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इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का AIS से जुड़ा फीडबैक फीचर क्या है, इसके क्या फायदे हैं?

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट से जुड़े इस फीचर के बारे में 13 मई को बताया है। डिपार्टमेंट का दावा है कि इससे टैक्सपेयर्स से जुड़े फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन में पारदर्शिता आएगी। टैक्सपेयर्स किसी ट्रांजेक्शन के बारे में अपनी प्रतिक्रिया दे सकेगा

अपडेटेड May 14, 2024 पर 3:42 PM
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इस फीचर का इस्तेमाल करने के लिए टैक्सपेयर को पहले कंप्लायंस पोर्टल पर लॉग-इन करना होगा।

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट (एआईएस) में नया फीचर जोड़ा है। इसे फीडबैक मैकेनिज्म नाम दिया गया है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने इस फीचर के बारे में 13 मई को बताया है। यह टैक्सपेयर्स के लिए फायदेमंद है। इसे ठीक तरह से समझने के लिए पहले एआईएस को समझ लेना जरूरी है। एआईएस में टैक्सपेयर्स के ऐसे सभी ट्रांजेक्शन की जानकारी शामिल होती है, जिस पर टैक्स बन सकता है।

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का फीडबैक फीचर क्या है?

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट इसे कई सोर्स से मिली जानकारियों के आधार पर तैयार करता है। अब तक टैक्सपेयर्स अपने ट्रांजेक्शन की डिटेल तो देख सकता था। लेकिन, उस पर अपना फीडबैक नहीं दे सकता था। फीडबैक मैकेनिज्म फीचर के जरिए टैक्सपेयर्स फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन पर अपना फीडबैक दे सकता है। अगर उसे किसी फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन में किसी तरह की गड़बड़ दिखती है तो वह इस बारे में अपना फीडबैक दे सकता है।


फीडबैक मैकेनिज्म कैसे काम करेगा?

टैक्सपेयर किसी फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन पर फीडबैक देने के बाद उसके स्टेट्स को देख सकता है। उसका फीडबैक फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन के सोर्स के पास चला जाएगा। इसे एक उदाहरण की मदद से आसानी से समझा जा सकता है। मान लीजिए आपने किसी म्यूचुअल फंड की स्कीम के यूनिट्स बेचे हैं। म्यूचुअल फंड हाउस इस ट्रांजेक्शन की इंफॉर्मेशन इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को भेजेगा, जिसे इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आपके AIS में शामिल कर देगा। इस मामले में म्यूचुअल फंड हाउस इस ट्रांजेक्शन का सोर्स होगा।

इससे टैक्सपेयर्स को क्या फायदा होगा?

अगर आपको किसी फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन में कोई गलती दिखती है तो आप इस बारे में आप बता (Feedback) सकते हैं। उस ट्रांजेक्शन से जुड़ा सोर्स आपके फीडबैक पर एक्शन लेगा। वह उसे या तो आंशिक रूप या पूर्ण रूप से एक्सेप्ट कर सकता है। वह इसे रिजेक्ट भी कर सकता है। अगर वह इसे पूरी तरह एक्सेप्ट कर लेता है तो वह अपनी इंफॉर्मेशन को करेक्ट करेगा। फिर वह करेक्ट स्टेटमेंट इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को भेजेगा। इससे एआईएस में शामिल इंफॉर्मेशन करेक्ट कर लिया जाएगा।

इससे पारदर्शिता कैसे आएगी?

टैक्सपेयर अपने फीडबैक को देने के बाद इस फीचर के जरिए यह देख सकेगा कि उसका फीडबैक इंफॉर्मेशन के सोर्स को शेयर किया गया है या नहीं। उसे यह भी पता चलेगा कि अगर फीडबैक शेयर किया गया है तो उसे किस तारीख को शेयर किया गया है। यह भी पता चलेगा कि सोर्स ने किस तारीख पर उस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने कहा है कि इस फीचर से पारदर्शिता आएगी। टैक्सपेयर अपने एआईएस में किसी इंफॉर्मेशन को देख सकता है और उसमें किसी तरह की गलती होने पर बता सकता है।

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इसके इस्तेमाल का प्रोसेस क्या है?

इस फीचर का इस्तेमाल करने के लिए आपको पहले कंप्लायंस पोर्टल पर लॉग-इन करना होगा। आईडी और पासवर्ड से लॉगइन करने के बाद आपको एआईएस सेक्शन में जाना होगा। उसके बाद आपको फीडबैक फीचर का इस्तेमाल करते हुए किसी इंफॉर्मेशन पर फीडबैक देना होगा। इसके बाद एक ऑटोमेटेड कनफर्मेशन प्रोसेस सोर्स के साथ शुरू हो जाएगा।

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