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Investment Tips: डिविडेंड और ग्रोथ फंड में क्या है फर्क? जानिए कौन सा विकल्प है आपके लिए उपयुक्त

Investment Tips: म्यूचुअल फंड में निवेश करते समय अपनी वित्तीय लक्ष्य, जोखिम सहनशीलता और निवेश अवधि को समझना जरूरी होता है। 2025 में विविध विकल्पों के साथ म्यूचुअल फंड निवेश से जोखिम कम कर बेहतर रिटर्न हासिल किया जा सकता है।

MoneyControl Newsअपडेटेड Sep 23, 2025 पर 5:33 PM
Investment Tips: डिविडेंड और ग्रोथ फंड में क्या है फर्क? जानिए कौन सा विकल्प है आपके लिए उपयुक्त

म्यूचुअल फंड में निवेश करते समय कई बार निवेशकों के सामने दो विकल्प आते हैं ग्रोथ ऑप्शन और डिविडेंड ऑप्शन, जिसे अब 'इनकम डिस्ट्रीब्यूशन कम कैपिटल विदड्रॉल' (IDCW) के नाम से जाना जाता है। ये दोनों निवेश की अलग-अलग रणनीतियां हैं, जिनका प्रभाव निवेश की प्रकृति और लाभ पर पड़ता है।

ग्रोथ ऑप्शन में म्यूचुअल फंड से होने वाला मुनाफा फंड में ही पुनः निवेशित किया जाता है, जिससे आपकी पूंजी पर कंपाउंडिंग का फायदा होता है। इस वजह से आपकी निवेश की कुल राशि और फंड की नेट एसेट वैल्यू (NAV) समय के साथ तेजी से बढ़ती है। यह विकल्प उन निवेशकों के लिए उपयुक्त है जो लंबी अवधि के लिए अपने पैसे को बढ़ाना चाहते हैं, जैसे कि रिटायरमेंट की योजना या बच्चों की शिक्षा के लिए बचत।

वहीं, डिविडेंड ऑप्शन में समय-समय पर फंड आपके मुनाफे का कुछ हिस्सा निवेशक को सीधे भुगतान करता है। यह भुगतान निश्चित नहीं होता और इसकी वजह से फंड की NAV में कमी आ जाती है। IDCW विकल्प उन लोगों के लिए बेहतर होता है जिन्हें नियमित आय की आवश्यकता होती है, जैसे सेवानिवृत्ति के बाद के समय में या जिनके लिए महीने के खर्चों को पूरा करना प्राथमिकता हो।

SEBI ने भी डिविडेंड ऑप्शन का नाम बदलकर IDCW किया है ताकि निवेशकों को सही जानकारी मिल सके कि यह आय फंड के लाभ और निवेश की पूंजी दोनों से आती है, और यह कोई सुनिश्चित आय नहीं होती। डिविडेंड आय पर टैक्स भी साधारण आय के रूप में लगाया जाता है, जबकि ग्रोथ ऑप्शन में टैक्स केवल तब लगता है जब आप अपनी यूनिट्स बेचते हैं।

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