऊंचे स्तर पर मार्जिन कॉल ने शॉर्ट टर्म अस्थिरता को बढ़ावा दिया है।"