भारत में कई लोगों के मन में यह सवाल बार-बार आता है कि अगर किसी के पति, पिता या कोई नजदीकी रिश्तेदार विदेश से बैंक खाते में पैसा भेजता है, तो क्या इसे गिफ्ट माना जाएगा और उस पर टैक्स देना पड़ेगा या नहीं। टैक्स नियमों की सही जानकारी न होने के कारण कई बार लोग असमंजस में रहते हैं और टैक्स नोटिस मिलने का डर बना रहता है।
कौन से ट्रांसफर पर टैक्स देना है जरूरी?
विदेश से भारत में पैसे आने के मामले दो तरह के होते हैं। पहला, जब किसी भारतीय को विदेश में किए गए बिजनेस, सर्विस या फ्रीलांसिंग के बदले में पैसा मिलता है। ऐसे मामलों में इसे आय माना जाता है और इनकम टैक्स नियमों के अनुसार टैक्स देना अनिवार्य है। अगर टैक्स नहीं चुकाया गया, तो आयकर विभाग नोटिस भेज सकता है और पेनल्टी भी लगा सकता है। दूसरा, जब विदेश में काम कर रहा कोई रिश्तेदार सिर्फ गिफ्ट के रूप में पैसा भेजता है जैसे कि पति, पत्नी, माता-पिता, बेटा, बेटी या अन्य नजदीकी संबंधी।
अगर कोई गैर-रिश्तेदार साल में 50,000 रुपये से अधिक भेजता है, तो यह इनकम माना जाएगा और उसके ऊपर टैक्स देना होगा। लेकिन अगर NRI रिश्तेदार जैसे पति, पिता, माता, भाई, बहन आदि विदेश से धन भेजते हैं, तो आयकर विभाग ऐसे पैसे को गिफ्ट मानता है और उस पर टैक्स नहीं लेता। उदाहरण के लिए, अगर किसी रिश्तेदार ने दुबई से 5 लाख रुपये भेजे, तो उस पैसे पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। यह नियम भारतीय इनकम टैक्स नियमों के तहत "नजदीकी रिश्तेदार" (specified relatives) श्रेणी में आता है।
निवेश करने पर रिटर्न टैक्सेबल
हालांकि, अगर आपको गिफ्ट के रूप में विदेश से पैसा मिला है और बाद में आपने इस रकम को फिक्स डिपॉजिट, शेयर, बांड, म्यूचुअल फंड या किसी और इन्वेस्टमेंट में लगाया तो उस निवेश से होने वाली आय (इंटरेस्ट, डिविडेंड, कैपिटल गेन, आदि) पर आपको टैक्स देना होगा। गिफ्ट के लिए छूट सिर्फ भेजी गई मूल रकम पर मिलती है, न कि उसकी आमदनी पर।
अगर कोई NRI रिश्तेदार आपको विदेश से गिफ्ट मनी भेजता है, तो उस रकम पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। लेकिन गैर-रिश्तेदार की तरफ से रसीव हुई रकम 50,000 रुपये से ज्यादा है तो टैक्स अनिवार्य है। साथ ही, उस गिफ्ट के इस्तेमाल से हुई कमाई टैक्स के दायरे में आती है। टैक्स से जुड़ी हर प्रक्रिया और नियम को ध्यानपूर्वक समझना जरूरी है।