ITR Filing: नए टैक्स रीजीम में भी हैं डिडक्शन और रिबेट, जानिए कैसे उठाएं लाभ
ITR Filing: 1 अप्रैल 2024 से नई टैक्स व्यवस्था डिफॉल्ट है, जिसमें कम टैक्स रेट के साथ कुछ सीमित लेकिन उपयोगी छूटें और रिबेट्स मिलती हैं। ITR फाइल करते समय इनका सही इस्तेमाल टैक्स बचाने में मदद कर सकता है।
न्यू टैक्स रीजीम में सेक्शन 80CCH के तहत भी टैक्स छूट मिलती है।
ITR Filing: न्यू टैक्स रीजीम (new tax regime) 1 अप्रैल 2024 से डिफॉल्ट टैक्स सिस्टम बन चुकी है। अब अगर कोई करदाता पुरानी टैक्स व्यवस्था अपनाना चाहता है, तो उसे हर साल फॉर्म 10-IEA भरना पड़ेगा। सरकार का दावा है कि नई टैक्स व्यवस्था सरल, पारदर्शी और कम टैक्स रेट वाली है। हालांकि, अभी भी बहुत से लोग ओल्ड टैक्स रीजीम में हैं, क्योंकि उसमें मिलने वाली छूटों और कटौतियों की लिस्ट लंबी है। लेकिन, न्यू टैक्स रीजीम में भी कुछ टैक्स डिडक्शन और रिबेट हैं, जिनके बारे में ज्यादातर लोग नहीं जानते।
नई टैक्स व्यवस्था में क्या मिलता है?
न्यू टैक्स रीजीम में बेशक HRA, LTA, 80C, होम लोन ब्याज जैसी लोकप्रिय छूटें नहीं हैं, लेकिन कुछ अहम डिडक्शन और एक बड़ा टैक्स रिबेट अब भी मौजूद हैं। आइए इनके बारे में विस्तार से समझते हैं:
₹75,000 का स्टैंडर्ड डिडक्शन
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2024 में बड़ा बदलाव किया था। उन्होंने सैलरी और पेंशन पर स्टैंडर्ड डिडक्शन ₹75,000 कर दिया था, जो पहले ₹50,000 था। इसका मतलब है कि सैलरी और पेंशन से कमाई पर ₹75,000 की टैक्स देनदारी सीधे कम हो जाएगी।
NPS में एम्प्लॉयर कंट्रीब्यूशन पर छूट
अगर आपके नियोक्ता ने आपके NPS अकाउंट में योगदान किया है, तो वह हिस्सा सेक्शन 80CCD(2) के तहत टैक्स-फ्री होगा। हालांकि, यह ध्यान रखने वाली बात है कि टैक्स छूट के लिए कर्मचारी यानी आपके योगदान को कवर नहीं किया जाता है।
अग्निवीर कॉर्पस फंड पर छूट
न्यू टैक्स रीजीम में सेक्शन 80CCH के तहत भी टैक्स छूट मिलती है। यह छूट 'अग्निपथ योजना' के अंतर्गत भर्ती होने वाले युवाओं को अग्निवीर कॉर्पस फंड में मिलने वाली राशि पर मिलती है।
फैमिली पेंशन पर टैक्स डिडक्शन
अगर आपको किसी भी तरह का फैमिली पेंशन मिलता है, तो न्यू टैक्स रिजीम में भी ₹25,000 तक का डिडक्शन मिल सकता है। इससे भी आपको अपनी टैक्स देनदारी घटाने में मदद मिल सकती है।
LTA, HRA, Allowances पर छूट
HRA, LTA, और कई Special Allowances पर भी न्यू रीजीम में टैक्स छूट मिलती है। दरअसल, NPS कंट्रीब्यूशन की तरह ये भी आपके एम्प्लॉयर की तरफ से मिलने वाले अलाउंस हैं। इसलिए इस पर टैक्स छूट मिलती है। इसके अलावा दोस्त या रिश्तेदार से साल में ₹50,000 तक का गिफ्ट मिलता है, तो उस पर भी टैक्स नहीं देना होता।
सेक्शन 87A के तहत रिबेट
वित्त वर्ष 2023-24 तक, अगर आपकी टैक्सेबल इनकम ₹7 लाख या उससे कम है, तो आपको ₹25,000 तक की छूट मिलती है। लेकिन वित्त वर्ष 2025-26 से ये छूट बढ़ाकर ₹60,000 कर दी गई है। इसका मतलब है कि अगर आपकी टैक्स देनदारी ₹60,000 या इससे कम है, तो आपको कोई एक भी रुपया टैक्स नहीं देना होगा।
New vs Old Tax Regime: कौन बेस्ट?
पुरानी टैक्स व्यवस्था
नई टैक्स व्यवस्था
टैक्स रेट्स
ज्यादा
कम
डिडक्शंस
कई (80C, 80D, HRA आदि)
सीमित (5 ही)
पेचिदगियां
ज्यादा (दस्तावेज, निवेश आदि)
कम (सीधा और क्लीन प्रोसेस)
बेस्ट फॉर
निवेश करने वाले, HRA क्लेम करने वाले
बिना निवेश के टैक्स बचाने वाले
टैक्स एक्सपर्ट का मानना है, "अगर आप 80C, 80D, होम लोन ब्याज जैसी डिडक्शंस का भरपूर लाभ ले रहे हैं, तो पुरानी टैक्स व्यवस्था आपके लिए फायदेमंद हो सकती है। लेकिन अगर आपकी इनकम सिंपल है, और आप ज्यादा निवेश नहीं करते, तो नई व्यवस्था आपके लिए बेहतर साबित हो सकती है।"