ITR Filing Deadline: एसेसमेंट वर्ष 2025-26 (वित्त वर्ष 2025) के लिए इनकम टैक्स का रिटर्न फाइल करने की डेडलाइन 15 सितंबर से ऐन मौके पर बढ़ाकर 16 सितंबर कर दी गई यानी कि जो भी टैक्सपेयर्स इसे फाइल करने से चूक गए हैं, उनके लिए आज आखिरी मौका है। इससे भी चूके तो पेनाल्टी देना पड़ सकता है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने इसकी डेडलाइन बढ़ाने की जानकारी X (पूर्व नाम Twitter) पर ट्वीट करके दी है। उनका यह ट्वीट 15 सितंबर की आधी रात डेडलाइन बीतने से 12 मिनट पहले ही आया। ऐसे में जो टैक्सपेयर्स अभी तक इसे फाइल नहीं कर पाए हैं, वह बिना किसी पेनल्टी के आज इसे फाइल कर सकते हैं।
इस दौरान साइट रही मेंटेनेंस मोड में
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के ट्वीट मे कहा गया है कि एसेसमेंट वर्ष 2025-26 (वित्त वर्ष 2025) के लिए आईटीआर फाइल करने की डेडलाइन बीतने से ऐन मौके पहले इसे 15 सितंबर से बढ़ाकर 16 सितंबर कर दिया गया। पहले भी इसे इसके मूल डेडलाइन 31 जुलाई 2025 से बढ़ाकर इस बार 15 सितंबर 2025 तक का समय दिया गया था। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज ने इसे एक और दिन आगे खिसकाने का फैसला किया। हालांकि आधी रात के पहले किए गए इस ट्वीट में एक अहम मैसेज ये भी रहा कि यूटिलिटीज में बदलाव को लेकर ई-फाइलिंग पोर्टल आधी रात को 12 बजे से रात 2 बजे तक मेंटेनेंस मोड में रहा यानी इस दौरान आईटीआर फाइलिंग का काम बंद था।
15 सितंबर को दिन भर #duedateextension रहा ट्रेंड में
पिछले तीन दिनों से टैक्सपेयर्स और सीए सोशल मीडिया पर लगातार ई-फाइलिंग पोर्टल को लेकर दिक्कतों की शिकायतें कर रहे थे। वे लगातार इसकी धीमी स्पीड, एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट (AIS), आईटीआर यूटिलिटीज के रिलीज होने में देरी इत्यादि की शिकायतें कर रहे थे। इसे लेकर 15 सितंबर को यानी पहले की डेडलाइन वाले पूरे दिन X पर हैशटैग #duedateextension ट्रेंड कर रहा था। इसमें टैक्सपेयर्स और प्रोफेशनल्स इसकी ड्यू डेट आगे खिसकाने की मांग कर रहे थे।
बता दें कि जो टैक्सपेयर्स डेडलाइन तक आईटीआर फाइल नहीं कर पाते हैं, वह 31 दिसंबर तक इसे फाइल कर तो सकते हैं लेकिन देरी से फाइल करने के चलते उन्हें ₹1,000-₹5,000 तक की पेनल्टी भी देनी पड़ती है और साथ ही अन्य फायदे भी गंवाने पड़ते हैं। एक और अहम बात, अगर आपकी इनकम ₹2.5 लाख से अधिक है, तो टैक्स देनदारी बनती हो या नहीं, आईटीआर फाइल करना अनिवार्य है। हालांकि 60-80 वर्ष के उम्र के लोगों के लिए यह लिमिट न्यूनतम ₹3 लाख और 80 वर्ष से अधिक के लोगों के लिए ₹5 लाख है।