Sovereign Gold Bond: भारतीय रिजर्व बैंक ने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) 2017-18 Series X की फाइनल रिडेम्प्शन प्राइस घोषित कर दी है। यह सीरीज 4 दिसंबर 2017 को जारी हुई थी और अब आठ साल पूरे होने पर 4 दिसंबर 2025 को मैच्योर हो रही है। निवेशकों को इस बार का रिटर्न सोने की मजबूत कीमतों की वजह से काफी ऊंचा मिलने वाला है।
कितनी मिलेगी रिडेम्प्शन प्राइस
इस सीरीज की फाइनल रिडेम्प्शन प्राइस ₹12,820 प्रति यूनिट तय की गई है। यह कीमत 1, 2 और 3 दिसंबर 2025 के दौरान 999 प्योरिटी गोल्ड के औसत क्लोजिंग प्राइस पर आधारित है। मैच्योरिटी की तारीख पर यह पैसा सीधे निवेशकों के बैंक खातों में जमा कर दिया जाएगा।
रिडेम्प्शन प्राइस कैसे तय होती है
RBI रिडेम्प्शन के समय पिछले तीन कारोबारी दिनों में 999 प्योरिटी सोने की औसत कीमत को आधार बनाता है। यह कीमतें इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) प्रकाशित करता है। इसी औसत पर SGB की अंतिम कीमत तय होती है।
निवेशकों को मिल रहा है शानदार रिटर्न
इस SGB की इश्यू प्राइस ₹2,964 प्रति यूनिट थी। यह ऑनलाइन निवेशकों के लिए ₹2,914 रही थी। मैच्योरिटी पर निवेशकों को ₹12,820 प्रति यूनिट मिलेंगे, यानी एक यूनिट पर लगभग ₹9,856–₹9,906 का फायदा। इसे मिलाकर आठ साल में कुल रिटर्न करीब 332%–340% बनता है।
सालाना आधार पर देखें तो यह लगभग 17.1%-17.3% का CAGR देता है। इसके अलावा निवेशकों को हर साल 2.5% का ब्याज भी मिला, जो आठ साल में लगभग ₹580-₹590 के आसपास जुड़ जाता है। इसलिए SGB अपने लॉन्च के बाद से सबसे फायदेमंद लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट एसेट में शामिल रहा है।
2025 में मैच्योर हुए SGBs की सूची
इस साल SGB 2017-18 की Series I से लेकर Series IX तक सभी बांड क्रमवार मैच्योर हो चुके हैं। 4 दिसंबर को Series X भी अपनी आठ वर्षीय अवधि पूरी कर लेगा।
SGB पर टैक्स कैसे लगता है
SGB पर मिलने वाला ब्याज आयकर नियमों के तहत टैक्सेबल होता है। लेकिन मैच्योरिटी पर बांड रिडीम करते समय निवेशकों को कैपिटल गेन टैक्स नहीं देना पड़ता। अगर बॉन्ड को एक्सचेंज पर बेचा जाता है, तो वहां इंडेक्सेशन बेनिफिट मिलता है।
भारत सरकार ने नवंबर 2015 में यह योजना शुरू की थी ताकि लोग सोने को भौतिक रूप में खरीदने के बजाय वित्तीय स्वरूप में निवेश करें। RBI की ओर से जारी ये बांड सोने के ग्राम में होते हैं और निवेशकों को दो फायदे देते हैं- हर साल 2.5% का ब्याज और सोने की कीमत बढ़ने पर कैपिटल गेन।
आठ साल की अवधि पूरी होने पर मैच्योरिटी विकल्प मिलता है, जबकि चाहें तो पांच साल बाद भी ब्याज भुगतान की तारीखों पर एग्जिट लिया जा सकता है। बांड स्टॉक एक्सचेंज पर ट्रेड भी होते हैं और लोन के लिए कोलैटरल के रूप में भी इस्तेमाल किए जा सकते हैं।
निवेश के लिए बैंक, SHCIL और नामित पोस्ट ऑफिस से SGB खरीदे जा सकते हैं। ऑफलाइन खरीदने पर फिजिकल सर्टिफिकेट मिलता है, जबकि ऑनलाइन खरीदने पर होल्डिंग सीधे डीमैट अकाउंट में दिखाई देती है। बॉन्ड पर 2.5% सालाना ब्याज मिलता है, जो हर छह महीने में जमा किया जाता है।