ITR Refund: कई ऐसे टैक्सपेयर्स हैं, जिन्होंने जून या जुलाई में अपना Income Tax Return (ITR) फाइल किया, लेकिन उन्हें अब तक रिफंड नहीं मिला। देरी से परेशान होकर कई टैक्सपेयर्स ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर जाकर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को टैग कर शिकायत कर रहे हैं। आइए जानते हैं कि रिफंड क्या होता है और इसमें देरी की क्या वजह है।
Income Tax Refund क्या है?
Income Tax Refund मतलब टैक्स विभाग आपको वह पैसा वापस करता है जो आपने ज्यादा टैक्स के रूप में दे दिया हो। यानी अगर आपने अपने सालाना आय के हिसाब से जरूरत से ज्यादा टैक्स भरा है, तो अतिरिक्त पैसा सीधे आपके बैंक खाते में क्रेडिट कर दिया जाता है।
अधिक टैक्स भरने की कई वजह हो सकती है। जैसे कि किसी टैक्सपेयर्स का नौकरी में कंपनी या बैंक ने आय से ज्यादा TDS काट लिया हो, उसने अनुमानित टैक्स पहले ही जमा कर दिया हो, टैक्स छूट या डिडक्शन का पूरा फायदा न लिया हो, या ITR भरते समय गणना में कोई गलती हो गई हो। ऐसे मामलों में ज्यादा भरा गया टैक्स रिफंड के रूप में वापस मिलता है।
रिफंड प्रोसेसिंग आमतौर पर तभी शुरू होती है, जब टैक्सपेयर्स अपनी रिटर्न को ई-वेरिफाई कर देते हैं। इनकम टैक्स विभाग के अनुसार, आम तौर पर रिफंड खाते में क्रेडिट होने में 4-5 सप्ताह लगते हैं। अगर इस अवधि में रिफंड नहीं आता है, तो टैक्सपेयर्स को e-filing पोर्टल पर जाकर स्टेटस चेक करना चाहिए।
ITR रिफंड स्टेटस कैसे चेक करें
रिफंड स्टेटस का मतलब क्या है?
रिफंड फेल होने के आम कारण
रिफंड में देरी के अन्य कारण
छोटी-मोटी गलतियां- जैसे अधूरी ई-वेरिफिकेशन, गलत अकाउंट डिटेल्स या पुराना पता भी रिफंड में देरी कर सकती हैं। अगर रिटर्न में टैक्स क्रेडिट आपके Annual Information Statement (AIS) से मेल नहीं खाता, तो भी रिफंड में देरी हो सकती है। वहीं, रिटर्न में घोषित रकम और नियोक्ता, बैंक या वित्तीय संस्थान द्वारा रिपोर्ट की गई रकम में कोई भी छोटा अंतर रिफंड में देरी कर सकता है।