UPI Charges News: क्या 3,000 रुपये या उससे अधिक के यूपीआई ट्रांजेक्शन पर चार्ज लगेगा? अब सरकार ने इस पर जवाब दिया है। हाल ही में सोशल मीडिया पर ऐसी खबरें आ रही हैं कि सरकार आने वाले समय में यूपीआई (UPI) से बड़े अमाउंट के ट्रांजेक्शन पर चार्ज देना पड़ सकता है। ऐसा कहा जा रहा था कि सरकार बड़े अमाउंट के के ट्रांजेक्शन पर MDR (Merchant Discount Rate) लगाने की योजना बना रही है, जिससे UPI से पेमेंट करना महंगा हो सकता है। अब सरकार की तरफ से जवाब आया है।
वित्त मंत्रालय ने कही ये बात
अब वित्त मंत्रालय ने इस पर पूरी तरह से सफाई दे दी है। मंत्रालय ने कहा है कि इस तरह की खबरें झूठी, बेबुनियाद और गुमराह करने वाली हैं। सरकार का साफ कहना है कि वो UPI के जरिए डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देना चाहती है और UPI पर किसी तरह का चार्ज लगाने का कोई प्लान नहीं है। मंत्रालय ने लोगों से अपील की है कि वे ऐसी अफवाहों पर ध्यान न दें। सरकार ने साफ कर दिया है कि वह UPI को मुफ्त और सुविधाजनक बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। इसलिए, सोशल मीडिया पर चल रही इन अफवाहों पर भरोसा न करें।
MDR वह फीस होती है जो बैंक मर्चेंट्स से वसूलते हैं, जब वे ग्राहकों से डिजिटल पेमेंट लेते हैं। पहले डेबिट कार्ड से पेमेंट करने पर मर्चेंट को 1% तक MDR देना पड़ता था, लेकिन साल 2020 में सरकार ने डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए डेबिट कार्ड पर MDR खत्म कर दिया था। हालांकि, क्रेडिट कार्ड से ट्रांजेक्शन पर अभी भी MDR लगता है, जो आमतौर पर 1% से 3% के बीच होता है। यह चार्ज ट्रांजेक्शन के साइज, कार्ड टाइप और मर्चेंट कैटेगरी पर निर्भर करता है।
मई में रिकॉर्ड तोड़ UPI ट्रांजेक्शन
UPI भारत का सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म बन चुका है। इसे नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) मैनेज करता है।
मई 2025 में UPI के जरिए रिकॉर्ड 18.68 बिलियन ट्रांजेक्शन हुए, जिनकी कुल वैल्यू 25.14 लाख करोड़ रुपये रही। अप्रैल में यह आंकड़ा 23.95 लाख करोड़ रुपये था। पिछले साल मई की तुलना में UPI ट्रांजेक्शन में 33% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।