आज के समय में पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड ईएमआई दोनों ही आम फाइनेंसिंग विकल्प हैं, जो लोगों को जरूरत के हिसाब से पैसे उधार लेने में मदद करते हैं। लेकिन इन दोनों के बीच कई महत्वपूर्ण अंतर हैं, जिन्हें समझना जरूरी है ताकि आप अपने लिए सही और किफायती विकल्प चुन सकें।
पर्सनल लोन की ब्याज दरें आमतौर पर क्रेडिट कार्ड ईएमआई की तुलना में कम होती हैं और यह फिक्स्ड रेट पर आती हैं। इससे आपका मासिक ईएमआई और कुल ब्याज दोनों नियंत्रित रहते हैं। वहीं, क्रेडिट कार्ड ईएमआई की शुरुआत पर ब्याज दर कम लग सकती है, लेकिन प्रोसेसिंग फीस, क्रेडिट लिमिट पर प्रभाव और किसी भी किस्त में चूक होने पर अतिरिक्त शुल्क जुड़ने से इसकी कुल लागत बढ़ सकती है।
पर्सनल लोन में आप बड़ी राशि तक फंडिंग हासिल कर सकते हैं, जिससे यह बड़े खर्चों के लिए उपयुक्त होता है। इसके अलावा, पर्सनल लोन की पुनर्भुगतान अवधि लंबी होती है, जो 6 महीने से 8 साल तक हो सकती है। इसके विपरीत, क्रेडिट कार्ड ईएमआई आमतौर पर छोटे और मीडियम खर्चों के लिए कहे जाते हैं, जिनका पुनर्भुगतान अवधि छोटा होता है।
क्रेडिट लिमिट और स्कोर पर प्रभाव 
क्रेडिट कार्ड ईएमआई लेने से आपकी क्रेडिट लिमिट प्रभावित होती है और भुगतान न करने पर आपका क्रेडिट स्कोर भी खराब हो सकता है। पर्सनल लोन लेने पर यह प्रभाव कम होता है क्योंकि यह अलग से होता है और आपकी क्रेडिट कार्ड लिमिट को ब्लॉक नहीं करता।
यदि आप बड़े खर्च को लंबे समय में किस्तों में चुकाना चाहते हैं और निश्चित मासिक भुगतान योजना चाहते हैं, तो पर्सनल लोन बेहतर विकल्प है। वहीं अगर आपका खर्च छोटा है और आप जल्द से जल्द उसे चुका सकते हैं, तो क्रेडिट कार्ड ईएमआई योजना सुविधाजनक हो सकती है, बशर्ते उसमें कोई छिपे हुए शुल्क न हों।
पर्सनल लोन लंबी अवधि और बड़े खर्चों के लिए किफायती और व्यवस्थित है, जबकि क्रेडिट कार्ड ईएमआई छोटी अवधि और छोटे खर्चों के लिए एक सुविधाजनक विकल्प है। सही निर्णय लेने के लिए ब्याज दर, कुल लागत, टेन्योर, और अपनी वित्तीय स्थिति का ध्यान रखें, ताकि आपको ईएमआई भुगतान में कोई परेशानी न हो।