जीरोधा एएमसी के लिक्विडकेस का एयूएम 7 दिन में 150 करोड़ के पार, जानिए इस ईटीएफ की खास बातें

लिक्विडकेस कई मायनों में ट्रेडिशनल ईटीएफ से अलग है। ट्रेडिशनल लिक्विड ईटीएफ एक फिक्स्ड नेट एसेट वैल्यू (NAV)/प्राइस मेंटेन करते हैं। इसमें इनवेस्टर्स को कैश या यूनिट्स के रूप में रिटर्न ऑफर किया जाता है। लिक्विडकेस के काम करने का तरीका अलग है। इसके एनएवी में स्कीम के प्रदर्शन के आधार पर रोजाना बदलाव होता है

अपडेटेड Feb 06, 2024 पर 6:00 PM
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लिक्विडकेस एक ग्रोथ इक्विटी ट्रेडेड फंड (ETF) है। इसमें डिविडेंड के रूप में मिला पैसा टोटल कॉर्पस या नेट एसेट वैल्यू (NAV) में जोड़ दिया जाता है।

जीरोधा (Zerodha) एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) के लिक्विडकेस (Liquid ETF) का एयूएम 150 करोड़ पार कर गया है। जीरोधा ने लिक्विडकेस को सिर्फ 7 दिन पहले लॉन्च किया था। लिक्विडकेस एक ग्रोथ इक्विटी ट्रेडेड फंड (ETF) है। इसमें डिविडेंड के रूप में मिला पैसा टोटल कॉर्पस या नेट एसेट वैल्यू (NAV) में जोड़ दिया जाता है। लिक्विडकेस कई मायनों में ट्रेडिशनल ईटीएफ से अलग है। ट्रेडिशनल लिक्विड ईटीएफ एक फिक्स्ड नेट एसेट वैल्यू (NAV)/प्राइस मेंटेन करते हैं। इसमें इनवेस्टर्स को कैश या यूनिट्स के रूप में रिटर्न ऑफर किया जाता है। लिक्विडकेस के काम करने का तरीका अलग है। इसके एनएवी में स्कीम के प्रदर्शन के आधार पर रोजाना बदलाव होता है।

लिक्विडकेस और दूसरे लिक्विड ईटीएफ के बीच निम्नलिखित फर्क हैं :

डायनेमिक एनएवी: लिक्विडकेस की एनएवी रोज बदलती है, जिससे स्कीम के प्रदर्शन के बारे में रियल टाइम जानकारी मिलती है। इसके मुकाबले ट्रेडिशनल ईटीएफ की एनएवी में एनएवी में रोजाना बदलाव नहीं होता है।


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पीएंडएल ट्रैकिंग: लिक्विडकेस एंट्री और एग्जिट प्राइसेज में अंतर के जरिए इनवेस्टर्स को प्रॉफिट एंड लॉस (P&L) ट्रैकिंग ऑफर करता है। यह फीचर ट्रेडिशनल ईटीएफ में उपलब्ध नहीं है। उसमें रिटर्न यूनिट्स या कैश के फॉर्म में दिया जाता है।

परफॉर्मेंस चार्ट: लिक्विडकेस का परफॉर्मेंस चार्ट एक्चुअल ग्रोथ और फंड का परफॉर्मेंस दिखाता है, जिससे इनवेस्टर्स इसके प्रोग्रेस को एनालाइज कर सकता है। ट्रेडिशनल ईटीएफ में स्ट्रेटलाइन चार्ट की सुविधा इनवेस्टर्स को मिलती है।

फ्रैक्शनल यूनिट्स: लिक्विडकेस में फ्रैक्शनल यूनिट्स की प्रॉब्लम नहीं होती है। ट्रेडिशनल लिक्विड ईटीएफ में इनवेस्टर्स को इस दिक्कत का सामना करना पड़ता है। इससे इनवेस्टर्स को ट्रेड करना या यूनिट रिडीम करना आसान हो जाता है।

टैक्स एफिशिएंसी: लिक्विडकेस टैक्स के मामले में फायदेमंद है, क्योंकि इसमें टैक्स सिर्फ यूनिट्स बेचने पर लगता है।

जीरोधा एएमसी ने कहा है, "दूसरे लिक्विड ईटीएफ में इनवेस्टर्स को एनुअल टैक्सेशन से निपटना पड़ता है, क्योंकि पूरे साल डिविडेंड मिलता रहता है।" लिक्विड ईटीएफ को इस्तेमाल नहीं होने वाले कैश को रखने के लिए अच्छा माना जाता है। इससे मिलने वाला रिटर्न ज्यादातर सेविंग्स बैंक अकाउंट के इंटरेस्ट रेट जितना होता है।

लिक्विडकेस के बारे में ज्यादा जानकारी हासिल करने के लिए इनवेस्टर्स जीरोधा की ऑफिशियल वेबसाइट पर जा सकते हैं। वे अपने ब्रोकर अकाउंट के जरिए इसमें निवेश कर सकते हैं।

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First Published: Feb 06, 2024 5:47 PM

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