पर्सनल लोन लेना है? सिर्फ ब्याज दर ही नहीं, ये चार्जेज भी आपकी जेब पर भारी पड़ सकते हैं
30 March, 2025 | 11:00 IST
अगर आप पर्सनल लोन लेने की सोच रहे हैं, तो सिर्फ इंटरेस्ट रेट देखकर फैसला लेना समझदारी नहीं है. कई ऐसे चार्जेज होते हैं, जो लोन की टोटल कॉस्ट बढ़ा सकते हैं. EMI निकालने से पहले ये जानना जरूरी है कि आपको सिर्फ प्रिंसिपल और इंटरेस्ट नहीं, बल्कि प्रोसेसिंग फीस, प्रीपेमेंट चार्ज और लेट पेमेंट फी जैसे खर्चे भी उठाने होंगे.
भारत में पर्सनल लोन की कॉस्ट इंटरेस्ट रेट से कहीं ज्यादा होती है. आइए समझते हैं कि लोन लेते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.
इंटरेस्ट रेट : ये सबसे नजर आने वाला फैक्टर होता है, जो ये तय करता है कि आपको लोन पर कितना इंटरेस्ट देना होगा. हर लेंडर का रेट अलग होता है और ये आपके क्रेडिट स्कोर, लोन के टाइप और लेंडर की पॉलिसी पर निर्भर करता है.
प्रोसेसिंग फीस : ये एक वन टाइम चार्ज होता है, जो लेंडर आपकी लोन एप्लिकेशन को प्रोसेस करने के लिए लेता है. ये अमाउंट अक्सर लोन के कुल अमाउंट का कुछ परसेंट होता है, जो 4% तक जा सकता है. कुछ लेंडर फ्लैट फीस भी लेते हैं. ये फीस छोटी लग सकती है, लेकिन कुल रीपेमेंट अमाउंट में इसका भी असर पड़ता है.
प्रीपेमेंट या फोरक्लोजर चार्ज : अगर आप लोन को समय से पहले रीपे करना चाहते हैं तो उस पर भी प्रीपेमेंट या फोरक्लोजर चार्ज लग सकते हैं. ये चार्ज आमतौर पर बचे हुए लोन अमाउंट का 2% से 5% तक होते हैं. लोन लेने से पहले ये कन्फर्म कर लें कि क्या आपका लेंडर ऐसे कोई चार्ज लेता है.
लेट पेमेंट फीस : EMI समय पर ना देने पर लेट पेमेंट फीस भी लगती है. ये या तो फिक्स अमाउंट होती है या मिस हुई EMI का कुछ परसेंट. बार-बार देरी करने से आपका क्रेडिट स्कोर भी प्रभावित होता है, जिससे आगे चलकर लोन लेना मुश्किल हो सकता है.
दूसरे चार्जेज : कुछ लेंडर डाक्यूमेंटेशन या एडमिनिस्ट्रेशन जैसे छोटे-मोटे खर्चे भी जोड़ते हैं. इसलिए किसी भी लोन के टर्म्स एंड कंडीशन्स अच्छे से पढ़ना ज़रूरी है.
अब डिजिटल प्लेटफॉर्म जैसे मनीकंट्रोल ने लोन लेना और भी आसान बना दिया है. यहां से आप इंस्टेंट पर्सनल लोन के लिए अप्लाई कर सकते हैं, जो 100% पेपरलेस प्रोसेस है. यहां 50 लाख तक का लोन मिल सकता है और इंटरेस्ट रेट 10.5% प्रति वर्ष से शुरू होता है. आप सभी चार्जेज और EMI को मनीकंट्रोल के ऐप और वेबसाइट के जरिए ट्रैक कर सकते हैं.
अगर आप पर्सनल लोन की कॉस्ट कम रखना चाहते हैं, तो कुछ स्मार्ट स्टेप्स फॉलो कर सकते हैं. सबसे पहले अपना क्रेडिट स्कोर सुधारें, ताकि कम इंटरेस्ट रेट पर लोन मिले. इसके अलावा, एक ही लेंडर से डील करने की बजाय, अलग-अलग ऑफर्स की तुलना करें. जितना हो सके उतना छोटी टेन्योर चुनें ताकि इंटरेस्ट कम देना पड़े. अगर आपका क्रेडिट प्रोफाइल स्ट्रॉन्ग है, तो प्रोसेसिंग फी या दूसरे चार्जेज पर नेगोशिएशन करने की भी कोशिश करें.
Moneycontrol जैसे प्लेटफॉर्म्स पर तो 50 लाख तक का इंस्टेंट लोन ऑफर किया जा रहा है, जिसमें पूरा प्रोसेस 100% डिजिटल है. यहां 10.5% सालाना से शुरू होने वाले इंटरेस्ट रेट पर लोन मिल सकता है और कोई हिडन चार्ज भी नहीं होता.
सारांश
साफ है कि पर्सनल लोन लेते समय सिर्फ इंटरेस्ट रेट देखना काफी नहीं है. बाकी चार्जेज भी टोटल कॉस्ट को काफी बढ़ा सकते हैं. इसलिए सही जानकारी लें और सोच-समझकर फैसला करें. मनीकंट्रोल जैसे प्लेटफॉर्म पर आपको सही गाइडेंस और आसान एप्लिकेशन प्रोसेस मिल सकता है, जिससे आप एक्स्ट्रा खर्चे से बच सकते हैं और अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग बेहतर बना सकते हैं.
यह अंश/लेख किसी बाहरी पार्टनर द्वारा लिखा गया है और मनीकंट्रोल की संपादकीय टीम के काम को प्रतिबिंबित नहीं करता है। इसमें मनीकंट्रोल द्वारा पेश किए गए उत्पादों और सेवाओं के संदर्भ शामिल हो सकते हैं।
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