ITR AY23 : अगर आप पुराने टैक्स रेजीम के तहत अपना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल (income tax returns) फाइल कर रहे हैं तो आप कई टैक्स डिडक्शन और छूट पाने के हकदार हैं। इन्हीं में सेविंग बैंक अकाउंट्स से मिले 10,000 रुपये तक के ब्याज पर इनकम टैक्स में 10,000 रुपये तक टैक्स छूट में क्लेम शामिल है। आइए देखने हैं कि इसका फायदा कैसे मिलता है
टैक्स फ्री होता है 10,000 रुपये तक ब्याज
इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80टीटीए (Section 80TTA of the Income Tax Act) के तहत बचत खाते पर प्रति वर्ष 10,000 रुपये तक का ब्याज टैक्स फ्री रहता है। ध्यान रहे कि इसमें आपके सभी बैंक बचत खातों पर मिले ब्याज को शामिल किया जाएगा। यदि सभी बैंक खातों का ब्याज 10,000 रुपये से अधिक है तो उस पर टैक्स लगेगा। धारा 80टीटीए के तहत 60 वर्ष से कम आयु के लोगों को 10000 रुपये तक पर ब्याज में कटौती का दावा करने की सुविधा मिलती है।
किसे नहीं मिलेगा यह बेनिफिट
वहीं कंपनियां और फर्म यह लाभ नहीं ले सकतीं। डाक घर, बैंकों या सहकारी बैंकों में मौजूद सभी बचत खातों पर प्राप्त कुल 10,000 रुपये का ब्याज ही टैक्स फ्री रहेगा। इससे ऊपर के ब्याज पर टैक्स आपकी स्लैब के अनुसार टैक्स लगेगा।
यह कटौती सेक्शन 80सी के तहत 1.50 लाख रुपये की लिमिट से अलग है।
कौन से ब्याज पर नहीं मिलेगी छूट
इस सेक्शन के तहत फिक्स्ड डिपॉजिट या आरडी या किसी अन्य जमा पर मिलने वाले ब्याज पर छूट नहीं मिलेगी। इसके अलावा एनबीएफसी में जमा पर मिलने वाले ब्याज को भी सेक्शन 80टीटीए के तहत टैक्स बेनिफिट्स में शामिल नहीं किया जाएगा।
सेक्शन 80टीटीए के तहत कौन है इलिजिबल?
भारत में रह रहे टैक्सपेयर्स या हिंदू यूनाइडेट फैमिली (एचयूएफ) ही ब्याज पर टैक्स कटौती का लाभ उठा सकते हैं। नॉन रेजिडेंट इंडियंस (NRI) सेक्शन 80टीटीए के तहत अपने नॉन रेजिडेंट ऑर्डिनरी या एनआरओ सेविंग्स अकाउंट्स के लिए यह बेनिफिट ले सकते हैं।
यह ध्यान रखना चाहिए कि 60 साल या इससे अधिक आयु वर्ग के लोग 80 टीटीबी के तहत 50,000 रुपये तक की ब्याज आय या वास्तविक ब्याज आय, जो भी कम हो, तक के लिए टैक्स कटौती का दावा कर सकते हैं।