Income Tax Notice: पिछले दिनों कौशांबी (उत्तर प्रदेश) के मंगल प्रसाद ने Dream11 फैंटेसी स्पोर्ट्स प्लेटफॉर्म पर महज ₹39 में एंट्री लेकर 4 करोड़ रुपये जीत लिए। एक प्लाईवुड फैक्ट्री में काम करने वाले मंगल प्रसाद को टैक्स काटने के बाद 4 करोड़ में से 2.44 लाख मिलने हैं। अगर मंगल प्रसाद ने इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) में सही से जानकारी नहीं दी, तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट उन्हें नोटिस जारी करके पूछ भी सकता है कि अचानक से उनके पास इतना पैसा कहां से आया।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट असल में आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 133(6) के तहत किसी को भी नोटिस भेज सकता है। हालांकि, इसका मतलब यह नहीं कि आपको कोई गड़बड़ की है या फिर आपके खिलाफ कोई जांच शुरू हो गई है। एक्सपर्ट के मुताबिक, यह रूटीन प्रक्रिया का हिस्सा है, जिसका मकसद सिर्फ जानकारी जुटाना होता है।
क्या कहती है धारा 133(6)?
टैक्स एक्सपर्ट के मुताबिक, धारा 133(6) टैक्स अधिकारियों को यह अधिकार देती है कि वे किसी भी व्यक्ति या संस्था से वित्तीय जानकारी मांग सकें, चाहे उस समय कोई असेसमेंट या जांच लंबित हो या नहीं। ऐसे नोटिस अक्सर तब भेजे जाते हैं, जब टैक्स रिटर्न में कोई असंगति हो, किसी खाते में हाई वैल्यू का लेनदेन हुआ हो, अचानक हुई आय में वृद्धि हो गई हो, या फिर डिडक्शन का असामान्य दावा किया गया हो।
कौन से दस्तावेज मांगता है विभाग?
अगर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को कुछ भी असामान्य लगता है, तो वह आमतौर पर कुछ दस्तावेज मांगता है, ताकि चीजों को कन्फर्म किया जा सके। जैसे कि:
कई बार ऐसे नोटिस उन तीसरे पक्षों को भी भेजे जा सकते हैं जो संबंधित टैक्सपेयर्स से किसी लेन-देन में शामिल हों, जैसे बैंक, वेंडर या व्यापारी।
नोटिस मिलने के बाद क्या करें?
अगर आपको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से नोटिस आए, तो घबराने की जरूरत नहीं है। ऐसे में कुछ बातों का ध्यान रखकर कदम उठाना चाहिए:
क्या यह नोटिस परेशानी का संकेत है?
टैक्स एक्सपर्ट का जवाब है, बिल्कुल नहीं। उनका कहना है कि धारा 133(6) के तहत जारी नोटिस सिर्फ सूचना मांगने लिए होती है। इसके आधार पर अपनेआप कोई कानूनी कार्यवाही शुरू नहीं की जा सकती।
भविष्य में ऐसे नोटिस से कैसे बचें?
टैक्सपेयर्स को अपने वित्तीय लेन-देन में पारदर्शिता बनाए रखनी चाहिए। इससे आप गैरजरूरी टैक्स नोटिस से बच सकते हैं:
एक्सपर्ट का मानना है कि अधिकांश नोटिस डेटा में विसंगति के कारण भेजे जाते हैं। अगर आपकी जानकारी दुरुस्त है, तो चिंता की कोई बात नहीं। अगर आपको ऐसा कोई नोटिस मिले, तो आप प्रोफेशनल टैक्स एक्सपर्ट की सलाह लेकर भी सही जानकारी जमा कर सकते हैं।