टीसीएस में 12,200 एंप्लॉयीज की नौकरी जाने वाली है। देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी में छंटनी की इस खबर से नौकरी करने वाले लोगों खासकर आईटी प्रोफेशनल्स का बड़ा झटका लगा है। यह आईटी सेक्टर पर बढ़ते दबाव का संकेत हो सकता है। आईटी कंपनियां आर्टिफिशियल इंटलिजेंस, कमजोर डिमांड और टैरिफ की वजह से उथल-पुथल का सामना कर रही हैं। इस बीच, टीसीएस के सीईओ और एमडी के कृत्तिवासन ने कहा है कि यह अब तक लिए गए सबसे कड़े फैसलों में से एक है। कंपनी ने खुद को मजबूत बनाने और भविष्य के लिए तैयार करने के मकसद से यह फैसला किया है। सवाल है कि जिन एंप्लॉयीज की नौकरी जाएगी, उनके सामने क्या विकल्प होगा?
मुश्किल वक्त के लिए खुद को रखें तैयार
नौकरी करने वाले लोगों के लिए मुश्किल वक्त के लिए खुद को तैयार रखना जरूरी है। TCS में छंटनी से एक बार फिर इसकी जरूरत महसूस की जा रही है। फाइनेंशियल प्लान उनकी समस्या को कुछ हद तक दूर कर सकता है। अचानक नौकरी जाने (Layoff) पर व्यक्ति को बड़ा झटका लगता है। इसका असर उसके सोचनेसमझने की क्षमता पर भी पड़ता है। अगर उसके पास जरूरी खर्चों के लिए अच्छा सपोर्ट नहीं है तो उसकी मुश्किल और बढ़ जाती है। छंटनी का असर न सिर्फ व्यक्ति पर पड़ता है बल्कि परिवार के हर सदस्य पर पड़ता है।
अचानक मुश्किल के लिए इमर्जेंसी फंड
मुश्किल वक्त के लिए फाइनेंशियल प्लानिंग जरूरी है। फाइनेंशियल प्लानिंग की दिशा में इमर्जेंसी फंड पहला कदम है। आपके पास कम से कम 6-12 महीनों के खर्च के लिए इमर्जेंसी फंड होना चाहिए। बैंक सेविंग्स अकाउंट और लिक्विड फंड में इमर्जेंसी फंड का पैसा रखा जा सकता है। लिक्विड फंड में EMI के जरिए भी इमर्जेंसी फंड बना सकते हैं। अगर आपके पास कई सेविंग्स बैंक अकाउंट् हैं जिसमें पैसे पड़े हैं तो उसका इस्तेमाल भी इमर्जेंसी फंड बनाने के लिए किया जा सकता है। अगर किसी ऐसे इंश्योरेंस प्लान में इनवेस्ट किया है, जिसमें इंश्योरेंस का कंपोनेंट ज्यादा नहीं और उसका रिटर्न कम है तो इमर्जेंसी फंड बनाने के लिए उससे पैसा निकाला जा सकता है।
लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस जरूर खरीदें
अगर आपने पर्याप्त कवर वाली लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी नहीं ली है तो इसे जल्द ले लें। यह आपको परिवार को आर्थिक सुरक्षा देता है। हेल्थ इंश्योरेंस भी काफी जरूरी है। इसकी वजह यह है कि कंपनी की तरफ से मिली हेल्थ पॉलिसी आपकी नौकरी जाने या कंपनी छोड़ते ही खत्म हो जाती है। अगर आपके पास अपनी हेल्थ पॉलिसी है तो नौकरी जाने के बाद भी किसी मेडिकल इमर्जेंसी की चिंता करने की जरूरत नहीं रह जाती है।
खर्च में अनुशासन बरतें और बजट का ध्यान रखें
अगर आपकी इनकम का स्रोत बंद हो गया है तो सबसे पहले आपको उन खर्चों को बंद करना होगा, जिसके बगैर आपका काम चल सकता है। उदाहरण के लिए तब होम अप्लायंसेज और गैजेट खरीदना बेवकूफी होगी। आपको सिर्फ घर की EMI, स्कूल की फीस, यूटिलिटी बिल के पेमेंट्स, इंश्योरेंस प्रीमियम जैसे खर्चों पर फोकस करना होगा। अगर आप बजट बनाकर खर्च करेंगे तो काफी सहूलियत होगी।
रिटायरमेंट फंड का इस्तेमाल करने से बचें
कई लोग नौकरी जाने पर अपने रिटायरमेंट फंड का इस्तेमाल करना शुरू कर देते हैं। यह ठीक नहीं है। अगर आपने रिटायरमेंट बाद के खर्चों के लिए शेयर, म्यूचुअल फंड्स आदि में निवेश किया है तो उससे पैसे निकालने की कोशिश नहीं करें। एनपीएस और पीपीएफ से पैसे निकालने के बारे में भी नहीं सोचें। रिटायरमेंट फंड से पैसे निकालने पर लंबी अवधि में आपको काफी नुकसान का सामना करना पड़ेगा।