भारत सरकार ने डिजिटल सुरक्षा को लेकर सबसे बड़ा फैसला किया है। डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन्स (DoT) ने भारत में बेचे जाने वाले या बाहर से मंगाए जाने वाले हर नए मोबाइल फोन में 'संचार साथी ऐप' पहले से इंस्टॉल होना अनिवार्य कर दिया है। इस ऐप को फोन से हटाया नहीं जा सकेगा। सोमवार को DoT ने ये निर्देश सभी मोबाइल कंपनियों (OEMs) और इंपोर्टर्स को जारी कर दिया गया है। सरकार का ये नियम Apple, Samsung, Xiaomi, Oppo और Vivo जैसी सभी बड़ी कंपनियों के स्मार्टफोन्स पर लागू किया जाएगा।
निर्देश में कंपनियों से कहा गया है कि फोन सेट करते समय संचार साथी ऐप यूजर को साफ दिखना चाहिए और आसानी से खुल जाना चाहिए। साथ ही, ऐप की कोई भी सुविधा बंद या सीमित नहीं होनी चाहिए, ताकि यूजर इसका पूरा इस्तेमाल कर सके। सरकार के इस नियम के बाद से हर कोई ये जानना चाह रहा होगा की क्या है संचार साथी ऐप और इसका कैसे करें इस्तेमाल
DoT ने निर्देश दिया कि अगले 90 दिनों के भीतर सभी नई डिवाइसों में संचार साथी ऐप पहले से इंस्टॉल होना चाहिए। जो मोबाइल फोन पहले ही बनकर बाजार में पहुंच चुके हैं, उनके लिए सरकार ने कंपनियों और इंपोर्टर्स से कहा है कि वे सॉफ्टवेयर अपडेट के जरिए संचार साथी ऐप को यूजर तक पहुंचाए। DoT ने कहा कि ये कदम इसलिए उठाया गया ताकि लोग नकली फोन खरीदने से बच सकें, टेलीकॉम से जुड़े किसी भी गलत इस्तेमाल की आसानी से शिकायत कर सकें और संचार साथी पहल को और अधिक प्रभावी बनाया जा सके।
मई 2023 में शुरू किया गया 'संचार साथी ऐप' पोर्टल खोए हुए मोबाइल फोन की शिकायत दर्ज करने और उन्हें ब्लॉक कराने की सुविधा देता है। इसके अलावा, यह संदिग्ध या खतरनाक वेब लिंक की रिपोर्ट करने, अपने नाम पर कितने मोबाइल कनेक्शन चल रहे हैं ये जांचने और बैंकों व फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन्स के ट्रस्टेड कॉन्टैक्ट नंबर चेक करने में भी मदद करता है।
ये ऐप कई और सुविधाएं भी देगा, जैसे यूजर के नाम पर कितने मोबाइल कनेक्शन चल रहे हैं, इसकी जांच करना, फोन असली है या नकली यह पता लगाना। इसके साथ किसी संदिग्ध कॉल या स्पैम की शिकायत दर्ज करना। इसके अलावा, अगर किसी भारतीय नंबर से इंटरनेशनल कॉल आता है, तो यूजर उसकी रिपोर्ट भी कर सकता है। खास बात यह है कि इन सेवाओं के लिए फोन पर OTP वेरिफिकेशन की भी जरूरत नहीं होगी।
संचार साथी वेबसाइट के आंकड़ों के मुताबिक, इस पहल के जरिए अब तक 42.14 लाख से ज्यादा मोबाइल फोन ब्लॉक किए जा चुके हैं। इसके साथ 26.11 लाख से अधिक खोए या चोरी हुए हैंडसेट का पता लगाया गया है। इसके अलावा, लोगों ने अपने नाम पर रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर जानने के लिए 288 लाख से अधिक रिक्वेस्ट भेजी हैं, जिनमें से 254 लाख से ज्यादा मामलों का समाधान भी कर दिया गया है।
संचार साथी ऐप को लेकर लोगों में काफी दिलचस्पी देखी गई है। अब तक 1.14 करोड़ से ज्यादा यूजर्स ऐप पर रजिस्टर कर चुके हैं। Google Play Store पर इसे 1 करोड़ से अधिक बार डाउनलोड किया गया है, जबकि Apple Store से इसके 9.5 लाख से ज्यादा डाउनलोड हो चुके हैं।