नवंबर 2025 से भारत में कई महत्वपूर्ण वित्तीय नियमों में बदलाव लागू हुए हैं जिनका असर आम जनता के बैंकिंग व्यवहार, कराधान, डिजिटल भुगतान, आधार अपडेट और पेंशन व्यवस्था पर पड़ रहा है। इन नियमों का उद्देश्य वित्तीय प्रक्रियाओं को और पारदर्शी, सुरक्षित और सुविधाजनक बनाना है।
बैंकिंग नामांकन नियमों में बदलाव 
1 नवंबर से बैंक खातों, सेफ्टी लॉकर्स और सुरक्षित वस्तुओं के लिए एक से ज्यादा नामांकन (नॉमिनी) की सुविधा मिलेगी। अब खाताधारक एक साथ चार तक नॉमिनी बना सकेंगे और प्रत्येक को किस हिस्से का लाभ मिलेगा, यह तय कर सकेंगे। इससे उत्तराधिकार प्रक्रिया आसान और विवाद रहित होगी।
यूआईडीएआई ने बच्चों के बायोमेट्रिक आधार अपडेट के लिए 1 साल तक कोई फीस नहीं लेने का फैसला किया है। बड़ों के लिए नाम, पता, जन्मतिथि या मोबाइल नंबर अपडेट की फीस ₹75 और बायोमैट्रिक बदलाव ₹125 होगी। कई अपडेट अब ऑनलाइन भी संभव होंगे, जिससे लोगों की सुविधा बढ़ेगी।
नए वित्त वर्ष से GST स्लैब को सरल बनाया जाएगा। 12% और 28% स्लैब हटाकर दो मुख्य स्लैब लागू होंगे, साथ ही लक्जरी एवं सिन गुड्स पर उच्चतम 40% स्लैब रहेगी। इससे टैक्स संरचना अधिक पारदर्शी और व्यापार के लिए आसान होगी।
पेंशन नियमों में अहम बदलाव 
केंद्र और राज्य सरकार के पेंशनभोगियों को समय पर जीवन प्रमाणपत्र जमा करना अनिवार्य होगा। साथ ही राष्ट्रीय पेंशन योजना और यूनिफाइड पेंशन योजनाओं में बदलाव होंगे, जिसमें योजना में स्विचिंग की समय सीमा भी नवंबर 2025 तक बढ़ाई गई है।
SBI कार्ड शुल्क और डिजिटल भुगतान नियम 
एसबीआई कार्डधारकों को शिक्षा भुगतान और डिजिटल वॉलेट रिचार्ज पर 1% अतिरिक्त शुल्क दिया जाएगा। साथ ही टोल भुगतान में अप्रूव्ड डिजिटल माध्यमों जैसे UPI के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जाएगा, पर टोल शुल्क में थोड़ा इजाफा होगा।
पंजाब नेशनल बैंक लॉकर रेंट में कमी 
PNB ने देशभर में लॉकर रेंट में कटौती का ऐलान किया है, जो आधिकारिक सूचना के 30 दिन बाद लागू की जाएगी। यह ग्राहकों के लिए राहत की बात होगी।
KYV (Know Your Vehicle) वेरिफिकेशन पूरी न करने वाली गाड़ियों के FASTags डीएक्टिवेट किए जा सकते हैं। प्रोसेस को आसान बनाने के लिए बैंकों को ग्राहकों को रिमाइंडर भेजने का निर्देश दिया गया है।
इन नए नियमों से वित्तीय लेनदेन में वृद्धि और सुरक्षा दोनों सुनिश्चित होंगी। उपभोक्ताओं को इन बदलावों से अवगत रहना जरूरी है ताकि वे समय से अपनी वित्तीय योजनाओं में सुधार कर सकें और किसी भी तरह की परेशानी से बच सकें।